ETV Bharat / state

चीफ इंजीनियर तक पहुंची ई-टेंडर घोटाले में जांच की आंच, डिजिटल सिग्नेचर ने फैलाया रायता - bhopal news

EOW ने ई-टेंडर घोटाले की जांच का दायरा बढ़ा दिया है ये जांच असिस्टेंट इंजीनियर से लेकर चीफ इंजीनियर तक जा पहुंची है.

ईओडब्ल्यू कार्यालय, भोपाल
author img

By

Published : Aug 18, 2019, 12:09 AM IST

भोपाल। ई-टेंडर घोटाले की जांच की आंच अब पांच विभागों के असिस्टेंट इंजीनियर से लेकर चीफ इंजीनियर तक जा पहुंची है. पांच विभागों के 9 टेंडरों में की गई गड़बड़ी के लिए डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि ये गड़बड़ी करने वालों के हाथ तक कैसे पहुंची, अब EOW की टीम इसी डिजिटल सिग्नेचर को लेकर तथ्य जुटा रही है.

चीफ इंजीनियर तक पहुंची ई-टेंडर घोटाले में जांच की आंच


मध्य प्रदेश में हुए हजार करोड़ के ई टेंडर घोटाले में अब पांच विभागों के असिस्टेंट और चीफ इंजीनियर EOW की जांच के घेरे में आ गए हैं. इस गड़बड़ी में असिस्टेंट इंजीनियर से लेकर चीफ इंजीनियर तक के अफसरों से EOW की टीम पूछताछ कर चुकी है. सभी ने इस गड़बड़ी में शामिल होने से इनकार किया है. फिलहाल, EOW की टीम ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि नाम से अलॉट होने वाला डिजिटल सिग्नेचर आखिरकार टेंपरिंग करने वालों के हाथों तक कैसे पहुंचा, इसे खुद अधिकारी ने किसी को दिया था या फिर यह डिजिटल सिग्नेचर चोरी हो गया था, लेकिन अगर डिजिटल सिग्नेचर चोरी भी हुए थे तो फिर इसकी एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई गई.


फिलहाल इस पूरे मामले में EOW की टीम बारीकी से जांच कर रही है, अगर अनजाने में डिजिटल सिग्नेचर टेंपरिंग करने वाले आरोपियों तक पहुंचा है, तो इसमें संबंधित अधिकारी की लापरवाही साबित होगी और अगर अधिकारी ने जानबूझकर डिजिटल सिग्नेचर की दी है तो उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा.

भोपाल। ई-टेंडर घोटाले की जांच की आंच अब पांच विभागों के असिस्टेंट इंजीनियर से लेकर चीफ इंजीनियर तक जा पहुंची है. पांच विभागों के 9 टेंडरों में की गई गड़बड़ी के लिए डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि ये गड़बड़ी करने वालों के हाथ तक कैसे पहुंची, अब EOW की टीम इसी डिजिटल सिग्नेचर को लेकर तथ्य जुटा रही है.

चीफ इंजीनियर तक पहुंची ई-टेंडर घोटाले में जांच की आंच


मध्य प्रदेश में हुए हजार करोड़ के ई टेंडर घोटाले में अब पांच विभागों के असिस्टेंट और चीफ इंजीनियर EOW की जांच के घेरे में आ गए हैं. इस गड़बड़ी में असिस्टेंट इंजीनियर से लेकर चीफ इंजीनियर तक के अफसरों से EOW की टीम पूछताछ कर चुकी है. सभी ने इस गड़बड़ी में शामिल होने से इनकार किया है. फिलहाल, EOW की टीम ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि नाम से अलॉट होने वाला डिजिटल सिग्नेचर आखिरकार टेंपरिंग करने वालों के हाथों तक कैसे पहुंचा, इसे खुद अधिकारी ने किसी को दिया था या फिर यह डिजिटल सिग्नेचर चोरी हो गया था, लेकिन अगर डिजिटल सिग्नेचर चोरी भी हुए थे तो फिर इसकी एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई गई.


फिलहाल इस पूरे मामले में EOW की टीम बारीकी से जांच कर रही है, अगर अनजाने में डिजिटल सिग्नेचर टेंपरिंग करने वाले आरोपियों तक पहुंचा है, तो इसमें संबंधित अधिकारी की लापरवाही साबित होगी और अगर अधिकारी ने जानबूझकर डिजिटल सिग्नेचर की दी है तो उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा.

Intro:भोपाल- ई टेंडर घोटाले की जांच अब पांच विभागों के असिस्टेंट इंजीनियर से लेकर चीफ इंजीनियर तक जा पहुंची हैं। पांच विभागों के 9 टेंडरों में की गई गड़बड़ी के लिए डिजिटल सिगनेचर की का इस्तेमाल किया गया हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि यह 'डिजिटल की' गड़बड़ी करने वालों के हाथ तक कैसे पहुंची। अब इओडब्ल्यू की टीम इसी डिजिटल सिग्नेचर की को लेकर तथ्य जुटा रही है।


Body:मध्य प्रदेश मैं हुए हजार करोड़ के ई टेंडर घोटाले में अब पांच विभागों के असिस्टेंट और चीफ इंजीनियर ईओडब्ल्यू की जांच के घेरे में आ गए हैं इस गड़बड़ी में असिस्टेंट इंजीनियर से लेकर चीफ इंजीनियर तक के अफसरों से ईओडब्ल्यू की टीम पूछताछ कर चुकी है सभी ने इस गड़बड़ी में शामिल होने से इनकार किया है फिलहाल ईओडब्ल्यू की टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि नाम से अलॉट होने वाला डिजिटल सिगनेचर आखिरकार टेंपरिंग करने वालों के हाथों तक कैसे पहुंचा इसे खुद अधिकारी ने किसी को दिया था या फिर यह डिजिटल सिगनेचर चोरी हो गया था लेकिन अगर डिजिटल सिगनेचर चोरी भी हुए थे तो फिर इसकी एफ आई आर दर्ज क्यों नहीं कराई गई।


Conclusion:फिलहाल इस पूरे मामले में इओडब्ल्यू की टीम बारीकी से जांच कर रही है। अगर अनजाने में डिजिटल सिगनेचर टेंपरिंग करने वाले आरोपियों तक पहुंचा है तो इसमें संबंधित अधिकारी की लापरवाही साबित होगी और अगर अधिकारी ने जानबूझकर डिजिटल सिगनेचर की दी है तो उनके खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।

बाइट- केएन तिवारी, डीजी, इओडब्ल्यू।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.