भोपाल। दस्तावेजी सबूतों के साथ कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ कूटरचित दस्तावेजों, फर्जी दस्तखत कर षड़यंत्रपूर्वक उनकी और कांग्रेस की छवि बिगाड़ने के कुप्रयास को लेकर डॉक्टर हितेष वाजपेयी के खिलाफ FIR का आवेदन दिया था. अपराध शाखा ने "अज्ञात" के खिलाफ FIR दर्ज कर हमें लॉलीपॉप दिया. !! DCP साहब इस सम्मान से मुझे वंचित क्यों किया गया. बिना प्रमाण मेरे विरुद्ध सीधी FIR क्यों दर्ज हुई..?? क्या क्राइम ब्रांच सत्ता और विपक्ष में विभाजित है?? यह ट्वीट है कांग्रेस के सीनियर लीडर और प्रवक्ता केके मिश्रा का.
केके मिश्रा ने सीधे क्राइम ब्रांच को घेरा और सवाल किया है कि ऐसे ही मामले में बिना किसी प्रमाण के मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई और समान शिकायत में बीजेपी नेता को बचा लिया गया. दरअसल कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का इस्तीफा अचानक सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा था. दिग्विजय सिंह के इस त्याग पत्र को भाजपा प्रवक्ता डॉ. हितेष वाजपेयी ने भी शेयर किया था. इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने हितेष वाजपेयी के खिलाफ क्राइम ब्रांच में शिकायत की थी.
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धन्यवाद,अपराध शाखा,भोपाल, दस्तावेजी सबूतों के साथ कांग्रेस ने मा.@digvijaya_28 के खिलाफ कूटरचित दस्तावेजों,फर्जी दस्तखत कर षड्यंत्रपूर्वक उनकी और कांग्रेस की छबि बिगड़ने के कुप्रयास को लेकर @drhiteshbajpai जी के विरुद्ध FIR का आवेदन दिया...
— KK Mishra (@KKMishraINC) October 16, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
अपराध शाखा ने "अज्ञात" के खिलाफ FIR… pic.twitter.com/VEcHI80nCS
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केके मिश्रा ने थाने में दिया आवेदन: क्राइम ब्रांच में दर्ज FIR के अनुसार 15 अक्टूबर को कांग्रेस नेता व मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने अपने लेटरहेड पर थाना हबीबगंज में एक आवेदन दिया. इसमें शिकायत की गई कि पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया. इस तरह का एक कूट रचित दस्तावेज वायरल किया जा रहा है. यह दस्तावेज बीजेपी नेता और प्रवक्ता डॉ. हितेश वाजपेयी के ट्विटर पर पोस्ट किया गया. इस मामले में पुलिस ने प्रथम दृष्टया अज्ञात के खिलाफ भादवि की धारा 469 और 501 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया.
डॉ. हितेश वाजपेयी ने सोशल मीडिया से हटाई पोस्ट: दूसरी तरफ डॉ. हितेष वाजपेयी ने उस पोस्ट को अपन X सोशल मीडिया हैंडल से हटा दिया और कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है. यदि गलत किया है तो मैं जेल भी जाने को तैयार हूं. इस मामले में दिग्विजय सिंह और कांग्रेस ने इसका खंडन भी किया था और एफआईआर दर्ज कराने की बात कही थी. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा था कि भाजपा झूठ बोलने में माहिर है. मैंने 1971 में कांग्रेस की सदस्यता ली थी. पद के लिए नहीं, बल्कि विचारधारा से प्रभावित होकर जुड़ा था और जीवन की आखिरी सांस तक कांग्रेस में रहूंगा. इस झूठ की मैं पुलिस में शिकायत दर्ज करा रहा हूं.
इसलिए क्राइम ब्रांच से नाराजगी: कांग्रेस नेताओं की क्राइम ब्रांच से नाराजगी की मुख्य वजह है केके मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना और हितेष वाजपेयी को क्लीन चिट देना. क्राइम ब्रांच ने इस मामले में कांग्रेस की ओर से शिकायत के बाद जांच की थी और डॉ. हितेष वाजपेयी को क्लीन चिट दे दी, क्योंकि वाजपेयी की ओर से ट्वीट करने के कुछ देर बाद ही ट्वीट को हटा लिया गया था, लेकिन, क्राइम ब्रांच ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है. पुलिस इस मामले में इस पत्र को बनाने वाले की तलाश में जुट गई है.