भोपाल| लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद प्रदेश के लोगों को बिजली बिल के झटके लग सकते हैं. आने वाले समय में कमलनाथ सरकार बिजली के दामों में 12 प्रतिशत बढ़ोतरी कर सकती है. नया प्रस्ताव बनाकर मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने सरकार को भेजा है, जिस पर अंतिम निर्णय होना अभी बाकी है.
बताया जा रहा है कि चुनाव से पहले कंपनी महज 1.5 फीसदी इजाफा करने का दावा कर रही थी. तब प्रस्ताव भी भेजा गया, लेकिन पिछले दिनों मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने संशोधित प्रस्ताव बनाकर दाम 12 फीसदी बढ़ाने की मंजूरी मांगी है. अब इस मामले में मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग को निर्णय करना है.
कितना बोझ बढ़ सकता है उपभोक्ता पर
बिजली कंपनी ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले फरवरी 2019 में मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग को टैरिफ प्रस्ताव भेजा था. इसमें 1.5 फीसदी बढ़ोतरी का जिक्र किया गया था. बिजली कंपनी ने पिछले 23 और 25 मई को दोबारा रिव्यू पिटीशन दायर की है. जिसमें 4,098 करोड़ का घाटा बताते हुए 12 फीसदी बिजली के दाम बढ़ाने की सिफारिश की गई है. बता दें कि अगर बिजली कंपनी के मनमुताबिक दाम बढ़ेंगे, तो 100 यूनिट बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ता के मौजूदा बिल में करीब 25 रुपए अतिरिक्त बोझ आएगा. घरेलू उपभोक्ता को मौजूदा टैरिफ के मुताबिक औसत दाम 5.95 रुपए प्रति यूनिट बिजली मिलती है.
मौजूदा दर के हिसाब से अभी 100 यूनिट बिजली बिल का दाम करीब 517 रुपए आता है. बिजली के दाम बढ़े तो यह करीब 542.50 रुपए के आसपास हो जाएगा. बिजली कंपनी फिक्स चार्ज बिल में ऊर्जा प्रभार के साथ जोड़ कर देता है. अभी उपभोक्ता को 101 यूनिट से 300 यूनिट तक खपत पर शहर में 90 और ग्रामीण क्षेत्र में 65 रुपए देना होता था इसे अब 80 रुपए किया गया है.
सरकार के सामने होगी चुनौती
अगर बिजली के दामों में बढ़ोतरी होती है तो निश्चित रूप से प्रदेश सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी. क्योंकि प्रदेश कांग्रेस सरकार ने चुनाव से पहेल वादा किया था कि बिजली के दाम कम किए जाएंगे साथ ही गरीबी रेखा के नीचे निवास करने वाले लोगों को 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली देने का वादा भी कमलनाथ सरकार ने किया था, हालांकि लोकसभा चुनाव आ जाने की वजह से आचार संहिता लग गई थी. जिसकी वजह से यह प्रस्ताव बीच में ही लटक गया था लेकिन माना जा रहा था कि आचार संहिता हटते ही इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी जाएगी और जून महीने से इसे लागू कर दिया जाएगा, लेकिन मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग 12 फ़ीसदी बढ़ोतरी को हरी झंडी दे देता है तो लोगों के बजट पर इसका असर पड़ना लाजमी है.