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लोगों को लुभा रही गोंडी चित्रकार छोटी तेकाम की कला प्रदर्शनी - गोंड समुदाय

भोपाल मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय के लिखंदरा दीर्घा में गोंड समुदाय की युवा चित्रकार छोटी तेकाम के चित्रों की प्रदर्शनी श्लाका 5 में प्रदर्शित हुई. कला दीर्घा कि ये प्रदर्शनी कला प्रेमियों के मन को लुभा रही हैं.

Gondi painter Chhoti Tekam's art exhibition
गोंडी चित्रकार छोटी तेकाम की कला प्रदर्शनी
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Published : Feb 15, 2020, 6:46 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय के लिखंदरा दीर्घा में गोंड समुदाय की युवा चित्रकार छोटी तेकाम के चित्रों की प्रदर्शनी श्लाका 5 में प्रदर्शित हुई. कला दीर्घा कि ये प्रदर्शनी कला प्रेमियों के मन को प्रभावित कर रही हैं.

गोंडी चित्रकार छोटी तेकाम की कला प्रदर्शनी

लोगों को लुभा रही कला प्रदर्शनी

गोंड चित्रकार छोटी तेकाम के चित्रकला को देखकर दर्शकों के मन में आश्चर्य उत्पन्न होता है. गोंड चित्रकार छोटी तेकाम ने बताया कि उनके चित्र गोंड समुदाय पर आधारित कला और रंगों से सृजनित होते हैं, उन्होंने बताया कि उनका प्रिय जानवर हिरण है जो कि स्वाभाविक से मासूम और सुंदर है. उसके चित्र को समूह में बनाने में उन्हें बहुत अच्छा महसूस होता है. साथ ही पक्षियों के अलग-अलग स्वरूप उनकी चित्रकला में स्थान पाते हैं. उन्होंने बताया कि चित्रों को बनाने और रंगों से सृजनित बड़े कैनवास में लगभग एक सप्ताह और छोटे कैनवास में लगभग 3 दिनों का समय लगता.

छोटी तेकाम देश के अलग-अलग शहरों में आयोजित अनेक चित्र शिविरों और समूह प्रदर्शनों में हिस्सा ले चुकी हैं. नई पीढ़ी के चित्रकारों के लिए छोटी तेकाम प्रेरणा का काम कर रही हैं.

भोपाल। मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय के लिखंदरा दीर्घा में गोंड समुदाय की युवा चित्रकार छोटी तेकाम के चित्रों की प्रदर्शनी श्लाका 5 में प्रदर्शित हुई. कला दीर्घा कि ये प्रदर्शनी कला प्रेमियों के मन को प्रभावित कर रही हैं.

गोंडी चित्रकार छोटी तेकाम की कला प्रदर्शनी

लोगों को लुभा रही कला प्रदर्शनी

गोंड चित्रकार छोटी तेकाम के चित्रकला को देखकर दर्शकों के मन में आश्चर्य उत्पन्न होता है. गोंड चित्रकार छोटी तेकाम ने बताया कि उनके चित्र गोंड समुदाय पर आधारित कला और रंगों से सृजनित होते हैं, उन्होंने बताया कि उनका प्रिय जानवर हिरण है जो कि स्वाभाविक से मासूम और सुंदर है. उसके चित्र को समूह में बनाने में उन्हें बहुत अच्छा महसूस होता है. साथ ही पक्षियों के अलग-अलग स्वरूप उनकी चित्रकला में स्थान पाते हैं. उन्होंने बताया कि चित्रों को बनाने और रंगों से सृजनित बड़े कैनवास में लगभग एक सप्ताह और छोटे कैनवास में लगभग 3 दिनों का समय लगता.

छोटी तेकाम देश के अलग-अलग शहरों में आयोजित अनेक चित्र शिविरों और समूह प्रदर्शनों में हिस्सा ले चुकी हैं. नई पीढ़ी के चित्रकारों के लिए छोटी तेकाम प्रेरणा का काम कर रही हैं.

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