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दीपिका के समर्थन में उतरे दिग्विजय सिंह, बीजेपी की संस्कृति को बताया संविधान के खिलाफ - digvijay singh supported of deepika

जेएनयू में हिंसा के बाद जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी पहुंची बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई. उनकी अगली फिल्म 'छपाक' का बहिष्कार करने का मामला तूल पकड़ चुका है. ऐसे में एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह उनके समर्थन में उतरे हैं.

digvijay singh supported deepika
दीपिका के समर्थन में उतरे दिग्विजय सिंह
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Published : Jan 8, 2020, 6:08 PM IST

भोपाल। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ हुई मारपीट के बाद फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के जेएनयू कैंपस पहुंचने पर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी समर्थक उनकी फिल्म छपाक के बहिष्कार करने की मुहिम चला रहे हैं. इसी बीच दीपिका पादुकोण को मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का साथ मिला है.

दीपिका के समर्थन में उतरे दिग्विजय सिंह

'बीजेपी की संस्कृति संविधान के खिलाफ'
दिग्विजय सिंह से जब पूछा गया कि दीपिका पादुकोण के जेएनयू पहुंचने को आप किस तरह देखते हैं. तो दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये ऐसे लोग हैं कि इनके खिलाफ कोई सिर्फ इशारा भी करे तो दुश्मन हो जाता है. क्योंकि इनका जो मूल स्वभाव है. वो भारत की संस्कृति और संस्कार के खिलाफ है. प्रजातंत्र और संविधान के खिलाफ है, विचारों की अभिव्यक्ति के खिलाफ है. क्योंकि संविधान में सभी को अभिव्यक्ति की आजादी दी गई है.

आरएसएस को बताया राजनीतिक संगठन
दीपिका पादुकोण मंगलवार रात जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ पूर्व छात्रों के कार्यक्रम में शामिल हुई थीं. आरएसएस के कार्यक्रम में सरकारी कर्मचारियों के जाने पर पाबंदी लगाए जाने की मांग भी दिग्विजय सिंह ने दोहराई है. उन्होंने कहा कि आरएसएस राजनीतिक संगठन है.केंद्र का कोई भी कर्मचारी आरएसएस की शाखा में नहीं जा सकता तो मध्यप्रेदश में ऐसा क्यों नहीं है.

देशद्रोह के सवाल पर भी बोले दिग्गी
छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया द्वारा आरएसएस को देशद्रोही संगठन बताए जाने के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि जो देश में आग लगाएगा उसे क्या कहेंगे. देशभक्त कहेंगे क्या ?

भोपाल। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों के साथ हुई मारपीट के बाद फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के जेएनयू कैंपस पहुंचने पर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी समर्थक उनकी फिल्म छपाक के बहिष्कार करने की मुहिम चला रहे हैं. इसी बीच दीपिका पादुकोण को मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का साथ मिला है.

दीपिका के समर्थन में उतरे दिग्विजय सिंह

'बीजेपी की संस्कृति संविधान के खिलाफ'
दिग्विजय सिंह से जब पूछा गया कि दीपिका पादुकोण के जेएनयू पहुंचने को आप किस तरह देखते हैं. तो दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये ऐसे लोग हैं कि इनके खिलाफ कोई सिर्फ इशारा भी करे तो दुश्मन हो जाता है. क्योंकि इनका जो मूल स्वभाव है. वो भारत की संस्कृति और संस्कार के खिलाफ है. प्रजातंत्र और संविधान के खिलाफ है, विचारों की अभिव्यक्ति के खिलाफ है. क्योंकि संविधान में सभी को अभिव्यक्ति की आजादी दी गई है.

आरएसएस को बताया राजनीतिक संगठन
दीपिका पादुकोण मंगलवार रात जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ पूर्व छात्रों के कार्यक्रम में शामिल हुई थीं. आरएसएस के कार्यक्रम में सरकारी कर्मचारियों के जाने पर पाबंदी लगाए जाने की मांग भी दिग्विजय सिंह ने दोहराई है. उन्होंने कहा कि आरएसएस राजनीतिक संगठन है.केंद्र का कोई भी कर्मचारी आरएसएस की शाखा में नहीं जा सकता तो मध्यप्रेदश में ऐसा क्यों नहीं है.

देशद्रोह के सवाल पर भी बोले दिग्गी
छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया द्वारा आरएसएस को देशद्रोही संगठन बताए जाने के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि जो देश में आग लगाएगा उसे क्या कहेंगे. देशभक्त कहेंगे क्या ?

Intro:भोपाल।फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के मंगलवार को जेएनयू पहुंचने को लेकर जमकर सियासत चल रही है।यहां तक कि बीजेपी समर्थक उनकी फिल्म छपाक के बहिष्कार करने की मुहिम चला रहे हैं।लेकिन दीपिका पादुकोण को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का साथ मिला है। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि यह लोग ऐसे लोग हैं कि उनके खिलाफ अगर कोई भाषण भी ना दें और बोले भी नहीं, सिर्फ इशारा भी कर दे। तो इनका दुश्मन हो जाता है।यह भारत के प्रजातंत्र और संविधान के खिलाफ है।वहीं उन्होंने मध्यप्रदेश में आर एस एस में सरकारी कर्मचारियों के जाने पर पाबंदी लगाए जाने की मांग दोबारा दोहराई। इसके अलावा उन्होंने पीएल पुनिया के बयान का समर्थन किया जिसमें उन्होंने आर एस एस को देशद्रोही संगठन बताया था।Body:कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनके खिलाफ कोई भाषण भी ना दे, बोले भी नहीं ।लेकिन अगर वह इशारा भी कर दे, तो वह इनका दुश्मन हो जाता है। इनका जो मूल स्वभाव है भारत की संस्कृति और संस्कार के खिलाफ है ।प्रजातंत्र और संविधान के खिलाफ है, विचारों की अभिव्यक्ति के खिलाफ है।

वहीं उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के आर एस एस की शाखा में जाने पर पाबंदी के सवाल पर कहा कि पाबंदी बिल्कुल होना चाहिए। आर एस एस एक राजनैतिक संगठन है। किसी भी शासकीय कर्मचारी और अधिकारी को किसी राजनैतिक संगठन का सदस्य होने की इजाजत नहीं है। इनकी सदस्यता नहीं होती है, इसलिए यह पकड़ में नहीं आता है। लेकिन केंद्र सरकार का कोई भी अधिकारी और कर्मचारी आर एस एस में नहीं जा सकता है। फिर मध्यप्रदेश में ऐसा नियम क्यों हैं।Conclusion:वही छत्तीसगढ़ के प्रभारी महासचिव पीएल पुनिया द्वारा आर एस एस को देशद्रोही संगठन बताए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो देश में आग लगाए, उसको क्या कहेंगे ? देशभक्त कहेंगे क्या?
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