भोपाल। एमपी के खराब आर्थिक हालात (Poor Economic Condition of MP) के चलते 5 शहरों में शुरू होने वाली इलेक्ट्रिक बसों (Electric Bus) के संचालन पर आशंका के बादल मंडरा रहे हैं. वित्त विभाग (Finance Department) ने खराब आर्थिक हालात का हवाला (MP's financial condition is bad) देते हुए इस पर रोक लगा दी है. उधर मंत्री भूपेंद्र सिंह (Minister Bhupendra Singh) के मुताबिक विभाग ने आपत्ति जताई है, लेकिन उसको लेकर रास्ता निकाल लिया जाएगा. प्रदेश सरकार ने भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में करीब 340 की बसें चलाने का लक्ष्य रखा है.
टेंडर प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी लगी रोक
केंद्र सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल योजना (Electric Vehicle Scheme) के तहत प्रदेश को 340 बसें मिलनी थी. इसके लिए पांच शहरों से अलग-अलग प्रस्ताव और मार्गों के नाम मांगे थे. भोपाल और इंदौर को 100- 100, ग्वालियर को 40, जबलपुर और उज्जैन को 50- 50 बसों को चलाने का प्रस्ताव नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को भेजा गया था. इसके तहत टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हुई, लेकिन अब वित्त विभाग ने अपनी असहमति जता दी है.
राजधानी में जल्द शुरू होगी इलेक्ट्रिक बस, महापौर ने किया ट्रायल
इसके बाद नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर रोक लगाने की जानकारी दे दी है. उधर विभाग के मंत्री भूपेंद्र सिंह से जब इसको लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वित्त विभाग ने आपत्ति जताई है, लेकिन इसको लेकर रास्ता निकाल लिया जाएगा.
प्रदेश में चलेगी 300 सीएनजी बसें
इलेक्ट्रिक बसों पर भले ही रोक लगा दी गई हो लेकिन बीसीएलएल की अमृत योजना के तहत सूत्रीकृत नगरीय मार्गों पर 300 सीएनजी बस जल्दी चलाई जाएंगी. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. हैदराबाद की कंपनी को इसका टेंडर दिया गया है. एक बस करीब 30 लाख रुपए में खरीदी जाएगी.