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दिग्विजय का शिवराज पर निशाना, कहा- 'मामा और उनके कृषि मंत्री में कंपनियों से कमीशन पर विवाद'

सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में किसान की खुदकुशी के मामले में दिग्विजय सिंह ने बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि मामा और उनके कृषि मंत्री में कंपनियों से कमीशन को लेकर विवाद चल रहा है.

Digvijay Singh
दिग्विजय सिंह
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Published : Sep 3, 2020, 10:15 AM IST

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में किसान की खुदकुशी के मामले में दिग्विजय सिंह ने बड़ा आरोप लगाया है. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है कि सीहोर जिला प्रशासन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सेवा में लगा है, ना तो किसानों का सर्वे हो रहा है और ना मुआवजा मिल रहा है. बीमा की तो उम्मीद ही छोड़ दो, क्योंकि मामा और उसके कृषि मंत्री में कंपनियों से कमीशन को लेकर विवाद चल रहा है.

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने तीन किसान विरोधी अध्यादेश जारी किए हैं, जिनका उद्देश्य बड़े-बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाकर किसानों का और छोटे/मध्यम वर्गीय व्यापारियों का शोषण करना है.

दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनके दस साल के कार्यकाल में एक बार भी खाद की कालाबाजारी की शिकायत नहीं आई, क्योंकि कृषि मंत्री सुभाष यादव सभी खाद सहकारी समिति से बंटवाते थे और जब से बीजेपी राज में समिति को मध्यप्रदेश शासन ने निजी हाथों में सौंपा है, किसानों को दिक्कतें आने लगी.

दिग्विजय सिंह ने भारतीय किसान संघ पर भी हमला बोला है, उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ जो कि RSS का किसानों का संघटन है, उसकी किसानों के प्रति प्रतिबद्धता कसौटी पर है.

दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर वो सही में किसानों के हितैषी हैं तो मोहन भागवत जी को समझाओ, ये मोदी, शाह की जोड़ी देश में मजदूरों, किसानों और छोटे/मध्यम वर्गीय व्यापारियों को समाप्त कर US की तरह चंद बड़े लोगों को देश सौंप रहे हैं. भारतीय किसान संघ और भारतीय मजदूर संघ जागो, दोनों की विश्वसनीयता अब खतरे में है.

भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में किसान की खुदकुशी के मामले में दिग्विजय सिंह ने बड़ा आरोप लगाया है. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया है कि सीहोर जिला प्रशासन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सेवा में लगा है, ना तो किसानों का सर्वे हो रहा है और ना मुआवजा मिल रहा है. बीमा की तो उम्मीद ही छोड़ दो, क्योंकि मामा और उसके कृषि मंत्री में कंपनियों से कमीशन को लेकर विवाद चल रहा है.

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने तीन किसान विरोधी अध्यादेश जारी किए हैं, जिनका उद्देश्य बड़े-बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाकर किसानों का और छोटे/मध्यम वर्गीय व्यापारियों का शोषण करना है.

दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनके दस साल के कार्यकाल में एक बार भी खाद की कालाबाजारी की शिकायत नहीं आई, क्योंकि कृषि मंत्री सुभाष यादव सभी खाद सहकारी समिति से बंटवाते थे और जब से बीजेपी राज में समिति को मध्यप्रदेश शासन ने निजी हाथों में सौंपा है, किसानों को दिक्कतें आने लगी.

दिग्विजय सिंह ने भारतीय किसान संघ पर भी हमला बोला है, उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ जो कि RSS का किसानों का संघटन है, उसकी किसानों के प्रति प्रतिबद्धता कसौटी पर है.

दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर वो सही में किसानों के हितैषी हैं तो मोहन भागवत जी को समझाओ, ये मोदी, शाह की जोड़ी देश में मजदूरों, किसानों और छोटे/मध्यम वर्गीय व्यापारियों को समाप्त कर US की तरह चंद बड़े लोगों को देश सौंप रहे हैं. भारतीय किसान संघ और भारतीय मजदूर संघ जागो, दोनों की विश्वसनीयता अब खतरे में है.

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