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कोरोना के खिलाफ लड़ाई: IITT रणनिति के साथ घर-घर सर्वे

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Published : May 4, 2021, 4:05 PM IST

कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रशासन लगातार प्रयास कर रही हैं. लिहाजा किल कोरोना अभियान के तहत अब राजधानी भोपाल में आईआईटीटी की रणनीति के साथ घर-घर सर्वे किया जा रहा हैं.

door to door survey are being conducted with IITT strategy
आईआईटीटी रणनिति के साथ घर-घर सर्वे

भोपाल। किल कोरोना अभियान के तहत अब आईआईटीटी की रणनीति के साथ घर-घर सर्वे किया जा रहा हैं. आईआईटीटी का मतलब आइडेंटिफिकेशन, आइसोलेशन, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की रणनीति के तहत कोरोना मरीजों की पहचान करना हैं. उन्हें तत्काल आइसोलेट करना हैं, ताकि अन्य लोग उनके संपर्क में न आ जाए.

अभी भी आरटीपीसीआर की रिपोर्ट आने में समय लग रहा है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति संक्रमित है, तो उससे अन्य लोगों को भी संक्रमण का खतरा बना रहता हैं. इसलिए किल कोरोना अभियान के तहत टेस्ट सहित इलाज की व्यवस्था कराई जा रही हैं.

प्रशासनिक टीम कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं. इसके लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर सर्वे किया जा रहा हैं. इस अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग का अमला कोरोना मरीजों के उपचार के लिए सभी आवश्यक प्रबंध प्राथमिकता के आधार पर कर रहा हैं. इसी के चलते अब राजधानी में आईआईटीटी की रणनीति के तहत कोविड के नियंत्रण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में नौ मई तक किल कोरोना अभियान संचालित किया जा रहा हैं. इसका उद्देश्य संभावित संक्रमित और कोरोना संक्रमित मरीजों को समुदाय से अलग कर संक्रमण की चेन को तोड़ना हैं.

door to door survey are being conducted with IITT strategy
आईआईटीटी रणनिति के साथ घर-घर सर्वे

PPE किट पहनकर सड़कों पर उतरे स्वास्थ्य विभाग के 'योद्धा'


दल में ये हैं शामिल
पूरे जिले में सर्वे दल गठित कर अभियान संचालित किया जा रहा हैं. इस दल में एएनएम, एमपीडब्ल्यू, एमएसडब्ल्यू, आशा कार्यकर्ता सहित अन्य सदस्य हैं. दल में स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ता पर्याप्त संसाधन के साथ सर्वे कर रहे हैं. दल के पास पर्याप्त ट्रिपल लेयर मास्क, पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, सैनिटाइजर संसाधन हैं.


यह सर्वे दल पिछले 10 दिनों के भीतर सर्दी, खांसी, बुखार, कोविड पॉजिटिव व्यक्ति से संपर्क, गले में खराश, बदन दर्द, सिर दर्द के साथ अति मंद लक्षण वाले पीड़ित मरीजों की पहचान करेगा. उपचार के लिए कोविड केयर सेंटर में रेफर किया जायेगा, जहां पर प्रोटोकॉल अनुसार देखभाल की जाएगी.

भोपाल। किल कोरोना अभियान के तहत अब आईआईटीटी की रणनीति के साथ घर-घर सर्वे किया जा रहा हैं. आईआईटीटी का मतलब आइडेंटिफिकेशन, आइसोलेशन, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की रणनीति के तहत कोरोना मरीजों की पहचान करना हैं. उन्हें तत्काल आइसोलेट करना हैं, ताकि अन्य लोग उनके संपर्क में न आ जाए.

अभी भी आरटीपीसीआर की रिपोर्ट आने में समय लग रहा है. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति संक्रमित है, तो उससे अन्य लोगों को भी संक्रमण का खतरा बना रहता हैं. इसलिए किल कोरोना अभियान के तहत टेस्ट सहित इलाज की व्यवस्था कराई जा रही हैं.

प्रशासनिक टीम कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं. इसके लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर सर्वे किया जा रहा हैं. इस अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग का अमला कोरोना मरीजों के उपचार के लिए सभी आवश्यक प्रबंध प्राथमिकता के आधार पर कर रहा हैं. इसी के चलते अब राजधानी में आईआईटीटी की रणनीति के तहत कोविड के नियंत्रण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में नौ मई तक किल कोरोना अभियान संचालित किया जा रहा हैं. इसका उद्देश्य संभावित संक्रमित और कोरोना संक्रमित मरीजों को समुदाय से अलग कर संक्रमण की चेन को तोड़ना हैं.

door to door survey are being conducted with IITT strategy
आईआईटीटी रणनिति के साथ घर-घर सर्वे

PPE किट पहनकर सड़कों पर उतरे स्वास्थ्य विभाग के 'योद्धा'


दल में ये हैं शामिल
पूरे जिले में सर्वे दल गठित कर अभियान संचालित किया जा रहा हैं. इस दल में एएनएम, एमपीडब्ल्यू, एमएसडब्ल्यू, आशा कार्यकर्ता सहित अन्य सदस्य हैं. दल में स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ता पर्याप्त संसाधन के साथ सर्वे कर रहे हैं. दल के पास पर्याप्त ट्रिपल लेयर मास्क, पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, सैनिटाइजर संसाधन हैं.


यह सर्वे दल पिछले 10 दिनों के भीतर सर्दी, खांसी, बुखार, कोविड पॉजिटिव व्यक्ति से संपर्क, गले में खराश, बदन दर्द, सिर दर्द के साथ अति मंद लक्षण वाले पीड़ित मरीजों की पहचान करेगा. उपचार के लिए कोविड केयर सेंटर में रेफर किया जायेगा, जहां पर प्रोटोकॉल अनुसार देखभाल की जाएगी.

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