भोपाल। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने शोक व्यक्त किया है उन्होंने कहा है कि अस्पताल में भर्ती होने के 1 सप्ताह पूर्व उनसे मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था वे काफी प्रसन्न रहते थे, उनकी स्मरण शक्ति अद्वितीय थी वर्षों पुरानी घटनाओं को याद रखते थे, 50 वर्षों से अधिक उनका संसदीय अनुभव था भारत के इतिहास में उनका नाम सदैव रहेगा.
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प्रणब दा नहीं रहे। अस्पताल में भर्ती होने के एक सप्ताह पूर्व मुझे उनसे मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। वे प्रसन्नचित थे और लगभग एक घंटे तक चर्चा करते रहे। उनकी स्मरण शक्ति अद्वितीय थी। वर्षों पुरानी घटनाओं को वे याद रखते थे। ५० वर्षों से अधिक उनका उल्लेखनीय संसदीय अनुभव था।१/२
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 31, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">प्रणब दा नहीं रहे। अस्पताल में भर्ती होने के एक सप्ताह पूर्व मुझे उनसे मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। वे प्रसन्नचित थे और लगभग एक घंटे तक चर्चा करते रहे। उनकी स्मरण शक्ति अद्वितीय थी। वर्षों पुरानी घटनाओं को वे याद रखते थे। ५० वर्षों से अधिक उनका उल्लेखनीय संसदीय अनुभव था।१/२
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 31, 2020प्रणब दा नहीं रहे। अस्पताल में भर्ती होने के एक सप्ताह पूर्व मुझे उनसे मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। वे प्रसन्नचित थे और लगभग एक घंटे तक चर्चा करते रहे। उनकी स्मरण शक्ति अद्वितीय थी। वर्षों पुरानी घटनाओं को वे याद रखते थे। ५० वर्षों से अधिक उनका उल्लेखनीय संसदीय अनुभव था।१/२
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वे प्रतिदिन अपनी डायरी लिखते थे और अपने जीवन के संस्मरण उन्होंने अपनी जीवनी में लिखे थे जिसका आख़री संस्करण वे लिख रहे थे। भारत के इतिहास में उनका नाम सदैव रहेगा। उन्हें सादर नमन व श्रद्धांजलि। परिवार जनों को संवेदनाएँ। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
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">वे प्रतिदिन अपनी डायरी लिखते थे और अपने जीवन के संस्मरण उन्होंने अपनी जीवनी में लिखे थे जिसका आख़री संस्करण वे लिख रहे थे। भारत के इतिहास में उनका नाम सदैव रहेगा। उन्हें सादर नमन व श्रद्धांजलि। परिवार जनों को संवेदनाएँ। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 31, 2020वे प्रतिदिन अपनी डायरी लिखते थे और अपने जीवन के संस्मरण उन्होंने अपनी जीवनी में लिखे थे जिसका आख़री संस्करण वे लिख रहे थे। भारत के इतिहास में उनका नाम सदैव रहेगा। उन्हें सादर नमन व श्रद्धांजलि। परिवार जनों को संवेदनाएँ। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
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वे प्रतिदिन अपनी डायरी लिखते थे और अपने जीवन के संस्मरण उन्होंने अपनी जीवनी में लिखे थे, जिसका आख़िरी संस्करण वे लिख रहे थे, भारत के इतिहास में उनका नाम सदैव रहेगा, उन्हें सादर नमन व श्रद्धांजलि, परिवारजनों को संवेदनाएं, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.