भोपाल। मध्यप्रदेश चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को नोटिस जारी किया है. 27 अक्टूबर को आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मध्य प्रदेश की जौरा विधानसभा में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ अपमानजनक भाषा का उपयोग किया था.
मुरैना के जौरा में सभा करने पहुंचे कृष्णम ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तुलना कंस, शकुनी और मारीच से की थी. इस सभा में राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी मौजूद थे. आचार्य प्रमोद के इस बयान के बाद बीजेपी ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए भारतीय चुनाव आयोग ने 48 घंटे के भीतर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम से स्पष्टीकरण मांगा है.
पूर्व विधायकों का जमीर मर गया:कृष्णम
कांग्रेस स्टार प्रचारक कृष्णम ने चुनावी सभा के दौरान ये भी कहा था कि उपचुनाव इसलिए नहीं हो रहे हैं कि यहां के विधायक की मृत्यु हो गई है, बल्कि ये उपचुनाव इसलिए हो रहे हैं, क्योंकि विधायक तो जिंदा हैं, लेकिन उनका जमीर मर गया है, उनकी अंतरात्मा मर गई है. उन्होंने कहा कि हम बच्चों को शिक्षा देते हैं कि झूठ मत बोलना, गद्दारी मत करना. लेकिन यह परीक्षा की घड़ी आम जनता की है. जनता को याद रखना चाहिए कि वे किसके साथ खड़े होंगे, जिन्होंने कमलनाथ की पीठ में खंजर भोंका या उसके साथ जिसने खंजर को झेला है. जनता को झूठ का फैसला करना है.
सबसे पहले ग्वालियर में बताया था शिवराज को कंस-मारीच-शकुनि का मिश्रण
बता दें, राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और आचार्य प्रमोद कृष्णम ग्वालियर में चुनावी सभा करने पहुंचे थे. जहां सबसे पहले सभा को संबोधित करते हुए आचार्य ने सीएम शिवराज को त्रेता युग के मारीच, महाभारत काल के शकुनि और द्वापर युग के कंस मामा का मिला-जुला मिश्रण बताया था.
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दी थी सफाई
चुनावी सभा में सीएम शिवराज को मारीच-कंस और शकुनि का मिश्रण बताने वाले बयान पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपने बयान पर सफाई भी दी थी. आचार्य कृष्णम ने कहा था कि 'मैंने जो भी कहा है वह शास्त्रों के आधार पर कहा.'