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आदिवासी महिलाओं से पांच स्टेप में जानिए हर्बल गुलाल बनाना

रंगों के त्योहार होली का इंतजार लोगों को सालभर से रहता है. इस त्योहार की रौनक अलग ही होती है. रंग-बिरंगे चेहरे खुशी से इठलाते नजर आते हैं. कई बार केमिकल युक्त रंग-गुलाल के कारण त्योहार का मजा किरकिरा हो जाता है. लोगों को इससे एलर्जी भी हो जाती है. इसलिए लोग अब हर्बल रंग और गुलाल की डिमांड करने लगे हैं. हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप किस तरह से घर में ही आसान तरीके से हर्बल गुलाल बना सकते हैं.

Herbal gulal
हर्बल गुलाल
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Published : Mar 23, 2021, 5:17 PM IST

सरगुजा: रंगों के त्योहार होली की तैयारी छत्तीसगढ़ में जोर-शोर से चल रही है. रंगों की फुहार में हर किसी का मन सराबोर होने के लिए मचल उठता है. लेकिन कई बार केमिकल युक्त रंग और गुलाल त्योहार का मजा फीका कर देते हैं. इन केमिकल वाले रंगों के डर से लोग घरों में दुबक जाते हैं. मगर अब रंगों से भागने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सरगुजा जिले में हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है. जिले की बिहान महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी हर्बल गुलाल बना रही है और वो भी बिल्कुल आसान तरीकों से. वे स्टॉल्स के माध्यम से इसे बेच रही हैं. आप स्टॉल से हर्बल गुलाल खरीद सकते हैं या फिर घर पर ही इसे बना सकते हैं.

ऐसे बनाएं हर्बल गुलाल

आप भी बनाइए आदिवासी महिलाओं की तरह हर्बल गुलाल


घर में इस तरह से बनाएं हर्बल गुलाल

हर्बल गुलाल बनाने के लिए सबसे पहले आपको अरारोट का पाउडर, गेंदे का फूल, चुकंदर, लाल भाजी और हरी भाजी लाना होगा. इतनी सामग्री में ही आप रंग-बिरंगे खूबसूरत हर्बल गुलाल बना सकते हैं और होली में अपने प्रियजनों को बिना केमिकल वाला रंग लगा सकते हैं.

धमतरी: होली पर संक्रमण के बादल, व्यापार पड़ा मंदा


हर्बल गुलाल बनाने की विधि-

--------------------

  • पीले रंग के लिए गेंदे के फूल को तोड़कर उसकी पंखुड़ियों को अलग करें.
  • फूल का हरा हिस्सा फेंक दें और पीली पंखुड़ियों को एकत्र कर लें.
  • हरे रंग के लिए हरी भाजी के पत्तों को तोड़कर अलग कर लें.
  • लाल रंग के लिए चुकंदर के ऊपरी सतह को छीलकर निकालना है.
  • चुकंदर को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें.
  • अब इन तीनों को अलग-अलग बर्तन में पानी डालकर उबालें.
  • ध्यान रहे कि अगर पानी का अनुपात 10 लीटर है, तो उसे इतनी देर तक उबालना है कि पानी 3 लीटर ही बचे.
  • इतनी देर उबलने के बाद आप देखेंगे कि पानी गाढ़े रंग में तब्दील हो गया है.
  • इस रंगीन पानी को अरारोट में मिला दें. इससे सफेद अरारोट का पाउडर रंगीन हो जाता है.
  • इसके बाद इस गीले अरारोट को धूप में सुखाना है.
  • जब यह सूख जाए, तो इस मिश्रण को मिक्सर ग्राइंडर में ग्राइंड कर लें.

मिक्सर में ग्राइंड करने के बाद आप देखेंगे कि बाजार में मिलने वाले गुलाल से भी खूबसूरत गुलाल बनकर तैयार हो गया है.

Herbal gulal
हर्बल गुलाल

हर्बल होली: 20 मार्च से बाजार में उपलब्ध होगा फूल और पत्तियों से बना गुलाल

अगर आप खुद के बनाए हुए गुलाल को बाजार में बेचना चाहते हैं, तो इसे पॉलीथिन में पैक भी कर सकते हैं. पैकिंग आप मशीन के माध्यम से या फिर हाथों से भी कर सकते हैं.

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200 रुपए प्रति किलो है इस गुलाल की कीमत

फिलहाल अंबिकापुर में, जिला प्रशासन बिहान महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी के माध्यम से महिला समूहों से यह हर्बल गुलाल बनवा रही है. इसे शहर में स्टॉल लगाकर महिला समूह द्वारा ही बेचा जा रहा है. यह गुलाल 200 रुपए प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है, जबकि इसके निर्माण में प्रति किलो 120 रुपए का खर्च आ रहा है. एक किलो गुलाल पर महिला समूह 80 रुपए से भी अधिक का मुनाफा कमा रही हैं.

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सरगुजा: रंगों के त्योहार होली की तैयारी छत्तीसगढ़ में जोर-शोर से चल रही है. रंगों की फुहार में हर किसी का मन सराबोर होने के लिए मचल उठता है. लेकिन कई बार केमिकल युक्त रंग और गुलाल त्योहार का मजा फीका कर देते हैं. इन केमिकल वाले रंगों के डर से लोग घरों में दुबक जाते हैं. मगर अब रंगों से भागने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सरगुजा जिले में हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है. जिले की बिहान महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी हर्बल गुलाल बना रही है और वो भी बिल्कुल आसान तरीकों से. वे स्टॉल्स के माध्यम से इसे बेच रही हैं. आप स्टॉल से हर्बल गुलाल खरीद सकते हैं या फिर घर पर ही इसे बना सकते हैं.

ऐसे बनाएं हर्बल गुलाल

आप भी बनाइए आदिवासी महिलाओं की तरह हर्बल गुलाल


घर में इस तरह से बनाएं हर्बल गुलाल

हर्बल गुलाल बनाने के लिए सबसे पहले आपको अरारोट का पाउडर, गेंदे का फूल, चुकंदर, लाल भाजी और हरी भाजी लाना होगा. इतनी सामग्री में ही आप रंग-बिरंगे खूबसूरत हर्बल गुलाल बना सकते हैं और होली में अपने प्रियजनों को बिना केमिकल वाला रंग लगा सकते हैं.

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हर्बल गुलाल बनाने की विधि-

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  • पीले रंग के लिए गेंदे के फूल को तोड़कर उसकी पंखुड़ियों को अलग करें.
  • फूल का हरा हिस्सा फेंक दें और पीली पंखुड़ियों को एकत्र कर लें.
  • हरे रंग के लिए हरी भाजी के पत्तों को तोड़कर अलग कर लें.
  • लाल रंग के लिए चुकंदर के ऊपरी सतह को छीलकर निकालना है.
  • चुकंदर को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें.
  • अब इन तीनों को अलग-अलग बर्तन में पानी डालकर उबालें.
  • ध्यान रहे कि अगर पानी का अनुपात 10 लीटर है, तो उसे इतनी देर तक उबालना है कि पानी 3 लीटर ही बचे.
  • इतनी देर उबलने के बाद आप देखेंगे कि पानी गाढ़े रंग में तब्दील हो गया है.
  • इस रंगीन पानी को अरारोट में मिला दें. इससे सफेद अरारोट का पाउडर रंगीन हो जाता है.
  • इसके बाद इस गीले अरारोट को धूप में सुखाना है.
  • जब यह सूख जाए, तो इस मिश्रण को मिक्सर ग्राइंडर में ग्राइंड कर लें.

मिक्सर में ग्राइंड करने के बाद आप देखेंगे कि बाजार में मिलने वाले गुलाल से भी खूबसूरत गुलाल बनकर तैयार हो गया है.

Herbal gulal
हर्बल गुलाल

हर्बल होली: 20 मार्च से बाजार में उपलब्ध होगा फूल और पत्तियों से बना गुलाल

अगर आप खुद के बनाए हुए गुलाल को बाजार में बेचना चाहते हैं, तो इसे पॉलीथिन में पैक भी कर सकते हैं. पैकिंग आप मशीन के माध्यम से या फिर हाथों से भी कर सकते हैं.

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200 रुपए प्रति किलो है इस गुलाल की कीमत

फिलहाल अंबिकापुर में, जिला प्रशासन बिहान महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी के माध्यम से महिला समूहों से यह हर्बल गुलाल बनवा रही है. इसे शहर में स्टॉल लगाकर महिला समूह द्वारा ही बेचा जा रहा है. यह गुलाल 200 रुपए प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है, जबकि इसके निर्माण में प्रति किलो 120 रुपए का खर्च आ रहा है. एक किलो गुलाल पर महिला समूह 80 रुपए से भी अधिक का मुनाफा कमा रही हैं.

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