भोपाल। राजधानी के भारत भवन में संवाद श्रृंखला कार्यक्रम में सिनेमा विशेषज्ञ त्रिपुरारी शरण शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने सिनेमा पर वक्तव्य दिया. त्रिपुरारी शरण देश के प्रसिद्ध संस्कृतिकर्मी हैं. भारतीय प्रशासनिक सेवा में आने के बाद त्रिपुरारी शरण ने कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दी हैं. जिनमें दूरदर्शन महानिदेशक, निदेशक राष्ट्रीय फिल्म एंड टेलीविजन प्रशिक्षण संस्थान पुणे और प्रमुख सचिव बिहार शामिल हैं.
भारतीय सिनेमा पर उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि हॉलीवुड में दो फिल्में जितना कारोबार करती हैं, उतना एक साल में बॉलीवुड की सैकड़ों फिल्में नहीं कर पाती. हमारे यहां अच्छे पटकथा लेखकों की कमी है. इंटरवल के बाद फिल्में अपनी पकड़ खो देती हैं.
सिनेमा विशेषज्ञ त्रिपुरारी शरण ने कहा कि टेक्नोलॉजी में देश की फिल्में ठीक हैं, लेकिन एडिटिंग और फोटोग्राफी में अभी और आगे जाना है. विश्व सिनेमा से मुकाबला करने के लिए अभी लंबा सफर तय करना होगा. उन्होंने कहा कि भले ही हम दुनिया में सबसे अधिक फिल्में बनाते हैं, लेकिन कटु सच्चाई है कि विश्व स्तर पर हमारे सिनेमा की इकोनॉमी सबसे नीचे हैं. देश में सिनेमा साक्षरता बहुत कम है, अच्छी फिल्में को अच्छे दर्शक नहीं मिल पाते हैं.