भोपाल। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने बीजेपी के वरिष्ठ विधायक और मंत्री गोपाल भार्गव को अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने की सलाह दी है. गोविंद सिंह ने कहा कि "गोपाल भार्गव को जिस तरह से चुनाव प्रबंधन समिति और घोषणा पत्र समिति में नजरअंदाज किया गया. उसको लेकर उन्हें पार्टी में अपने तेवर दिखाने चाहिए. उन्होंने कहा कि वरिष्ठता के नाते गोपाल भार्गव के साथ मेरी सहानुभूति है. गोपाल भार्गव की राजनीतिक शुरुआत समाजवादी विचारक डॉ लोहिया के विचार के साथ हुई है. डॉक्टर लोहिया के पद चिन्हों पर चलते हुए गोपाल भार्गव को अपने तेवर दिखाने चाहिए और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने के लिए और तैयार रहना चाहिए, ऐसी में उन्हें सलाह देता हूं." दरअसल इन दोनों समितियां में बुंदेलखंड क्षेत्र के सागर से दो मंत्रियों भूपेंद्र सिंह और गोविंद सिंह राजपूत को तो जगह मिली, लेकिन बीजेपी के सबसे सीनियर विधायक व पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव को इन दोनों ही समितियों में जगह नहीं मिली. गोपाल भार्गव ब्राह्मण वर्ग का बड़ा चेहरा माने जाते हैं. गोपाल भार्गव रहली विधानसभा सीट से लगातार 8 बार चुनाव जीत चुके हैं और फिर अगला चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. एक दिन पहले ही उनका एक वीडियो वायरल हुआ है. जिसमें मंत्री गोपाल भार्गव जिम में मुगदल चलाते हुए दिखाई दे रहे हैं.
गोविंद सिंह ने शिवराज पर साधा निशाना: नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने चुनावी सभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कमलनाथ को लेकर भाषा की मर्यादा का ध्यान न रखने को लेकर कड़ी नाराज की जताई है. उन्होंने कहा कि "उम्र में कमलनाथ शिवराज से बड़े हैं. क्या बीजेपी की संस्कृति में यही सिखाया जाता है कि अपने बड़े भाई या चाचा की उम्र के व्यक्ति को इसी तरह से संबोधित किया जाए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भले ही अपनी भाषा की मर्यादा को भूल रहे हों, लेकिन कांग्रेस उन्हें इस तरह से जवाब नहीं देगी, क्योंकि कांग्रेस में इस तरह की भाषा नहीं सिखाई जाती. पूरे प्रदेश की जनता देख रही है कि 18 सालों से मुख्यमंत्री के पद पर बैठा व्यक्ति किस तरह से अपने से बड़े उम्र के व्यक्ति को लेकर बात कर रहा है. इस तरह की भाषा शिवराज सिंह को शोभा नहीं देती."
वीडी शर्मा पर गोविंद सिंह का बयान: कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दिग्विजय सिंह को लेकर की गई टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि "दिग्विजय सिंह ने कभी नहीं कहा कि उनकी वजह से लोग कांग्रेस को वोट नहीं देते. मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह जैसा जनाधार वाला नेता कोई नहीं है. गांव-गांव में लोग उन्हें पहचानते हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा दिग्विजय सिंह के मुकाबले कहीं नहीं टिकते. उनके छोटे मुंह से बड़ी बात शोभा नहीं देती. दिग्विजय सिंह ने 10 साल मुख्यमंत्री रहते अपने किसी भी परिवार के सदस्यों को उपकृत नहीं किया. जबकि वीडी शर्मा ने पत्नी ससुर भाई सहित कई रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाया है.
नेता प्रतिपक्ष का आरोप: नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा लाखों करोड़ों की जमीन ओने पौने दामों में अपने चहेते ठेकेदारों और बीजेपी नेताओं को बेच डाली. जिन सरकारी संपत्तियों को बेचा गया, उसमें ठेकेदारों से सांठगांठ की गई. हालात यह हो गए हैं कि कई स्थानों पर बसें खड़ी करने के लिए शहर में जगह नहीं बची. उन्होंने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में पूरी भ्रष्टाचार की गंगा श्यामला हिल्स से निकल रही है.