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Devuthani Ekadashi 2021: 30 साल बाद बना खास योग, 14-15 नवंबर को है देवउठनी एकादशी, 13 दिसंबर तक शादी के मुहूर्त

Devuthani Ekadashi 2021: इस साल देवउठनी एकादशी दो दिन 14 और 15 नवंबर को मनाई जाएगी. देवउठनी ग्यारस पर देवों के उठने के साथ ही मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो जाएगी. इस साल 15 नवंबर से लेकर 13 दिसंबर तक 13 शादी के मुहूर्त है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, 25-30 साल बाद ऐसा योग बन रहा है. जब एक महीने में तीन एकादशी तिथि रहेंगी.

Devuthani Ekadashi 2021
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Published : Nov 7, 2021, 7:58 PM IST

Updated : Nov 15, 2021, 1:02 PM IST

Devuthani Ekadashi 2021: भोपाल। देवउठनी ग्यारस पर देवों के उठने के साथ ही चार महीने बाद मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो जाएगी. इस साल देवउठनी एकादशी दो दिन 14 और 15 नवंबर को मनाई जाएगी. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, 14 नवंबर को अबूझ मुहूर्त के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि और हर्षण योग के साथ पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र भी है. देव उठने के बाद 15 नवंबर से 13 दिसंबर तक विवाह के लिए 13 दिन शुभ मुहूर्त रहेंगे.

30 साल बाद बन रहा ऐसा योग

धर्मशास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु चार महीने बाद योग निद्रा से जागेंगे, इसलिए देवउठनी एकादशी से शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी. पंचागों के अनुसार 2021 में देवप्रोबधिनी एकादशी के बाद नवंबर माह में पांच और दिसंबर माह में चार दिन शुभ मुहूर्त रहेंगे. 25-30 साल बाद ऐसा योग बन रहा है. जब एक महीने में तीन एकादशी तिथि रहेंगी. 1 नवंबर को रमा एकादशी है, 30 नवंबर को कृष्ण पक्ष की एकादशी है और 14 दिसंबर को देवोत्थान एकादशी पड़ रही है.

देवउठनी ग्यारस की क्या है मान्यता

कहते हैं कि जब भगवान विष्णु का शयनकाल खत्म होता है, तब से सनातन धर्म में शुभ कार्यों की शुरूआत हो जाती है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव उठानी एकादशी (Devouthan Ekadashi के नाम से जाना जाता है. चतुर्मास के दौरान भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) चार महीने के शयन काल पर होते हैं, जो कि देव उठानी एकादशी के दिन जागते हैं. इस दिन माता तुलसी का विवाह शालीग्राम के साथ संपन्न करवाया जाता है. इसी दिन से शादी-ब्याह और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है.

व्यापारियों को अच्छे कारोबार की उम्मीद

देवउठनी एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्याें की शुरुआत हाे जाती है. इस शादी के सीजन का व्यापारियाें काे भी खासा इंतजार रहता है. क्याेंकि इस समय मार्केट में ज्यादा खरीदारी की संभावना रहती है. लगातार दो साल से कोरोना महामारी के कारण विपरीत परिस्थितियों के चलते कारोबार की रफ्तार काफी मंदी थी. ऐसे में अब व्यापारियों की नजर वैवाहिक सीजन पर टिकी हुई हैं, व्यापारियों को उम्मीद है कि व्यापारिक सीजन में व्यापार में तेजी आएगी और उनकी मुश्किलें काफी हद तक कम हो सकती हैं.

परंपरागत दीपावली से सराबोर बुंदेलखंड,देवउठनी एकादशी तक रहेगी बरेदी लोकनृत्य की धूम

यह होंगे शुभ विवाह मुहूर्त

2021

नवंबर: 15, 16, 20, 21, 28, 29, 30

दिसंबर: 1, 2, 6, 7, 11, 13

2022

जनवरी: 15, 20, 23, 24, 27, 28, 29, 30

फरवरी: 5, 6, 11, 12, 18, 19, 22

मार्च: 4

अप्रैल: 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 28, 29

मई: 2, 3, 9, 10, 11, 12, 13, 17, 18, 19, 20, 21, 25, 26, 31

जून: 1, 8, 9, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 21, 22

जुलाई: 3, 4, 5, 6, 8, 9, 10

देवउठनी एकादशी का है विशेष महत्व, व्रत करने से मिलता है अश्वमेध यज्ञ का पुण्य

Devuthani Ekadashi 2021: भोपाल। देवउठनी ग्यारस पर देवों के उठने के साथ ही चार महीने बाद मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो जाएगी. इस साल देवउठनी एकादशी दो दिन 14 और 15 नवंबर को मनाई जाएगी. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, 14 नवंबर को अबूझ मुहूर्त के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि और हर्षण योग के साथ पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र भी है. देव उठने के बाद 15 नवंबर से 13 दिसंबर तक विवाह के लिए 13 दिन शुभ मुहूर्त रहेंगे.

30 साल बाद बन रहा ऐसा योग

धर्मशास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु चार महीने बाद योग निद्रा से जागेंगे, इसलिए देवउठनी एकादशी से शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी. पंचागों के अनुसार 2021 में देवप्रोबधिनी एकादशी के बाद नवंबर माह में पांच और दिसंबर माह में चार दिन शुभ मुहूर्त रहेंगे. 25-30 साल बाद ऐसा योग बन रहा है. जब एक महीने में तीन एकादशी तिथि रहेंगी. 1 नवंबर को रमा एकादशी है, 30 नवंबर को कृष्ण पक्ष की एकादशी है और 14 दिसंबर को देवोत्थान एकादशी पड़ रही है.

देवउठनी ग्यारस की क्या है मान्यता

कहते हैं कि जब भगवान विष्णु का शयनकाल खत्म होता है, तब से सनातन धर्म में शुभ कार्यों की शुरूआत हो जाती है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव उठानी एकादशी (Devouthan Ekadashi के नाम से जाना जाता है. चतुर्मास के दौरान भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) चार महीने के शयन काल पर होते हैं, जो कि देव उठानी एकादशी के दिन जागते हैं. इस दिन माता तुलसी का विवाह शालीग्राम के साथ संपन्न करवाया जाता है. इसी दिन से शादी-ब्याह और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है.

व्यापारियों को अच्छे कारोबार की उम्मीद

देवउठनी एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्याें की शुरुआत हाे जाती है. इस शादी के सीजन का व्यापारियाें काे भी खासा इंतजार रहता है. क्याेंकि इस समय मार्केट में ज्यादा खरीदारी की संभावना रहती है. लगातार दो साल से कोरोना महामारी के कारण विपरीत परिस्थितियों के चलते कारोबार की रफ्तार काफी मंदी थी. ऐसे में अब व्यापारियों की नजर वैवाहिक सीजन पर टिकी हुई हैं, व्यापारियों को उम्मीद है कि व्यापारिक सीजन में व्यापार में तेजी आएगी और उनकी मुश्किलें काफी हद तक कम हो सकती हैं.

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यह होंगे शुभ विवाह मुहूर्त

2021

नवंबर: 15, 16, 20, 21, 28, 29, 30

दिसंबर: 1, 2, 6, 7, 11, 13

2022

जनवरी: 15, 20, 23, 24, 27, 28, 29, 30

फरवरी: 5, 6, 11, 12, 18, 19, 22

मार्च: 4

अप्रैल: 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 28, 29

मई: 2, 3, 9, 10, 11, 12, 13, 17, 18, 19, 20, 21, 25, 26, 31

जून: 1, 8, 9, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 21, 22

जुलाई: 3, 4, 5, 6, 8, 9, 10

देवउठनी एकादशी का है विशेष महत्व, व्रत करने से मिलता है अश्वमेध यज्ञ का पुण्य

Last Updated : Nov 15, 2021, 1:02 PM IST
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