भोपाल। गोंड कला वर्ष के उपलक्ष्य में प्रख्यात आदिवासी कलाकार दुर्गाबाई के चित्रों की प्रदर्शनी आयोजित की गई. भोपाल में भारत भवन के 38 वर्षगांठ के मौके पर इस प्रदर्शन का आयोजिन किया गया.
अभावों से जूझते हुए अपने कौशल के बदोलत मध्य प्रदेश के पिछड़े इलाके में रहने वाले अर्ध शिक्षित गोंड आदिवासी कलाकारों ने पूरी दुनिया में छाप छोड़ी है. गोंड जनजाति के कलाकार भले ही विदेशी भाषाएं नहीं जानते हो लेकिन इनकी चित्रकारी जर्मनी इटली फ्रांस और ब्रिटेन में पहुंच रही है और सराही जा रही है.
ऐसी ही कलाकार मध्य प्रदेश मंडला जिले के गांव में जन्मी दुर्गाबाई है. जो कि अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है. इनकी प्रदर्शनी भारत भवन की आर्ट गैलरी रूपाभ में भारत भवन की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर प्रदर्शित हुई. इस प्रदर्शनी में गोंड समाज के रीति रिवाज व्यवहार और सामाजिक जीवन को दर्शाया गया है.
मंडला में दीवारों पर चित्र बनाकर शुरुआत करने वाली दुर्गाबाई के चित्र आज 30 से 50हजार के बीच बिकते हैं.