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लॉकडाउन में प्रभावित स्कूली शिक्षा की भरपाई की प्लानिंग तैयार, ईटीवी भारत से बोलीं प्राचार्य

आम दिनों में जून माह में स्कूल खुल जाते हैं, बच्चों में स्कूल खुलने की उत्सुकता बनी रहती है, लेकिन लॉकडाउन में शैक्षणिक संस्थानों पर इस तरह खतरा मंडराया कि परीक्षाएं तक स्थगित करनी पड़ गई. इस दौरान स्कूलों और छात्रों को होने वाले नुकसान के बारे में ईटीवी भारत ने प्राचार्य रेखा शर्मा से बातचीत की.

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Published : May 22, 2020, 12:12 PM IST

exclusive interview
प्राचार्य रेखा शर्मा से बातचीत

भोपाल। लॉकडाउन के चलते शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, ऐसे में स्कूलों द्वारा ऑनलाइन कक्षाएं लगाई जा रही हैं. स्कूल शिक्षा विभाग कई गतिविधियां भी लॉकडाउन में ऑनलाइन करा रहा है. इस साल जून में स्कूल खुल भी पाएंगे या नहीं, ये स्पष्ट नहीं है. ऐसे में पाठ्यक्रम पूरा नहीं होने से क्या कुछ नुकसान स्कूलों और छात्रों को भुगतना पड़ सकता है, ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने मॉडल स्कूल की प्राचार्य रेखा शर्मा से बातचीत की.

प्राचार्य रेखा शर्मा से खास बातचीत

शिक्षा का नहीं हो नुकसान

प्राचार्य रेखा शर्मा ने बताया कि कोरोना के इस काल में शिक्षक छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के प्रयास कर रहे हैं. शैक्षणिक संस्थान बंद होने की वजह से नुकसान तो हुआ है, जिसे शिक्षक और छात्र दोनों को ही भुगतना पड़ेगा, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग लगातार प्रयास कर रहा है कि लॉकडाउन में छात्र अच्छी शिक्षा ग्रहण करें और उनका समय व्यर्थ न जाए. इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग छात्रों से घर पर ही तमाम गतिविधियां करवा रहा है, ताकि छात्र और शिक्षक लगातार संपर्क में बने रहें.

ऐसे होती है ऑनलाइन क्लासेस

रेखा शर्मा ने बताया कि स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाओं के लिए शिक्षकों ने टाइम टेबल तैयार किया है. छात्रों का होमवर्क भी व्हाट्सएप पर चेक किया जाता है और जो गलतियां छात्र करते हैं, उन्हें भी सुधारा जाता है. जिन छात्रों के पास ऑनलाइन माध्यम नहीं है, उनके लिए डीजी लैब तैयार किया गया है, जिसमें छात्र अपनी समस्याएं बता सकते हैं और स्कूलों द्वारा उन्हें नोट्स प्रोवाइड कराए जाते हैं.

दूरदर्शन पर कक्षाएं

इन दिनों दूरदर्शन पर 10वीं, 12वीं, 9वीं और 11वीं की कक्षाएं भी लगाई जा रही हैं, रेखा शर्मा ने बताया कि इसके लिए शिक्षक, छात्रों की मॉनिटरिंग भी करते हैं. जो कक्षाएं दूरदर्शन पर लगाई जाती है, उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर छात्रों से पूछा जाता है. छात्रों को फोन कर दूरदर्शन की कक्षाओं का फीडबैक लिया जाता है, जिससे ये सुनिश्चित किया जाता है कि छात्रों ने कक्षाएं अटेंड की या नहीं. ऑनलाइन कक्षाओं से छात्रों में भी उत्सुकता है क्योंकि इससे पहले कभी इस तरह की पढ़ाई छात्रों ने नहीं की है.

आगे भी हो सकती है ऑनलाइन कक्षाएं

प्राचार्य ने बताया जब तक लॉकडाउन नहीं खुलता, तब तक ऑनलाइन ही एक माध्यम है, जिससे छात्रों को पढ़ाई से जोड़ा जा सके, इसीलिए शिक्षक छात्रों को लगातार ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं. जो छात्र नहीं जुड़ पा रहे हैं, उन्हें भी जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जो नुकसान लॉकडाउन में हुआ है, उसकी भरपाई करने के लिए स्कूलों की प्लानिंग भी तैयार है. अगर जून में स्कूल नहीं खुलते तो जिस तरह जून में आम दिनों में कक्षाएं लगाई जाती थी, उसी तरह ऑनलाइन छात्रों को पढ़ाया जाएगा.

सुरक्षा का ध्यान

वहीं अगर स्कूल खुल जाते हैं तो स्कूलों में सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाएगा. फिलहाल स्कूल में बोर्ड परीक्षाओं की कॉपी चेकिंग का काम चल रहा है, जिसे देखते हुए स्कूल में सैनिटाइजिंग मशीन लगाई गई है. हर एक कमरे के बाहर सैनिटाइजर लगाया गया है. शिक्षकों की स्क्रीनिंग भी की जाती है, किसी भी स्टाफ को स्कूल में तभी एंट्री मिल रही है, जब उसकी स्क्रीनिंग होती है. अगर किसी को बुखार ज्यादा है तो उन शिक्षकों को स्कूल आने की अनुमति नहीं होती. 9 जून से 12वीं की बची हुई परीक्षाएं होनी हैं, जिसे लेकर विभाग ने गाइडलाइन तैयार की है. उसी के मद्देनजर परीक्षा प्रक्रिया पूरी की जाएगी. हालांकि इससे पहले ही स्कूल में सुरक्षा के सारे इंतजाम कराए जा चुके हैं.

भोपाल। लॉकडाउन के चलते शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, ऐसे में स्कूलों द्वारा ऑनलाइन कक्षाएं लगाई जा रही हैं. स्कूल शिक्षा विभाग कई गतिविधियां भी लॉकडाउन में ऑनलाइन करा रहा है. इस साल जून में स्कूल खुल भी पाएंगे या नहीं, ये स्पष्ट नहीं है. ऐसे में पाठ्यक्रम पूरा नहीं होने से क्या कुछ नुकसान स्कूलों और छात्रों को भुगतना पड़ सकता है, ये जानने के लिए ईटीवी भारत ने मॉडल स्कूल की प्राचार्य रेखा शर्मा से बातचीत की.

प्राचार्य रेखा शर्मा से खास बातचीत

शिक्षा का नहीं हो नुकसान

प्राचार्य रेखा शर्मा ने बताया कि कोरोना के इस काल में शिक्षक छात्रों को बेहतर शिक्षा देने के प्रयास कर रहे हैं. शैक्षणिक संस्थान बंद होने की वजह से नुकसान तो हुआ है, जिसे शिक्षक और छात्र दोनों को ही भुगतना पड़ेगा, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग लगातार प्रयास कर रहा है कि लॉकडाउन में छात्र अच्छी शिक्षा ग्रहण करें और उनका समय व्यर्थ न जाए. इसे देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग छात्रों से घर पर ही तमाम गतिविधियां करवा रहा है, ताकि छात्र और शिक्षक लगातार संपर्क में बने रहें.

ऐसे होती है ऑनलाइन क्लासेस

रेखा शर्मा ने बताया कि स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाओं के लिए शिक्षकों ने टाइम टेबल तैयार किया है. छात्रों का होमवर्क भी व्हाट्सएप पर चेक किया जाता है और जो गलतियां छात्र करते हैं, उन्हें भी सुधारा जाता है. जिन छात्रों के पास ऑनलाइन माध्यम नहीं है, उनके लिए डीजी लैब तैयार किया गया है, जिसमें छात्र अपनी समस्याएं बता सकते हैं और स्कूलों द्वारा उन्हें नोट्स प्रोवाइड कराए जाते हैं.

दूरदर्शन पर कक्षाएं

इन दिनों दूरदर्शन पर 10वीं, 12वीं, 9वीं और 11वीं की कक्षाएं भी लगाई जा रही हैं, रेखा शर्मा ने बताया कि इसके लिए शिक्षक, छात्रों की मॉनिटरिंग भी करते हैं. जो कक्षाएं दूरदर्शन पर लगाई जाती है, उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर छात्रों से पूछा जाता है. छात्रों को फोन कर दूरदर्शन की कक्षाओं का फीडबैक लिया जाता है, जिससे ये सुनिश्चित किया जाता है कि छात्रों ने कक्षाएं अटेंड की या नहीं. ऑनलाइन कक्षाओं से छात्रों में भी उत्सुकता है क्योंकि इससे पहले कभी इस तरह की पढ़ाई छात्रों ने नहीं की है.

आगे भी हो सकती है ऑनलाइन कक्षाएं

प्राचार्य ने बताया जब तक लॉकडाउन नहीं खुलता, तब तक ऑनलाइन ही एक माध्यम है, जिससे छात्रों को पढ़ाई से जोड़ा जा सके, इसीलिए शिक्षक छात्रों को लगातार ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं. जो छात्र नहीं जुड़ पा रहे हैं, उन्हें भी जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जो नुकसान लॉकडाउन में हुआ है, उसकी भरपाई करने के लिए स्कूलों की प्लानिंग भी तैयार है. अगर जून में स्कूल नहीं खुलते तो जिस तरह जून में आम दिनों में कक्षाएं लगाई जाती थी, उसी तरह ऑनलाइन छात्रों को पढ़ाया जाएगा.

सुरक्षा का ध्यान

वहीं अगर स्कूल खुल जाते हैं तो स्कूलों में सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाएगा. फिलहाल स्कूल में बोर्ड परीक्षाओं की कॉपी चेकिंग का काम चल रहा है, जिसे देखते हुए स्कूल में सैनिटाइजिंग मशीन लगाई गई है. हर एक कमरे के बाहर सैनिटाइजर लगाया गया है. शिक्षकों की स्क्रीनिंग भी की जाती है, किसी भी स्टाफ को स्कूल में तभी एंट्री मिल रही है, जब उसकी स्क्रीनिंग होती है. अगर किसी को बुखार ज्यादा है तो उन शिक्षकों को स्कूल आने की अनुमति नहीं होती. 9 जून से 12वीं की बची हुई परीक्षाएं होनी हैं, जिसे लेकर विभाग ने गाइडलाइन तैयार की है. उसी के मद्देनजर परीक्षा प्रक्रिया पूरी की जाएगी. हालांकि इससे पहले ही स्कूल में सुरक्षा के सारे इंतजाम कराए जा चुके हैं.

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