भोपाल। बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा डर आम इंसान को मौसमी बीमारियों का रहता है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच मौसमी बीमारियां भी पैर पसार रही हैं. इसको लेकर मलेरिया और नगर निगम अलर्ट मोड पर है. लेकिन जमीन पर हालात कुछ और ही है.
निगम के कंधों पर दो बड़ी जिम्मेदारी
इस वक्त नगर निगम के कंधों पर दो बड़ी जिम्मेदारियां हैं. पहले कोरोना वायरस रोकथाम के लिए संक्रमित क्षेत्रों के साथ शहर में सैनिटाइजेशन, तो दूसरी मच्छरों से निजात के लिए फॉगिंग, दोनों ही काम नगर निगम की स्वास्थ्य शाखा के द्वारा किए जा रहे हैं. नगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी का कहना है कि, स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर नगर निगम काम कर रहा है. जहां पर भी मच्छर पनप सकते हैं, वहां के पानी को हटाया जा रहा है, फॉगिंग लगातार जारी है. जिस वार्ड में ज्यादा पानी भरा हुआ है, वहां ज्यादा फोकस है.
फॉगिंग और लार्वा के लिए 46 टीमों को जिम्मेदारी
शहर में हर साल मलेरिया विभाग नगर निगम के साथ मिलकर अभियान चलाता है. जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे का कहना है कि, पूरी तरह मुस्तैद होकर सभी कार्य प्रारंभ किए गए हैं. फीवर क्लीनिक के जरिए मलेरिया जांच की जा रही है. वार्ड स्तर पर नगर निगम के साथ डेंगू और चिकनगुनिया अभियान चलाया जा रहा है. शहर में मलेरिया की 46 टीम नगर निगम के साथ मिलकर फॉगिंग और लार्वा की जांच कर रही है, साथ ही अखिलेश दुबे ने जनता से अपील की है कि, 'वो लार्वा टेस्ट करने वाली टीमों को घरों में प्रवेश दें, कई जगह शिकायत मिली है कि, टीम को घर के अंदर जाने नहीं दिया जाता है'.
40 दिन में सामने आए 512 मरीज
पिछले 40 दिन की बात की जाए तो इन 40 दिनों में करीब 512 डेंगू और मलेरिया के मामले सामने आ चुके हैं. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि, किस तरह कोरोना के अलावा डेंगू और मलेरिया का दायरा बढ़ता जा रहा है. वहीं फॉगिंग को लेकर भी शिकायतें बढ़ती जा रही हैं. रोज 60 के करीब शिकायत आती हैं.
नहीं हुई सफाई
अधिकारी लाख दावे कर लें कि वो, युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर मलेरिया और डेंगू से लड़ रहे हैं, लेकिन जनता का साफ कहना है कि, कोई नहीं आता है. नाली की सफाई नहीं हुई, न ही कोई फॉगिंग की जा रही है. जिसके कारण मच्छर पनप रहे हैं और लोग बीमार पड़ रहे हैं. मजबूरी में गंदगी में रहना पड़ रहा है.
जिस तरह से डेंगू और मलेरिया के मरीज बढ़ रहे हैं. कोरोना वायरस के बीच ये आने वाले समय में और सिरदर्द बन सकता है. अभी 2 महीने बारिश के बचे हैं और यही वक्त रहता है, जब मौसमी बीमारी अपना तेवर दिखाती हैं.