भोपाल। कोविड के दौर में भोपाल के हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. जहां मरीज को आईसीयू (ICU) में भर्ती करने पर बिजली और ऑक्सीजन सप्लाई (Oxygen supply) जैसी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. वहीं अब अस्पताल में एक और नई समस्या दस्तक दे रही है. कोविड पेशेंट के कोविड वार्ड में पॉवर कट (Power cut) हो जाना कहीं ना कहीं राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की पोल और दावों को सिरे से झूठा साबित कर रहे हैं. ऐसे में आईसीयू वार्ड में मरीज की सांसें कई बार उखड़ने लगती है. वार्ड में भर्ती मरीज, डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के रहमोकरम पर हैं, जब मरीज डॉक्टर से शिकायत करता है तो उनका कहना है कि हम इसमें कुछ नहीं कर सकते, अस्पताल प्रबंधन ने जो व्यवस्थाएं दी हैं इनके बीच ही हमें मरीज का इलाज करना है. वहीं मरीज के परिजन भी अस्पताल प्रबंधन की नाकामी से परेशान है, वह अपने चहेते को इस बदइंतजामी के बीच तड़पता देखकर भी असहाय से हैं.
मरीज परेशान और भगवान भरोसे काम
एक मामला ऐसा ही सामने आया है जिसमें मरीज के टेंडर ने कोविड-19 वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर से बार-बार बिजली जानी की शिकायत की, तो डॉक्टर ने कहा इसमें हम कुछ नहीं कर सकते. वायरिंग खुली पड़ी है इसलिए बार-बार बिजली जा रही है. मामले का ऑडियो, परिजन के मोबाइल में रिकॉर्ड है. जिसमें डॉक्टर और परिजन की पूरी बातचीत है. ऐसे में मरीज के परिजन अस्पातल प्रबंधन से लेकर नेताओं तक अपनी गुहार लगा चुके हैं और लगा रहे हैं. लेकिन उनकी सुनवाई और मरीज की समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है. मरीज के परिजन कह रहे हैं हमीदिया में जो भी हो रहा है अब सब भगवान (God) के भरोसे है, यहां कोई हमारी सुनने वाला नहीं ही है.
बार-बार बंद हो रही है बिजली सप्लाई
हमीदिया के D ब्लॉक के कोविड-19 वार्ड में बार-बार बिजली सप्लाई बंद हो रही है और ऑक्सीजन सेचुरेशन की स्थिति भी गंभीर है. यहां कोई सुनने वाला नहीं है. वार्ड में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन चाहिए लेकिन यहां सुनने वाला ही नहीं है. बिजली भी जा रही है, मरीजों की ऑक्सीजन कम हो रही है और उन्हें तकलीफ हो रही है.
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मेडिकल स्टाफ 'गायब'
यह सब बातें अस्पताल में भर्ती ब्रह्मेश्वर भार्गव ने अपने भाई लोकेश भार्गव को फोन पर बताई, जिसका ऑडियो ईटीवी भारत के पास है. हमीदिया के ब्लॉक डी में कोविड-19 वार्ड है, जहां ब्रह्मेश्वर 5a बेड नंबर 622 में भर्ती है. उसे 7 मई को इस वार्ड में शिफ्ट किया गया है. इससे पहले ब्रह्मेश्वर को C ब्लॉक टीवी अस्पताल के पास भर्ती कराया गया था. वहां स्थिति गंभीर होने के बाद, उसे यहां D ब्लॉक में लाया गया है. जहां पर उसकी हालत पहले से और गिरती जा रही है. ब्रह्मेश्वर ने अपने भाई को बताया है कि यहां पर कोई देखरेख नहीं हो रही है. डॉक्टर आते हैं, इलाज बताकर चले जाते हैं लेकिन यहां मौजूद मेडिकल स्टाफ मरीज की ओर ध्यान नहीं दे रहा है. पानी तक पिलाने वाला कोई नहीं है. जो दवाएं यहां रखी रहती हैं वह नहीं दी जा रही है. रात में कोई भी मेडिकल स्टाफ 'आपातकाल' के लिए नहीं रहता है, मरीज चिल्लाते और तड़पते रहते हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.
भाई खराब लेकिन सुनने वाला नहीं
D ब्लॉक में भर्ती ब्रह्मेश्वर के भाई लोकेश ने बताया कि 7 तारीख से अभी तक उसकी हालत में कोई सुधार नहीं आया है. वेंटिलेटर पर उसकी स्थिति खराब होती जा रही है. ऑक्सीजन की कमी है, अब तो उसको बात करने में भी परेशानी होती है. बार-बार लाइट जाती है, जिससे ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो रही है और मरीजों की जान आफत में पड़ जाती है. रात में कोई स्टाफ नहीं होने के कारण मरीज चिल्लाते रहते हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं रहता. भाई ने बताया है कि यहां कई मरीज इलाज और देखरेख के अभाव में दम तोड़ चुके हैं.
हम व्यवस्थाएं ठीक कराएंगे
ईटीवी भारत ने गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन जितेन शुक्ला से बात की. उन्होंने फोन पर बताया कि D ब्लॉक में जनरेटर की व्यवस्था है. जिससे बिजली जाने पर बैकअप मिलता है, लेकिन बार-बार बिजली जाने से समस्या बन रही है हम इसको ठीक करवाएंगे. जबकि लोकेश और डॉक्टर के बीच हुई बातचीत में स्पष्ट है कि बिल्डिंग वायरिंग खुली पड़ी है. सुधार करवाने का प्रयास किया जा रहा है. इस बीच बिजली गुल हो रही है और मरीजों की जान आफत में आ जाती है. वही डॉक्टर का कहना है कि हम इसमें कुछ नहीं कर पा रहे हैं, जो व्यवस्थाएं हमें दी गई हैं, उनके बीच में में इलाज करना पड़ रहा है.