भोपाल। शहर के हमीदिया अस्पताल में दो बहनों के इलाज की स्थिति, कथित लापरवाही सहित संपूर्ण परिस्थितियों की जांच के लिए संभाग आयुक्त कविंद्र कियावत ने 3 सदस्य समिति का गठन किया है. समिति में गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरुणा कुमार, सर्जिकल विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद राय और हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आईडी चौरसिया को शामिल किया गया है. समिति को 3 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है.
हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर आईडी चौरसिया ने इस मामले को लेकर बताया है कि 16 वर्षीय मरीज सुहानी गहलोत को अत्यंत गंभीर अवस्था में अस्पताल लाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी. सुहानी और उसकी बहन को 6 अगस्त 2020 को सुबह 11:33 बजे गंभीर स्थिति में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. इन सबके बारे में आयुक्त स्वास्थ्य को भी अवगत कराया गया है.
डॉक्टर आईडी चौरसिया ने यह भी बताया कि इस संपूर्ण मामले की जांच की गई है. दोनों बेटियों के पिता और इलाज करने वाले चिकित्सक सहित टीम से भी जानकारी हासिल की गई है. इस जांच में यह भी पाया गया है कि चिकित्सकों द्वारा मरीज का पूरा सावधानीपूर्वक इलाज किया गया, लेकिन गंभीर बीमारी के चलते उसी दिन रात 8 बजे मरीज की मृत्यु हो गई. मरीज की हालत और इलाज का पूर्ण विवरण मेडिसिन विभाग की डॉ. मंजुला गुप्ता द्वारा प्रस्तुत किया गया है.
संभागायुक्त द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बाद हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर आईडी चौरसिया द्वारा जानकारी जारी की गई, जिसमें मृत बच्ची के इलाज में किसी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं बरती गई. संभागायुक्त द्वारा जांच किए गए इस कमेटी में शामिल हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आईडी चौरसिया ने पहले ही डॉक्टरों को हरी झंडी दे दी थी.
2 दिनों पहले शहर के 16 क्षेत्र में रहने वाले नरेंद्र गहलोत द्वारा उनकी दोनों बेटियों को इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसमें से एक बेटी की मृत्यु हो गई थी. वहीं दूसरी ओर पिता ने वीडियो जारी कर आरोप लगाया था कि हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से उनकी बच्ची की मौत हुई है. इसके अलावा दूसरी बेटी को इलाज नहीं देते हुए कोरोना वार्ड में भर्ती किया गया है, जबकि वह कोरोना से पीड़ित नहीं थी.
पिता का आरोप है कि ऐसी स्थिति में डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से बच्ची को कोरोना वार्ड में एडमिट कर बदनाम करने की कोशिश की गई. मामला सुर्खियों में आने के बाद ही स्वास्थ्य विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक से रिपोर्ट तलब की थी. अब भोपाल संभाग आयुक्त ने भी इस मामले की जांच करने के आदेश दे दिए हैं.
हमीदिया अस्पताल से यह पहला मामला नहीं है, जिसे लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हो. इससे पहले भी कई तरह की गंभीर लापरवाही हमीदिया अस्पताल से सामने आती रही हैं. इसके बावजूद भी अब तक राजधानी के इतने बड़े शासकीय अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था ही बेहतर नहीं हो पाई है.