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एमसीयू फर्जी नियुक्ति मामले में एकेडमिक काउंसिल से भी हो सकती है पूछताछ - etv bharat mp news

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में हुई फर्जी नियुक्ति मामले में अब EOW एकेडमिक काउंसिल के अधिकारियों से पूछताछ कर सकता है.

एकेडमिक काउंसिल से भी पूछताछ करेगा ईओडब्ल्यू
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Published : Oct 1, 2019, 5:30 PM IST

भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में हुई फर्जी नियुक्ति मामले में अब EOW के राडार पर एकेडमिक काउंसिल भी आ गया है. माना जा रहा है कि अब जल्द ही EOW की टीम एकेडमिक काउंसिल के अधिकारियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर सकती है.

एकेडमिक काउंसिल से भी पूछताछ करेगा ईओडब्ल्यू

माखनलाल यूनिवर्सिटी में फर्जी नियुक्ति को लेकर हाल ही में EOW की टीम ने पूर्व कुलपति बीके कुठियाला से पूछताछ की. इस दौरान फर्जी नियुक्तियों को लेकर कुठियाला से 40 से 50 सवाल किए गए. पड़ताल के दौरान EOW के हाथ एक आदेश की कॉपी भी लगी है. जिसके तहत एकेडमिक काउंसिल ने कुठियाला को ही कुलपति रहते चयन समिति के गठन का अधिकार दे रखा था.

बताया जा रहा है कि कुठियाला ने MCU में कुलपति के पद पर रहते हुए खुद ही एक आदेश जारी किया था. जिसमें उन्होंने खुद को ही नियुक्ति संबंधी चयन समिति के गठन का अधिकार दे दिया था. इस आदेश पर एकेडमिक काउंसिल ने भी मुहर लगा दी थी और बीके कुठियाला को चयन समिति के सदस्यों को मनोनीत करने का पावर मिल गया था. इसके बाद कुठियाला ने यूनिवर्सिटी में कई पदों पर नियुक्तियां भी की, लेकिन इस बारे में सवाल करने पर कुठियाला कोई भी संतोषजनक जवाब EOW को नहीं दे पाए. लिहाजा अब EOW की टीम एकेडमिक काउंसिल के सदस्यों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है.

EOW डीजी केन तिवारी के मुताबिक चयन समिति का गठन एकेडमिक काउंसिल ही करती है. यह पॉवर, नियमों के तहत सिर्फ एकेडमिक काउंसिल के पास ही रहता है. इसमें संशोधन नहीं किया जा सकता है और न ही किसी और को चयन समिति के गठन का अधिकार दिया जा सकता है. ऐसे में सवाल यही उठता है कि आखिरकार कुठियाला को कुलपति रहते हुए चयन समिति के गठन का अधिकार कैसे दिया गया. माना जा रहा है कि नियुक्ति के इस मामले में एकेडमिक काउंसिल के भी अधिकारियों पर भी इओडब्ल्यू की गाज गिर सकती है.

भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में हुई फर्जी नियुक्ति मामले में अब EOW के राडार पर एकेडमिक काउंसिल भी आ गया है. माना जा रहा है कि अब जल्द ही EOW की टीम एकेडमिक काउंसिल के अधिकारियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर सकती है.

एकेडमिक काउंसिल से भी पूछताछ करेगा ईओडब्ल्यू

माखनलाल यूनिवर्सिटी में फर्जी नियुक्ति को लेकर हाल ही में EOW की टीम ने पूर्व कुलपति बीके कुठियाला से पूछताछ की. इस दौरान फर्जी नियुक्तियों को लेकर कुठियाला से 40 से 50 सवाल किए गए. पड़ताल के दौरान EOW के हाथ एक आदेश की कॉपी भी लगी है. जिसके तहत एकेडमिक काउंसिल ने कुठियाला को ही कुलपति रहते चयन समिति के गठन का अधिकार दे रखा था.

बताया जा रहा है कि कुठियाला ने MCU में कुलपति के पद पर रहते हुए खुद ही एक आदेश जारी किया था. जिसमें उन्होंने खुद को ही नियुक्ति संबंधी चयन समिति के गठन का अधिकार दे दिया था. इस आदेश पर एकेडमिक काउंसिल ने भी मुहर लगा दी थी और बीके कुठियाला को चयन समिति के सदस्यों को मनोनीत करने का पावर मिल गया था. इसके बाद कुठियाला ने यूनिवर्सिटी में कई पदों पर नियुक्तियां भी की, लेकिन इस बारे में सवाल करने पर कुठियाला कोई भी संतोषजनक जवाब EOW को नहीं दे पाए. लिहाजा अब EOW की टीम एकेडमिक काउंसिल के सदस्यों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है.

EOW डीजी केन तिवारी के मुताबिक चयन समिति का गठन एकेडमिक काउंसिल ही करती है. यह पॉवर, नियमों के तहत सिर्फ एकेडमिक काउंसिल के पास ही रहता है. इसमें संशोधन नहीं किया जा सकता है और न ही किसी और को चयन समिति के गठन का अधिकार दिया जा सकता है. ऐसे में सवाल यही उठता है कि आखिरकार कुठियाला को कुलपति रहते हुए चयन समिति के गठन का अधिकार कैसे दिया गया. माना जा रहा है कि नियुक्ति के इस मामले में एकेडमिक काउंसिल के भी अधिकारियों पर भी इओडब्ल्यू की गाज गिर सकती है.

Intro:भोपाल- माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में हुई फर्जी नियुक्ति मामले में अब EOW के राडार पर एकेडमिक काउंसिल भी आ गया है। बहुत जल्द ही EOW की टीम एकेडमिक काउंसिल के अधिकारियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर सकती है।


Body:माखनलाल यूनिवर्सिटी में फर्जी नियुक्ति को लेकर हाल ही में ईओडब्ल्यू की टीम ने पूर्व कुलपति बीके कुठियाला से पूछताछ की है। इस दौरान फर्जी नियुक्तियों को लेकर कुठियाला से 40 से 50 सवाल किए गए। पड़ताल के दौरान ईओडब्ल्यू के हाथ एक आदेश की कॉपी भी लगी है। जिसके तहत एकेडमिक काउंसिल ने कुठियाला को ही कुलपति रहते चयन समिति के गठन का अधिकार दे रखा था। बताया जा रहा है कि कुठियाला ने माखनलाल यूनिवर्सिटी में कुलपति के पद पर रहते हुए खुद ही एक आदेश जारी किया था। जिसमें उन्होंने खुद को ही नियुक्ति संबंधी चयन समिति के गठन का अधिकार दे दिया था। इस आदेश पर एकेडमिक काउंसिल ने भी मुहर लगा दी थी। और बीके कुठियाला को चयन समिति के सदस्यों को मनोनीत करने का पावर मिल गया था। इसके बाद कुठियाला ने यूनिवर्सिटी में कई पदों पर नियुक्तियां भी की। लेकिन इस बारे में सवाल करने पर कुठियाला कोई भी संतोषजनक जवाब इओडब्ल्यू को नहीं दे पाए। लिहाजा अब ईओडब्ल्यू की टीम एकेडमिक काउंसिल के सदस्यों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है।


Conclusion:ईओडब्ल्यू डीजी केन तिवारी के मुताबिक चयन समिति का गठन एकेडमिक काउंसिल ही करती है। यह पॉवर, नियमों के तहत सिर्फ एकेडमिक काउंसिल के पास ही रहता है। इसमें संशोधन नहीं किया जा सकता है। न ही किसी और को चयन समिति के गठन का अधिकार दिया जा सकता है। ऐसे में सवाल यही उठता है कि आखिरकार कुठियाला को कुलपति रहते हुए चयन समिति के गठन का अधिकार कैसे दिया गया। माना जा रहा है कि नियुक्ति के इस मामले में एकेडमिक काउंसिल के भी अधिकारियों पर भी इओडब्ल्यू की गाज गिर सकती है।

बाइट- केएन तिवारी, डीजी, इओडब्ल्यू।
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