भोपाल। धार जिले में भरुडपुरा और कोठीदा के बीच कारम नदी पर बनाए जा रहा डैम में अत्यधिक बारिश के कारण पानी रिसने की जानकारी 11 अगस्त को जिला प्रशासन को मिली थी. जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित विभागों को बांध की स्थिति से अवगत कराया. साथ ही जिला प्रशासन द्वारा शाम को ही मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचित किया गया. सीएम ने रात से ही निर्माणाधीन बांध से पानी रिसने के बाद चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन को मॉनिटर किया. मुख्यमंत्री ने धार से मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट को मौके पर जाने के निर्देश दिए.
सीएम ने रेस्क्यू की जानकारी ली : निर्माणाधीन बांध के राइट साइड flank 500-530 के मध्य डाउन स्ट्रीम की मिट्टी स्लिप हो जाने से ख़तरा है. उक्त बांध की लम्बाई 590 मीटर और ऊँचाई 52 मीटर है और वर्तमान में 15 MCM पानी बांध में संचयित है. कमिशनर और IG इंदौर, कलेक्टर और SP धार, जलसंसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौक़े पर मौजूद हैं. धार ज़िले के 12 गाँव और खरगोन ज़िले के 6 गाँवों को ख़ाली कराके लोगों को सुरक्षित स्थानों पर राहत शिविरों में शिफ़्ट कर दिया गया है. NDRF, SDERF, पुलिस, होम गार्ड तथा राजस्व विभाग के अमले के साथ बचाव कार्य किया जा रहा है. airforce के 2 हेलिकॉप्टर और आर्मी की एक कम्पनी standby पर है.
बचाव दल तैयार हैं : अधिकारियों ने बताया कि जल संसाधन विभाग द्वारा निर्माणाधीन बांध को सुरक्षित रखे जाने के लिए कार्य किया जा रहा है. धार के कारम डैम साइट के लिए 5 कॉलम आर्मी के (इनमें से 1 कॉलम engineering कॉलम का) (प्रत्येक कॉलम में लगभग 40 जवान) रवाना हो गए हैं. NDRF DG द्वारा ACS home को अवगत कराया गया है कि 3 अतिरिक्त team (1 भोपाल से , 1 वड़ोदरा से, 1 सूरत से) बचाव सामग्री के साथ दिल्ली से धमनोद के लिए रवाना की जा रही हैं. प्रत्येक NDRF टीम में 30-35 प्रशिक्षित बचाव कर्मी हैं. SDERF के 8 अतिरिक्त दल (प्रत्येक में 10-12 सदस्य) भी प्रदेश के अन्य ज़िलों से और भोपाल से DG HG रिज़र्व से रवाना कर दिए गए हैं. इंदौर संभाग और धार ज़िले के सभी सम्बंधित उच्च अधिकारी रात में धमनोद और dam site पर ही रुकेंगे और बचाव कार्य की सतत निगरानी करेंगे.
कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए : कमलनाथ ने शिवराज पर डैम में हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के धार ज़िले में कारम नदी पर नवनिर्मित कोठिदा-भारुडपूरा डैम में लिकेज की ख़बर बेहद चिंताजनक है. 304 करोड़ की इस योजना में शुरू से स्थानीय ग्रामीण व जनप्रतिनिधियों द्वारा भ्रष्टाचार व घटिया निर्माण कार्य की शिकायत दर्ज करवायी जा रही थी, लेकिन शिकायतों की अनदेखी की गयी. इसके परिणाम स्वरूप पहली बारिश में ही यह लिकेज की घटना सामने आयी है.