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पूर्व सीएम कमलनाथ ने किया पेट्रोल-डीजल पर कर बढ़ोतरी का विरोध, कहा- जनता पर पड़ रही दोहरी मार

विश्व बाजार में कच्चे तेल के दामों में गिरावट होने के बावजूद पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज और केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है, उन्होंने कहा है कि, इससे जनता पर महंगाई की दोहरी मार पड़ रही है.

kamalnath, ex cm
कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री
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Published : Jun 13, 2020, 5:01 PM IST

भोपाल। कोरोना संकट के बीच विश्व बाजार में कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बढ़ाए गए दाम को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की शिवराज सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार ने जनता को राहत देने के बजाय पेट्रोल- डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर खुद खजाने को भरने का काम किया है.

कमलनाथ ने कहा कि, प्रदेश सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 1-1 रुपए का अतिरिक्त कर बढ़ाकर जनता को महंगाई की आग में झोंकने का काम किया है. प्रदेश में पेट्रोल- डीजल पर पहले से ही भारी भरकम वैट, सेस और अतिरिक्त कर लग रहा है. अतिरिक्त करों की इस बढ़ोतरी से अब पेट्रोल व डीजल में अभी तक का सर्वाधिक टैक्स हो गया है.

  • कोरोना महामारी के इस संकट काल में जनता को पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले करो में कमी कर राहत देने का समय है लेकिन इस संकट काल में भी उन पर करों में बढ़ोतरी कर , जनता पर महंगाई की दोहरी मार थोपी जा रही है।
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    — Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 13, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
कमलनाथ ने कहा है कि, कोरोना महामारी के इस संकट काल में जनता को पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले करों में कमी कर राहत देने का समय है, लेकिन इस संकट काल में भी करों में बढ़ोतरी कर, जनता पर महंगाई की दोहरी मार थोपी जा रही है. एक तरफ कच्चा तेल सस्ता हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल के दामों में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है. पहले केंद्र सरकार ने जनता को राहत देने की बजाय पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर खुद के खजाने को भरने का काम किया. अब मध्य प्रदेश की सरकार ने इस संकट काल में पेट्रोल और डीजल पर एक 1-1 रुपए का अतिरिक्त कर बढ़ाकर जनता को महंगाई की आग में झोंकने का काम किया है. प्रदेश में पेट्रोल पर पूर्व में ही 33% वैट, 1% सेस और 3.5 रुपए अतिरिक्त कर लग रहा था. वहीं डीजल पर 23% वैट, 1% सेस और 2 रुपये अतिरिक्त कर लग रहा था.

भोपाल। कोरोना संकट के बीच विश्व बाजार में कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद केंद्र और राज्य सरकार द्वारा बढ़ाए गए दाम को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की शिवराज सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार ने जनता को राहत देने के बजाय पेट्रोल- डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर खुद खजाने को भरने का काम किया है.

कमलनाथ ने कहा कि, प्रदेश सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 1-1 रुपए का अतिरिक्त कर बढ़ाकर जनता को महंगाई की आग में झोंकने का काम किया है. प्रदेश में पेट्रोल- डीजल पर पहले से ही भारी भरकम वैट, सेस और अतिरिक्त कर लग रहा है. अतिरिक्त करों की इस बढ़ोतरी से अब पेट्रोल व डीजल में अभी तक का सर्वाधिक टैक्स हो गया है.

  • कोरोना महामारी के इस संकट काल में जनता को पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले करो में कमी कर राहत देने का समय है लेकिन इस संकट काल में भी उन पर करों में बढ़ोतरी कर , जनता पर महंगाई की दोहरी मार थोपी जा रही है।
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कमलनाथ ने कहा है कि, कोरोना महामारी के इस संकट काल में जनता को पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले करों में कमी कर राहत देने का समय है, लेकिन इस संकट काल में भी करों में बढ़ोतरी कर, जनता पर महंगाई की दोहरी मार थोपी जा रही है. एक तरफ कच्चा तेल सस्ता हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल के दामों में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है. पहले केंद्र सरकार ने जनता को राहत देने की बजाय पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर खुद के खजाने को भरने का काम किया. अब मध्य प्रदेश की सरकार ने इस संकट काल में पेट्रोल और डीजल पर एक 1-1 रुपए का अतिरिक्त कर बढ़ाकर जनता को महंगाई की आग में झोंकने का काम किया है. प्रदेश में पेट्रोल पर पूर्व में ही 33% वैट, 1% सेस और 3.5 रुपए अतिरिक्त कर लग रहा था. वहीं डीजल पर 23% वैट, 1% सेस और 2 रुपये अतिरिक्त कर लग रहा था.
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