भोपाल। कोरोना वायरस के चलते सरकारी और निजी अस्पतालों में नियमित ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी अस्पतालों में जहां उन्हें इलाज और चिकित्सा सुविधाओं के लिए मना किया जा रहा है, कमोबेश प्राइवेट अस्पतालों के हाल भी यही हैं. इन हालातों में राज्य सरकार से मांग की जा रही है कि सरकारी और निजी अस्पतालों में ओपीडी और सामान्य बीमारियों के इलाज की व्यवस्था सुचारू रूप से चालू रखी जाए.
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि प्रदेश के बहुत से अस्पतालों में ओपीडी बंद कर दी गई है. डॉक्टर मरीज नहीं देख रहे हैं. ऐसे में जो रूटीन मरीज हैं जिन्हें ब्लड प्रेशर, शुगर और डायलिसिस जैसी जरूरत होती है, यह सब मेडिकल सुविधाओं से कट गए हैं. उन्हें समय पर मेडिकल सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है.
भूपेंद्र गुप्ता ने लोगों से आग्रह किया है कि हम समाज के अंग होने के कारण इन चीजों पर नजर रखें कि हमारे पास ऐसे कौन से मरीज हैं, जिन्हें आकस्मिक चिकित्सा की जरूरत है और हम आसपास के अस्पतालों से निवेदन कर उन्हें वह उपलब्ध कराएं. वरना कोरोना से तो लोग बच जाएंगे, लेकिन सामान्य बीमारियों से नहीं बच पाएंगे.
उन्होंने कहा की सरकार से हमारा निवेदन है कि इस बात पर वह विचार करें कि आकस्मिक चिकित्सा के लिए प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों को निर्देशित किया जाए कि आकस्मिक बिमारियों का उपचार अस्पताल जारी रखें और रूटीम जरूरत वाले मरीजों की जरूरतें पूरे करें.