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शराब दुकान बढ़ाने को लेकर कोई फैसला नहीं : आबकारी मंत्री

एमपी में शराब दुकान बढ़ाने को लेकर सियासत बढ़ती ही जा रही है. एक तरफ जहां गृह मंत्री शराब दुकाने बढ़ाने को लेकर बयान दे रहे हैं, वहीं आबकारी मंत्री ने कहा कि इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है.

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जगदीश देवड़ा
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Published : Jan 21, 2021, 12:25 PM IST

भोपाल। एक तरफ प्रदेश के गृहमंत्री मध्यप्रदेश में जहरीली शराब से हो रही मौतों की वजह कम शराब दुकान बता रहे हैं. वे शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाने की पैरवी कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री इस फैसले पर विचार करने की बात कह रहे हैं, जबकिआबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि शराब दुकान की संख्या बढ़ाए जाने को लेकर अटकलें चल रही हैं, अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. लिहाजा शराब दुकान बढ़ाए जाने के फैसले पर सरकार खुद एक नहीं है. वहीं मुरैना जहरीली शराब से हुई मौतों पर आबकारी मंत्री ने कहा कि किसी भी भू माफिया को बख्शा नहीं जाएगा.

जगदीश देवड़ा

मुरैना घटना को लेकर एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं मंत्री

मुरैना में जहरीली शराब के कारण हुई मौतों को लेकर गृहमंत्री जहां शराब दुकान की संख्या कम होने के कारण अवैध शराब और जहरीली शराब के व्यापार के पनपने की बात कर रहे हैं. इस तरह वे गृह विभाग यानि पुलिस को बचाने की कोशिश कर रहे हैं और सलाह दे रहे हैं कि अगर अवैध शराब माफिया पर अंकुश लगाना है,तो शराब दुकानों की संख्या बढ़ाना पड़ेगी. वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इस मामले में साफ कर चुके हैं कि शराब दुकानों की संख्या बढ़ाने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. कुल मिलाकर यह माना जा रहा है कि मुरैना घटना को लेकर आबकारी विभाग और गृह विभाग में तनातनी चल रही है.

शराब दुकान की संख्या बढ़ाने को लेकर चल रही हैं अटकलें

आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि मुख्यमंत्री ने जो कहा है, सही कहा है. अभी आबकारी नीति पर विचार विमर्श और मंथन चल रहा है. अभी कोई नीति फाइनल नहीं हुई है, शराब की दुकान बढ़ाना है कि नहीं बढ़ाना है इस पर विचार नहीं हुआ है. यह सारी अटकलें चल रही है.

मुरैना के अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा

वहीं मुरैना में जहरीली शराब के कारण लगातार बढ़ रही मौतों के आंकड़ों को लेकर मंत्री ने कहा कि यह बहुत ही दुखद घटना है. इस घटना को लेकर सीएम कह चुके हैं कि यह दुर्भाग्यपूर्ण हैं. जो कुछ हुआ है,वह गलत है. लेकिन इस पर कार्रवाई भी हो रही है, कोई भी अपराधी बचेगा नहीं. इस मध्यप्रदेश की धरती पर मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में कोई भी माफिया चाहे वह भूमाफिया हो या शराब माफिया हो, टिक नहीं पाएगा. उनके खिलाफ जो कार्रवाई हो सकती है, वह की जाएगी.

गृह मंत्री ने क्या कहा था

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि प्रदेश में सरकारी शराब की दुकानें बढ़नी चाहिए. नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि वे व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री से आग्रह करेंगे कि जहां वैधानिक दुकान नहीं है, वहां आगामी वित्तीय वर्ष में नजदीक दुकान खोलने का विचार किया जाए. जिससे जो अमानक शराब आ जाती है, उस अवैध शराब पर अंकुश लगेगा. जो डिपो द्वारा डिग्री तय की गई हुई शराब बिकेगी, तो अवैध शराब पर अपने आप अंकुश लगेगा.

शिवराज का यू टर्न

प्रदेश में नई शराब की दुकानें खोलने के प्रस्ताव पर सीएम शिवराज ने कहा था कि फिलहाल इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है. जो तथ्य आते हैं, उस पर बात होती है. उन्होंने कहा कि पहले किए गए निर्णय के तहत 10 साल तक कोई नहीं दुकान नहीं खुली, फिलहाल इस पर कुछ बोलना नहीं चाहते हैं.

पढ़ें:MP में बढ़ेगी सरकारी शराब दुकानों की संख्या : नरोत्तम मिश्रा

बता दें मुरैना में 11 और 12 जनवरी की दरमियानी रात जहरीली शराब पीने से 11 लोग मौत के मुहं में समा गए थे. वहीं जहरीली शराब से मौतों का यह आंकड़ा यहीं नहीं थमा था, एक के बाद एक कई लोगों की मौते होती गई. आज दिनांक तक मुरैना में 25 से ज्यादा लोगों की जहरीली शराब पीने के चलते मौत हो चुकी है.

भोपाल। एक तरफ प्रदेश के गृहमंत्री मध्यप्रदेश में जहरीली शराब से हो रही मौतों की वजह कम शराब दुकान बता रहे हैं. वे शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाने की पैरवी कर रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री इस फैसले पर विचार करने की बात कह रहे हैं, जबकिआबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि शराब दुकान की संख्या बढ़ाए जाने को लेकर अटकलें चल रही हैं, अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. लिहाजा शराब दुकान बढ़ाए जाने के फैसले पर सरकार खुद एक नहीं है. वहीं मुरैना जहरीली शराब से हुई मौतों पर आबकारी मंत्री ने कहा कि किसी भी भू माफिया को बख्शा नहीं जाएगा.

जगदीश देवड़ा

मुरैना घटना को लेकर एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं मंत्री

मुरैना में जहरीली शराब के कारण हुई मौतों को लेकर गृहमंत्री जहां शराब दुकान की संख्या कम होने के कारण अवैध शराब और जहरीली शराब के व्यापार के पनपने की बात कर रहे हैं. इस तरह वे गृह विभाग यानि पुलिस को बचाने की कोशिश कर रहे हैं और सलाह दे रहे हैं कि अगर अवैध शराब माफिया पर अंकुश लगाना है,तो शराब दुकानों की संख्या बढ़ाना पड़ेगी. वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इस मामले में साफ कर चुके हैं कि शराब दुकानों की संख्या बढ़ाने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. कुल मिलाकर यह माना जा रहा है कि मुरैना घटना को लेकर आबकारी विभाग और गृह विभाग में तनातनी चल रही है.

शराब दुकान की संख्या बढ़ाने को लेकर चल रही हैं अटकलें

आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि मुख्यमंत्री ने जो कहा है, सही कहा है. अभी आबकारी नीति पर विचार विमर्श और मंथन चल रहा है. अभी कोई नीति फाइनल नहीं हुई है, शराब की दुकान बढ़ाना है कि नहीं बढ़ाना है इस पर विचार नहीं हुआ है. यह सारी अटकलें चल रही है.

मुरैना के अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा

वहीं मुरैना में जहरीली शराब के कारण लगातार बढ़ रही मौतों के आंकड़ों को लेकर मंत्री ने कहा कि यह बहुत ही दुखद घटना है. इस घटना को लेकर सीएम कह चुके हैं कि यह दुर्भाग्यपूर्ण हैं. जो कुछ हुआ है,वह गलत है. लेकिन इस पर कार्रवाई भी हो रही है, कोई भी अपराधी बचेगा नहीं. इस मध्यप्रदेश की धरती पर मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में कोई भी माफिया चाहे वह भूमाफिया हो या शराब माफिया हो, टिक नहीं पाएगा. उनके खिलाफ जो कार्रवाई हो सकती है, वह की जाएगी.

गृह मंत्री ने क्या कहा था

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि प्रदेश में सरकारी शराब की दुकानें बढ़नी चाहिए. नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि वे व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री से आग्रह करेंगे कि जहां वैधानिक दुकान नहीं है, वहां आगामी वित्तीय वर्ष में नजदीक दुकान खोलने का विचार किया जाए. जिससे जो अमानक शराब आ जाती है, उस अवैध शराब पर अंकुश लगेगा. जो डिपो द्वारा डिग्री तय की गई हुई शराब बिकेगी, तो अवैध शराब पर अपने आप अंकुश लगेगा.

शिवराज का यू टर्न

प्रदेश में नई शराब की दुकानें खोलने के प्रस्ताव पर सीएम शिवराज ने कहा था कि फिलहाल इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है. जो तथ्य आते हैं, उस पर बात होती है. उन्होंने कहा कि पहले किए गए निर्णय के तहत 10 साल तक कोई नहीं दुकान नहीं खुली, फिलहाल इस पर कुछ बोलना नहीं चाहते हैं.

पढ़ें:MP में बढ़ेगी सरकारी शराब दुकानों की संख्या : नरोत्तम मिश्रा

बता दें मुरैना में 11 और 12 जनवरी की दरमियानी रात जहरीली शराब पीने से 11 लोग मौत के मुहं में समा गए थे. वहीं जहरीली शराब से मौतों का यह आंकड़ा यहीं नहीं थमा था, एक के बाद एक कई लोगों की मौते होती गई. आज दिनांक तक मुरैना में 25 से ज्यादा लोगों की जहरीली शराब पीने के चलते मौत हो चुकी है.

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