ETV Bharat / state

ई-टेंडर घोटाला: जांच कर रही EOW पर उठे सवाल, बेनामी संपत्ति की जांच में उलझे अधिकारी!

भोपाल में हुए करीब 3000 करोड़ के ई-टेंडर घोटाले की जांच ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है, क्योंकि ईओडब्ल्यू के अधिकारी ई-टेंडर की जानकारी छोड़ अब बेनामी संपत्ति की जांच पर ज्यादा फोकस करने लगे हैं.

author img

By

Published : Aug 9, 2019, 3:45 PM IST

EOW की टीम पर उठे सवाल

भोपाल। ईओडब्ल्यू की टीम पर ई-टेंडर घोटाले की जांच से भटकने का आरोप लग रहा है. ई-टेंडर घोटाले में आरोपियों से पूछताछ के बाद ईओडब्ल्यू की टीम अब आय से अधिक संपत्ति के मामलों में ज्यादा उलझती दिख रही है. ईओडब्ल्यू के अधिकारी ई-टेंडर की जानकारी छोड़ अब बेनामी संपत्ति की जांच पर ज्यादा फोकस करने लगे हैं.

EOW की टीम पर उठे सवाल

करीब 3 हजार करोड़ के ई-टेंडर घोटाले की जांच ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है. ई-टेंडर घोटाले में जब ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की थी, तब माना जा रहा था कि इस घोटाले में कई रसूखदार और राजनेताओं समेत अफसरों पर शिकंजा कस सकता है, लेकिन अब तक इस मामले में महज 8 आरोपियों की ही गिरफ्तारी हो सकी है. इन आरोपियों से पूछताछ में ईओडब्ल्यू को इनकी बेनामी संपत्ति का भी पता चला है, जिसे लेकर भी ईओडब्ल्यू की जांच जारी है. वहीं अब ईओडब्ल्यू घोटाले की जांच से भटक कर इन आरोपियों की बेनामी संपत्ति की जांच में ही जुट गया है.

बता दें कि हाल ही में ईओडब्ल्यू ने पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के दो निजी सहायकों निर्मल अवस्थी और वीरेंद्र पांडे को भी ई-टेंडर घोटाले में गिरफ्तार किया है, लेकिन दोनों से हुई पूछताछ के बाद अब ईओडब्ल्यू उनकी बेनामी संपत्ति पर ज्यादा फोकस कर रहा है. यही वजह है कि ई- टेंडर घोटाले में अब तक भी बड़ी मछलियां ईओडब्ल्यू के हाथ नहीं लग सकी हैं, हालांकि अधिकारी ऐसा नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि जांच में जो जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उन पर जांच की जा रही है.

भोपाल। ईओडब्ल्यू की टीम पर ई-टेंडर घोटाले की जांच से भटकने का आरोप लग रहा है. ई-टेंडर घोटाले में आरोपियों से पूछताछ के बाद ईओडब्ल्यू की टीम अब आय से अधिक संपत्ति के मामलों में ज्यादा उलझती दिख रही है. ईओडब्ल्यू के अधिकारी ई-टेंडर की जानकारी छोड़ अब बेनामी संपत्ति की जांच पर ज्यादा फोकस करने लगे हैं.

EOW की टीम पर उठे सवाल

करीब 3 हजार करोड़ के ई-टेंडर घोटाले की जांच ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है. ई-टेंडर घोटाले में जब ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की थी, तब माना जा रहा था कि इस घोटाले में कई रसूखदार और राजनेताओं समेत अफसरों पर शिकंजा कस सकता है, लेकिन अब तक इस मामले में महज 8 आरोपियों की ही गिरफ्तारी हो सकी है. इन आरोपियों से पूछताछ में ईओडब्ल्यू को इनकी बेनामी संपत्ति का भी पता चला है, जिसे लेकर भी ईओडब्ल्यू की जांच जारी है. वहीं अब ईओडब्ल्यू घोटाले की जांच से भटक कर इन आरोपियों की बेनामी संपत्ति की जांच में ही जुट गया है.

बता दें कि हाल ही में ईओडब्ल्यू ने पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के दो निजी सहायकों निर्मल अवस्थी और वीरेंद्र पांडे को भी ई-टेंडर घोटाले में गिरफ्तार किया है, लेकिन दोनों से हुई पूछताछ के बाद अब ईओडब्ल्यू उनकी बेनामी संपत्ति पर ज्यादा फोकस कर रहा है. यही वजह है कि ई- टेंडर घोटाले में अब तक भी बड़ी मछलियां ईओडब्ल्यू के हाथ नहीं लग सकी हैं, हालांकि अधिकारी ऐसा नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि जांच में जो जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उन पर जांच की जा रही है.

Intro:भोपाल- ईओडब्ल्यू की टीम ई टेंडर घोटाले की जांच से भटक रही है। ई टेंडर घोटाले में ईओडब्ल्यू के हत्थे चढ़े आरोपियों से पूछताछ के बाद इओडब्ल्यू की टीम अब आय से अधिक संपत्ति के मामलों में ज्यादा उलझ रही है ईओडब्ल्यू के अधिकारी ई टेंडर की जान छोड़ अब बेनामी संपत्ति की जांच पर ज्यादा फोकस करने लगे हैं।


Body:मध्य प्रदेश मैं हुए हजार करोड़ के ई टेंडर घोटाले की जांच ठंडे बस्ते में जाति नजर आ रही है ई टेंडर घोटाले में जब ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की थी तब माना जा रहा था कि इस घोटाले में कई रसूखदार और राजनेताओं समेत अफसरों पर शिकंजा कस सकता है लेकिन अब तक इस मामले में महज 8 आरोपियों की ही गिरफ्तारी हो सकी है इन आरोपियों से पूछताछ में ईओडब्ल्यू को इनकी बेनामी संपत्ति का भी पता चला है जिसको लेकर भी ईओडब्ल्यू की इन्वेस्टिगेशन जारी है अब ईओडब्ल्यू मूल जांच से भटक कर इन आरोपियों की बेनामी संपत्ति की जांच में ही जुट गया है।


Conclusion:हाल ही में ईओडब्ल्यू ने पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के दो निजी सहायकों निर्मल अवस्थी और वीरेंद्र पांडे को भी ई टेंडर घोटाले में गिरफ्तार किया है। लेकिन दोनों से हुई पूछताछ के बाद अब इओडब्ल्यू उनकी बेनामी संपत्ति पर ज्यादा फोकस कर रहा है। माना जा रहा है कि बहुत जल्द ही दोनों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज किया जाएगा। इन आरोपियों की बेनामी संपत्ति का पता चलने के साथ ही ईओडब्ल्यू की जांच की भी दिशा कंही न कंही बदल गई है। और यही वजह है कि, ई टेंडर घोटाले में अब तक भी बड़ी मछलियां इओडब्ल्यू के हाथ नही लग सकी है। हालांकि अधिकारी ऐसा नहीं मानते हैं उनका कहना है कि जांच में जो जो तथ्य सामने आ रहे हैं उन पर जांच की जा रही है।

बाइट- केएन तिवारी, डीजी, इओडब्ल्यू।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.