भोपाल। किसानों की फसल बीमा के लिए प्रीमियम की राशि निजी कंपनी को देने के स्थान पर अब मध्य प्रदेश सरकार खुद ही फसलों का बीमा करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए सरकार अपनी फसल बीमा कंपनी गठित करने की तैयारी कर रही है. किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है, तय किया गया है कि कंपनी के गठन के लिए एक हजार करोड़ रुपए का फंड निर्धारित किया जाए और धीरे-धीरे इसकी क्षमता बढ़ाई जाए.
फसल बीमा की अभी यह व्यवस्था
प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत मध्यप्रदेश में किसानों की फसलों का बीमा किया जाता है. इसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार बीमा योजना की प्रीमियम की राशि निजी कंपनी को देती हैं. प्रीमियम का एक हिस्सा किसान द्वारा जमा किया जाता है. देखा जाए तो मध्य प्रदेश में अभी रबी और खरीफ की फसलों को मिलाकर कुल 15 लाख किसानों को प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत कवर दिया गया था. सरकार की कोशिश है की फसल बीमा कंपनी से प्रदेश के 25 लाख किसानों को जोड़ा जाए. पहले में भी शिवराज सरकार द्वारा फसल बीमा के लिए कंपनी गठित करने की तैयारी की गई थी लेकिन कमलनाथ सरकार के समय इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था.
कितना प्रीमियम दिया सरकार ने
प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के बीमा राशि के रूप में बीमा कंपनियों को 22 सौ करोड़ रुपए की प्रीमियम राशि का भुगतान किया गया था. इसके बाद प्रदेश के 14 लाख 93 हजार 171 किसानों के खाते में 2990 करोड़ों रुपए की राशि पहुंची थी. किसानों को इस राशि का पिछले 2 सालों से इंतजार था.
इसमें खरीफ फसल का 8 लाख 33 हजार, 171 किसानों को बीमा राशि का 1990 करोड़ रुपए की राशि दी गई. जबकि रबी फसल का 1060 करोड़ रुपए दिया गया था. यह राशि 6 लाख 60 हजार किसानों को दी गई. किसानों को इस राशि का इंतजार पिछले 2 सालों से था. पिछली सरकार द्वारा प्रीमियम जमा ना किए जाने की वजह से यह राशि किसानों को नहीं मिल पाई थी.