भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर भूमिपूजन के मुहूर्त पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि, पूरे देश में ये परंपरा चली आ रही है कि, हर शुभ काम के लिए शुभ मुहूर्त देखा जाता है और चातुर्मास में कोई शुभ काम नहीं होता, तो ऐसे में राम मंदिर का शिलान्यास क्यों किया जा रहा है. अपने गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि, गलत मुहूर्त में राम मंदिर का भूमिपूजन किया जा रहा है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि, बीजेपी नेता लगातार कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं और ये संकेत मिल रहा है, जो चिंता का विषय है.
इससे पहले दिग्विजय सिंह के गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती कह चुके हैं कि, 'राम मंदिर की आधारशिला रखने का ये सही समय नहीं है, यह अशुभ घड़ी है. उन्होंने ये भी कहा था कि, भगवान राम का वचन है, विधिहीन कार्य करने वाले का विनाश हो जाता है. ऐसे में इस कार्य को करने वाले के अनिष्ट की आशंका है'.
कांग्रेस क्या चाहती है?
दिग्विजय सिंह ने कहा कि, जब से राम मंदिर भूमिपूजन का मुहूर्त तय किया गया है, उसके बाद से ही लगातार बीजेपी नेता कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं, जो चिंता का विषय है. माना जा रहा है कि, दिग्विजय सिंह का इशारा इस ओर है कि, गलत मुहूर्त में भूमिपूजन होने से बीजेपी नेता कोरोना की जद में आ रहे हैं. हालांकि दिग्विजय सिंह ने कहा कि, चतुर मास खत्म होने के बाद राम मंदिर का भूमिपूजन होना चाहिए, कांग्रेस भी यही चाहती है.
पीएम मोदी पर साधा निशाना
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि, 'हर शुभ काम के लिए मुहूर्त देखा जाता है, तो इसके लिए मोदी जी क्यों मुहूर्त तय कर रहे हैं, ये कांग्रेस की आपत्ति है'.
बीजेपी नेताओं के लिए अलग कानून
दिग्विजय सिंह ने कहा कि, 'जब किसी को कोरोना हो जाता है तो उसकी कांटेक्ट हिस्ट्री निकाली जाती है, अमित शाह और सीएम शिवराज के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद केंद्र और मध्यप्रदेश की पूरी कैबिनेट को क्वारंटाइन हो जाना चाहिए', दिग्विजय सिंह ने कहा कि, 'अगर एक आम आदमी कोरोना पॉजिटिव होता है, उसके पूरा परिवार क्वारंटाइन हो जाता है, जबकि बीजेपी नेता जिसके संपर्क में आए वो लोग क्वारंटाइन नहीं हो रहे हैं. ऐसे में साफ दिखता है कि, आम आदमी के लिए अलग कानून है और बीजेपी नेताओं के लिए अलग, ये क्या बात है'.