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रेस नहीं, वो खुद को जीतने दौड़ा था...दिव्यांग बच्चे ने पूरी की दौड़, डीएसपी ने वीडियो किया शेयर

ग्वालियर में एक दिव्यांग बच्चे ने अपने हौसलों की बदौलत रेस जीती. ग्वालियर के डीएसपी संतोष पटेल ने बच्चे को सम्मानित कर वीडियो अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया.

Bhopal News
दिव्यांग बच्चे ने पूरी की दौड़
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Published : Mar 14, 2023, 9:18 PM IST

भोपाल। इसे खबर की तरह सरसरी निगाह से पढ़कर मत गुजर जाइए. ठहर कर जरा उस बच्चे के साथ खड़े होकर समझिए इस खबर को भी और उस तस्वीर को भी जिस तस्वीर में सबसे पीछे दौड़ रहा बच्चा विजेता कहलाता है. क्योंकि इस बच्चे की दौड़ साथ दौड़ रहे बाकी बच्चों से थी ही नहीं. ये बच्चा अपनी ही उम्र के बाकी बच्चों से जीतने दौड़ा भी नहीं था. कोई जिद्द नहीं थी उसे किसी को हरा देने की. वो बच्चा खुद को जीतने और खुद को हराने दौड़ा. खुद को ये बताने दौड़ा कि लड़खड़ाकर ही सही, दौड़ तो मैं भी सकता हूं. खुद को ये जताने दौड़ा कि केवल हौसले की बात हैं, केवल जिद्द की बात है. दौड़ भी मुमकिन है और जीत भी. खबर ग्वालियर जिले की है, जहां एक मासूम दिव्यांग बच्चा पिता के कंधे पर बैठकर रेस का हिस्सा बना और पैरों को पूरा हौसला बनाकर दौड़ता चला गया. ग्वालियर जिले के डीएसपी संतोष पटेल ने इस बच्चे को सम्मानित किया और बाद में इस बच्चे का वीडियो अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया.

  • #दिव्यांग बच्चे हमारे समाज के अंग होते हैं हमें उनका सम्मान करना चाहिए और हौंसला अफ़जाई https://t.co/d6iECwdVAl

    — Santosh Patel DSP (@Santoshpateldsp) March 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पैरों से नहीं वो हौसले से दौड़ा थाः कुछ तस्वीरें मिसाल बन जाती हैं. ग्वालियर जिले में हुई बच्चों की दौड़ की ये तस्वीर ऐसी ही है. जो सिखाती है, प्रेरणा बनकर बताती है कि दौड़ हमेशा प्रतिस्पर्धी से नहीं होती. वीडियो में दिखाई दे रहा ये मासूम बच्चा भी दौड़ना चाहता था. तो क्या हुआ जो उसका शरीर इसकी इजाजत नहीं देता. हौसले तो उसके भी उसी तरह से बुलंद हैं जैसे बाकी बच्चों के. पिता ने भी बच्चे की ख्वाहिश का मान रखा और उसे कंधे पर बिठाकर दौड़ में लेकर आए. बच्चा पूरी ताकत से दौड़ा भी और कतार में आखिर में होने के बाद जीता भी. जीता इसलिए कि उसको खुद को जीतना आ गया. खिलखिलाते बच्चे को मालाएं पहनाई गईं विजेता की तरह और मिला पुरस्कार भी. पुरस्कार इसलिए कि उसने हिम्मत नहीं हारी. ताकि वो भविष्य में अपनी उड़ान पा सके.

  • एक दिव्यांग जो शारीरिक व मानसिक रूप से अक्षम है और वह दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेने अपने पिता के साथ आया हुआ था। देखिए उसके हौंसले और पिता का बच्चों के प्रति समर्पण जिसे कंधे में उठाकर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में ले जाते हैं।#Divyang #दिव्यांग #सामाजिक_न्याय #SocialJustice #DSP pic.twitter.com/OQnh5gfgDu

    — Santosh Patel DSP (@Santoshpateldsp) March 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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डीएसपी ने ट्विटर पर वीडियो के साथ संदेश किया शेयरः ग्वालियर जिले के डीएसपी ने इस वीडियो के साथ अपना संदेश भी ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है. जिसमें इस बच्चे को लेकर कहा है कि दिव्यांग बच्चे का सम्मान किया ताकि भविष्य में वो उड़ान भर सके. उन्होंने कहा कि ऐसे माता पिता भी सम्मान के योग्य हैं जो अपने बच्चों को विपरीत परिस्थितियों में लड़ना और खड़े होना सिखाते हैं.

भोपाल। इसे खबर की तरह सरसरी निगाह से पढ़कर मत गुजर जाइए. ठहर कर जरा उस बच्चे के साथ खड़े होकर समझिए इस खबर को भी और उस तस्वीर को भी जिस तस्वीर में सबसे पीछे दौड़ रहा बच्चा विजेता कहलाता है. क्योंकि इस बच्चे की दौड़ साथ दौड़ रहे बाकी बच्चों से थी ही नहीं. ये बच्चा अपनी ही उम्र के बाकी बच्चों से जीतने दौड़ा भी नहीं था. कोई जिद्द नहीं थी उसे किसी को हरा देने की. वो बच्चा खुद को जीतने और खुद को हराने दौड़ा. खुद को ये बताने दौड़ा कि लड़खड़ाकर ही सही, दौड़ तो मैं भी सकता हूं. खुद को ये जताने दौड़ा कि केवल हौसले की बात हैं, केवल जिद्द की बात है. दौड़ भी मुमकिन है और जीत भी. खबर ग्वालियर जिले की है, जहां एक मासूम दिव्यांग बच्चा पिता के कंधे पर बैठकर रेस का हिस्सा बना और पैरों को पूरा हौसला बनाकर दौड़ता चला गया. ग्वालियर जिले के डीएसपी संतोष पटेल ने इस बच्चे को सम्मानित किया और बाद में इस बच्चे का वीडियो अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया.

  • #दिव्यांग बच्चे हमारे समाज के अंग होते हैं हमें उनका सम्मान करना चाहिए और हौंसला अफ़जाई https://t.co/d6iECwdVAl

    — Santosh Patel DSP (@Santoshpateldsp) March 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पैरों से नहीं वो हौसले से दौड़ा थाः कुछ तस्वीरें मिसाल बन जाती हैं. ग्वालियर जिले में हुई बच्चों की दौड़ की ये तस्वीर ऐसी ही है. जो सिखाती है, प्रेरणा बनकर बताती है कि दौड़ हमेशा प्रतिस्पर्धी से नहीं होती. वीडियो में दिखाई दे रहा ये मासूम बच्चा भी दौड़ना चाहता था. तो क्या हुआ जो उसका शरीर इसकी इजाजत नहीं देता. हौसले तो उसके भी उसी तरह से बुलंद हैं जैसे बाकी बच्चों के. पिता ने भी बच्चे की ख्वाहिश का मान रखा और उसे कंधे पर बिठाकर दौड़ में लेकर आए. बच्चा पूरी ताकत से दौड़ा भी और कतार में आखिर में होने के बाद जीता भी. जीता इसलिए कि उसको खुद को जीतना आ गया. खिलखिलाते बच्चे को मालाएं पहनाई गईं विजेता की तरह और मिला पुरस्कार भी. पुरस्कार इसलिए कि उसने हिम्मत नहीं हारी. ताकि वो भविष्य में अपनी उड़ान पा सके.

  • एक दिव्यांग जो शारीरिक व मानसिक रूप से अक्षम है और वह दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेने अपने पिता के साथ आया हुआ था। देखिए उसके हौंसले और पिता का बच्चों के प्रति समर्पण जिसे कंधे में उठाकर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में ले जाते हैं।#Divyang #दिव्यांग #सामाजिक_न्याय #SocialJustice #DSP pic.twitter.com/OQnh5gfgDu

    — Santosh Patel DSP (@Santoshpateldsp) March 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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डीएसपी ने ट्विटर पर वीडियो के साथ संदेश किया शेयरः ग्वालियर जिले के डीएसपी ने इस वीडियो के साथ अपना संदेश भी ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है. जिसमें इस बच्चे को लेकर कहा है कि दिव्यांग बच्चे का सम्मान किया ताकि भविष्य में वो उड़ान भर सके. उन्होंने कहा कि ऐसे माता पिता भी सम्मान के योग्य हैं जो अपने बच्चों को विपरीत परिस्थितियों में लड़ना और खड़े होना सिखाते हैं.

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