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बिजली के दाम बढ़ाने की तैयारी, लोगों की जेब पर बढे़गा इतना बोझ

मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग को बिजली दर पांच फीसदी बढ़ाने का प्रस्ताव सौंपा है. लिहाजा लोगों की जेब पर एक और बोझ बढ़ सकता है.

Preparations to increase electricity prices in Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाने की तैयारी
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Published : Feb 23, 2020, 2:33 PM IST

Updated : Feb 23, 2020, 3:05 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश के लोगों की जेब पर फिर से बोझ बढ़ने जा रहा है,क्योंकि मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग को 2020-21 के प्रस्तावित टैरिफ सौंपा है. प्रस्ताव औसत रूप से 5.09 फीसदी कीमत बढ़ाने का है. मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने ये प्रस्ताव दो हजार करोड़ रुपए की भरपाई के लिए दिया है.

मध्यप्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाने की तैयारी

बिजली कंपनियों को करीब 15 हजार करोड़ की सब्सिडी

प्रदेश में बिजली की संभावित बढ़ोतरी से सरकार पर सब्सिडी के तौर पर हर साल 792 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा. राज्य सरकार फिलहाल 150 यूनिट तक वाले उपभोक्ता और किसानों को दी जाने वाली सस्ती बिजली की एवज में बिजली कंपनियों को हर साल करीब साढे़ 15 हजार करोड़ों की सब्सिडी दे रही है.

दरअसल, सरकार इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत 150 यूनिट वाले उपभोक्ताओं को 150 रुपए में सस्ती बिजली दे रही है. इसमें 100 यूनिट की खपत करने वाले उपभोक्ता एक करोड़ 4 लाख हैं. वहीं 100 से 150 यूनिट वाले उपभोक्ताओं की संख्या करीब 50 लाख हैं.

5 फीसदी बिजली दर बढ़ोतरी का प्रस्ताव

बताया जाता है कि इससे राज्य सरकार पर हर साल 3700 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आ रहा है. इसी तरह किसानों की सस्ती बिजली पर हर साल 11850 करोड़ रुपए का भुगतान बिजली कंपनियों को सरकार करती है. 100 से 300 यूनिट के लिए 6.60 प्रति यूनिट का प्रस्ताव मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग को जो प्रस्ताव सौंपा है उसमें 5.09 बिजली दर बढ़ोतरी प्रस्तावित है. इसमें 0 से 50 यूनिट तक खपत करने पर वर्तमान बिजली दर 4.05 प्रति यूनिट है. जिसे बढ़ाकर 4.35 रुपए प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव दिया गया है. इसी तरह 51 से 100 यूनिट तक बिजली खपत करने पर 4.95 रुपए प्रति यूनिट बिजली दर वर्तमान में है, जिसे बढ़ाकर 5.25 किए जाने का प्रस्ताव है.

करोड़ों के घाटे में है बिजली कंपनियां

वहीं 101 से लेकर 300 यूनिट बिजली खपत होने पर अभी 6.30 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से लिया जाता है जिसे बढ़ाकर 6.60 करने का प्रस्ताव है. इसी तरह 300 यूनिट से ज्यादा खपत करने पर अभी 6.50 प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बिल दिया जाता है, जिसे बढ़ाकर 6.80 करने का प्रस्ताव है. बिजली कंपनियों का लगातार घाटा बढ़ रहा है. पिछले चार सालों में ये घाटा बढ़कर 32000 करोड़ पहुंच गया है.

भोपाल। मध्यप्रदेश के लोगों की जेब पर फिर से बोझ बढ़ने जा रहा है,क्योंकि मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग को 2020-21 के प्रस्तावित टैरिफ सौंपा है. प्रस्ताव औसत रूप से 5.09 फीसदी कीमत बढ़ाने का है. मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने ये प्रस्ताव दो हजार करोड़ रुपए की भरपाई के लिए दिया है.

मध्यप्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाने की तैयारी

बिजली कंपनियों को करीब 15 हजार करोड़ की सब्सिडी

प्रदेश में बिजली की संभावित बढ़ोतरी से सरकार पर सब्सिडी के तौर पर हर साल 792 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा. राज्य सरकार फिलहाल 150 यूनिट तक वाले उपभोक्ता और किसानों को दी जाने वाली सस्ती बिजली की एवज में बिजली कंपनियों को हर साल करीब साढे़ 15 हजार करोड़ों की सब्सिडी दे रही है.

दरअसल, सरकार इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत 150 यूनिट वाले उपभोक्ताओं को 150 रुपए में सस्ती बिजली दे रही है. इसमें 100 यूनिट की खपत करने वाले उपभोक्ता एक करोड़ 4 लाख हैं. वहीं 100 से 150 यूनिट वाले उपभोक्ताओं की संख्या करीब 50 लाख हैं.

5 फीसदी बिजली दर बढ़ोतरी का प्रस्ताव

बताया जाता है कि इससे राज्य सरकार पर हर साल 3700 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आ रहा है. इसी तरह किसानों की सस्ती बिजली पर हर साल 11850 करोड़ रुपए का भुगतान बिजली कंपनियों को सरकार करती है. 100 से 300 यूनिट के लिए 6.60 प्रति यूनिट का प्रस्ताव मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग को जो प्रस्ताव सौंपा है उसमें 5.09 बिजली दर बढ़ोतरी प्रस्तावित है. इसमें 0 से 50 यूनिट तक खपत करने पर वर्तमान बिजली दर 4.05 प्रति यूनिट है. जिसे बढ़ाकर 4.35 रुपए प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव दिया गया है. इसी तरह 51 से 100 यूनिट तक बिजली खपत करने पर 4.95 रुपए प्रति यूनिट बिजली दर वर्तमान में है, जिसे बढ़ाकर 5.25 किए जाने का प्रस्ताव है.

करोड़ों के घाटे में है बिजली कंपनियां

वहीं 101 से लेकर 300 यूनिट बिजली खपत होने पर अभी 6.30 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से लिया जाता है जिसे बढ़ाकर 6.60 करने का प्रस्ताव है. इसी तरह 300 यूनिट से ज्यादा खपत करने पर अभी 6.50 प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बिल दिया जाता है, जिसे बढ़ाकर 6.80 करने का प्रस्ताव है. बिजली कंपनियों का लगातार घाटा बढ़ रहा है. पिछले चार सालों में ये घाटा बढ़कर 32000 करोड़ पहुंच गया है.

Last Updated : Feb 23, 2020, 3:05 PM IST
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