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पेंशनर्स को अब बैंक के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर, डिजिटल प्रमाण पत्र होगा मान्य - डिजिटल प्रमाण पत्र

पेंशनर्स को अब बैंक के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. नई सुविधा के अनुसार हर साल बैंक में जाकर जीवन प्रमाण पत्र देना अनिवार्य नहीं होगा.

डिजिटल प्रमाण पत्र होगा मान्य
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Published : Nov 15, 2019, 10:55 AM IST

Updated : Nov 15, 2019, 11:34 AM IST

भोपाल। कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के करीब 4 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को राहत देने के लिए बड़ा निर्णय लिया है, जिसके तहत अब डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने से बैंक से पेंशन रिलीज की जा सकेगी.

इस सुविधा के निर्देश वित्त मंत्री तरुण भनोट ने सभी विभागों को देर रात जारी कर दिया, ताकि इसे अगले महीने से ही लागू किया जा सके. इस नई सुविधा से लोगों को काफी राहत मिलेगी.

वित्त मंत्री ने आदेश जारी करते हुए बताया है कि इसकी मॉनिटरिंग के लिए वित्त विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है. राज्य स्तरीय बैंकिंग कमेटी की हर माह होने वाली बैठक में भी इस सुविधा की समीक्षा की जाएगी.

पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि 2014 से ये व्यवस्था मध्यप्रदेश में लागू हो चुकी है, लेकिन इसे कार्य में नहीं लाया गया. यही वजह है कि सरकार ने यह कदम उठाया है.

डिजिटल प्रमाण पत्र होगा मान्य

डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र के लिए करना होगा ये काम

सभी पेंशनर्स कॉमन सर्विस सेंटर एमपी ऑनलाइन बैंक शाखा या कोषालय से प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं. पेंशनर्स बैंक शाखा को ईमेल या एसएमएस के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र भेज सकते हैं. इस नियम में तय किया गया है कि वित्त विभाग और राज्य स्तरीय बैंक कमेटी में इस सुविधा की निगरानी की जाएगी. 15 दिनों में डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की संख्या भी समय-समय पर ली जाएगी.

डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र से जुड़ी सुविधा

पेंशनर्स को बैंक में हर साल जाना नहीं पड़े, इसलिए राज्य शासन ने डिजिटल प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की सुविधा उपलब्ध कराई है.

भोपाल। कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के करीब 4 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को राहत देने के लिए बड़ा निर्णय लिया है, जिसके तहत अब डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने से बैंक से पेंशन रिलीज की जा सकेगी.

इस सुविधा के निर्देश वित्त मंत्री तरुण भनोट ने सभी विभागों को देर रात जारी कर दिया, ताकि इसे अगले महीने से ही लागू किया जा सके. इस नई सुविधा से लोगों को काफी राहत मिलेगी.

वित्त मंत्री ने आदेश जारी करते हुए बताया है कि इसकी मॉनिटरिंग के लिए वित्त विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है. राज्य स्तरीय बैंकिंग कमेटी की हर माह होने वाली बैठक में भी इस सुविधा की समीक्षा की जाएगी.

पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि 2014 से ये व्यवस्था मध्यप्रदेश में लागू हो चुकी है, लेकिन इसे कार्य में नहीं लाया गया. यही वजह है कि सरकार ने यह कदम उठाया है.

डिजिटल प्रमाण पत्र होगा मान्य

डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र के लिए करना होगा ये काम

सभी पेंशनर्स कॉमन सर्विस सेंटर एमपी ऑनलाइन बैंक शाखा या कोषालय से प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं. पेंशनर्स बैंक शाखा को ईमेल या एसएमएस के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र भेज सकते हैं. इस नियम में तय किया गया है कि वित्त विभाग और राज्य स्तरीय बैंक कमेटी में इस सुविधा की निगरानी की जाएगी. 15 दिनों में डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की संख्या भी समय-समय पर ली जाएगी.

डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र से जुड़ी सुविधा

पेंशनर्स को बैंक में हर साल जाना नहीं पड़े, इसलिए राज्य शासन ने डिजिटल प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की सुविधा उपलब्ध कराई है.

Intro:पेंशनर्स को बैंक के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर , डिजिटल प्रमाण पत्र होगा मान्य


भोपाल | कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के करीब 4 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को राहत देने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है जिसके तहत अब हर वर्ष बैंक में जाकर जीवन प्रमाण पत्र देना अनिवार्य नहीं होगा डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर भी बैंक से टेंशन रिलीज की जा सकेगी इस सुविधा का शक्ति के साथ पालन करने के निर्देश वित्त मंत्री तरुण भनोट ने सभी विभागों को देर रात जारी कर दिए हैं ताकि इसे अगले महीने से ही लागू किया जा सके क्योंकि ज्यादातर पेंशनर्स को नवंबर अंत तक जीवन प्रमाण पत्र बैंक में जमा कराना होता है लेकिन नई सुविधा आ जाने के बाद अब उन्हें इससे काफी राहत मिलेगी .


Body:वित्त मंत्री ने आदेश जारी करते हुए बताया है कि पेंशनर के द्वारा डिजिटल स्वरूप में जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए जारी निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए . राज्य शासन द्वारा पेंशनर्स की सुविधा के लिए डिजिटल प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए थे . समस्त बैंक यह सुविधा सुनिश्चित करें . इसकी मॉनिटरिंग के लिए वित्त विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है . राज्य स्तरीय बैंकिंग कमेटी की प्रतिमाह होने वाली बैठक में भी इस सुविधा की समीक्षा की जाएगी . यह सुविधा पेंशनर्स को हर वर्ष बैंक जाने की बाध्यता से मुक्ति दिलाने के लिए आरंभ की गई है .


Conclusion:बता दें कि इस विषय को लेकर कुछ दिनों पहले ही पेंशनर संगठनों ने अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ वित्त मंत्री से मुलाकात की थी और आने वाली इन समस्याओं से अवगत कराया था . पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने बताया था कि वर्ष 2014 से यह व्यवस्था मध्यप्रदेश में लागू है लेकिन इसका क्रियान्वयन नहीं हो रहा है इसमें बैंक और पेंशनर्स दोनों की अरुचि रही है . यही वजह है कि सरकार ने यह कदम उठाया है .

उल्लेखनीय है कि पेंशन नियमों के अंतर्गत राज्य शासन के सभी पेंशनरों को प्रतिवर्ष 1 नवंबर की स्थिति में जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने का प्रावधान है . यह प्रमाण पत्र पेंशनर जिस बैंक शाखा से पेंशन प्राप्त करते हैं , वहां प्रस्तुत करना होता है . पेंशनर को बैंक में हर वर्ष जाने की बाध्यता से मुक्त करने के प्रयोजन से राज्य शासन द्वारा विगत वर्षों में डिजिटल प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की सुविधा विकसित कर यह सुविधा दी गई है .


जिन पेंशनर्स को जीवन प्रमाण पत्र पर प्रस्तुत करना होता है वे सभी पेंशनर्स कॉमन सर्विस सेंटर एमपी ऑनलाइन बैंक शाखा या कोषालय से प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं पेंशनर्स बैंक शाखा को ईमेल या एसएमएस के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र भेज सकते हैं इस नियम में तय किया गया है कि वित्त विभाग और राज्य स्तरीय बैंक कमेटी में इस सुविधा की निगरानी की जाएगी हर 15 दिन में डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की संख्या भी समय-समय पर ली जाएगी .
Last Updated : Nov 15, 2019, 11:34 AM IST
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