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देवउठनी ग्यारस पर संपन्न हुआ तुलसी-शालिग्राम का विवाह, मंगल कार्यों की हुई शुरुआत

भोपाल में देवउठनी ग्यारस के मौके पर पूरे विधि-विधान से तुलसी विवाह संपन्न हुआ. तुलसी का विवाह भगवान शालिग्राम से कराई गई. आकर्षक रंगोली और गन्नों से मंडप सजाकर तुलसी विवाह करवाया गया.

घर-घर में संपन्न तुलसी शालिग्राम का विवाह
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Published : Nov 9, 2019, 10:13 AM IST

भोपाल। शहर में देवउठनी ग्यारस का पर्व पूरे उल्लास और श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया. घर-घर में तुलसी और शालिग्राम का विवाह संपन्न हुआ और इसके साथ ही मंगल कार्यों की शुरुआत भी हो गई है. घर के बाहर दीप जलाकर आकर्षक रोशनी की गई और मंदिरों में तुलसी-शालिग्राम के विवाह के आयोजन किए गए. एकादशी पर देर रात तक पूजा-अर्चना का सिलसिला चलता रहा. घरों के आंगन में आकर्षक रंगोली बनाकर गन्नों से मंडप सजाया गया था.

देवउठनी ग्यारस पर संपन्न हुआ तुलसी-शालिग्राम का विवाह

देवउठनी ग्यारस के इस पर्व पर देवों को निद्रा से जगाने के लिए पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की गई. इस दौरान धूप, दीप, मौसमी फल, फूल और मिष्ठान्न भगवान को अर्पित किए गए. भगवान श्रीनारायण की पूजा-अर्चना संपन्न होने के बाद आरती उतारी गई. लोगों ने बेर, भाजी, आंवला अर्पण करते हुए 'उठो देव सांवला कुमारन के ब्याह कराओ' जैसे मंगल गीत गाए.

तुलसी शालिग्राम विवाह के बाद सभी देव जाग गए हैं. इससे शुभ कार्य की शुरुआत हो जाती है, लेकिन अभी विवाह मुहूर्त नहीं है, इसलिए विवाह छोड़कर बाकी सभी शुभ कार्य किए जा सकेंगे. वहीं शहर के कई क्षेत्रों में देवउठनी ग्यारस के अवसर पर तुलसी के पौधे भी लोगों को वितरित किए गए और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया.

भोपाल। शहर में देवउठनी ग्यारस का पर्व पूरे उल्लास और श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया. घर-घर में तुलसी और शालिग्राम का विवाह संपन्न हुआ और इसके साथ ही मंगल कार्यों की शुरुआत भी हो गई है. घर के बाहर दीप जलाकर आकर्षक रोशनी की गई और मंदिरों में तुलसी-शालिग्राम के विवाह के आयोजन किए गए. एकादशी पर देर रात तक पूजा-अर्चना का सिलसिला चलता रहा. घरों के आंगन में आकर्षक रंगोली बनाकर गन्नों से मंडप सजाया गया था.

देवउठनी ग्यारस पर संपन्न हुआ तुलसी-शालिग्राम का विवाह

देवउठनी ग्यारस के इस पर्व पर देवों को निद्रा से जगाने के लिए पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की गई. इस दौरान धूप, दीप, मौसमी फल, फूल और मिष्ठान्न भगवान को अर्पित किए गए. भगवान श्रीनारायण की पूजा-अर्चना संपन्न होने के बाद आरती उतारी गई. लोगों ने बेर, भाजी, आंवला अर्पण करते हुए 'उठो देव सांवला कुमारन के ब्याह कराओ' जैसे मंगल गीत गाए.

तुलसी शालिग्राम विवाह के बाद सभी देव जाग गए हैं. इससे शुभ कार्य की शुरुआत हो जाती है, लेकिन अभी विवाह मुहूर्त नहीं है, इसलिए विवाह छोड़कर बाकी सभी शुभ कार्य किए जा सकेंगे. वहीं शहर के कई क्षेत्रों में देवउठनी ग्यारस के अवसर पर तुलसी के पौधे भी लोगों को वितरित किए गए और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया.

Intro:घर घर में होगा तुलसी शालिगराम विवाह दिवाली से ज्यादा हुई आतिशबाजी आज से मंगल कार्यों की होगी शुरुआत



भोपाल | शहर में देवउठनी ग्यारस का पर्व पूरे उल्लास और श्रद्धा भाव के साथ मनाया गया . घर घर में तुलसी और शालिग्राम का विवाह संपन्न हुआ और मंगल कार्यों की आज से शुरुआत भी हो गई है . घर के बाहर दीप जलाकर आकर्षक रोशनी की गई करो और मंदिरों में तुलसी शालिग्राम के विवाह के आयोजन किए गए . एकादशी पर देर रात तक पूजा-अर्चना का सिलसिला चलता रहा . घरों के आंगन में आकर्षक रंगोली सजाकर गन्नों के मंडप सजाया गया था .








Body:देवउठनी ग्यारस के इस पर्व पर देवों को निंद्रा से जगाने के लिए पूरे विधि विधान के साथ पूजा की गई . इस दौरान धूप, दीप , मौसमी फल , फूल एवं मिष्ठान भगवान को अर्पित किए गए . भगवान श्री नारायण की पूजा-अर्चना संपन्न होने के बाद आरती उतारी गई लोगों ने बेर, भाजी , आंवला अर्पण करते हुए " उठो देव सांवला " " कुमारन के ब्याह कराओ " " विहान के गोने कराओ " जैसे मंगल गीत गाकर देवों को जगाने की परंपरा निभाई गई .


Conclusion:तुलसी शालिगराम विवाह के बाद सभी देव जाग गए हैं इससे शुभ कार्य की शुरुआत हो जाती है लेकिन अभी विवाह मुहूर्त नहीं है इसलिए विवाह छोड़कर बाकी सभी शुभ कार्य किए जा सकेंगे वहीं शहर के कई क्षेत्रों में देवउठनी ग्यारस के अवसर पर तुलसी के पौधे भी लोगों को वितरित किए गए और पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया .
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