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एमपी में कोरोना की तीसरी लहर का असर! ऑनलाइन बुकिंग-होम डिलीवरी पर फोकस, फार्मा सेक्टर में बढ़ी डिमांड

कोरोना की तीसरी लहर के चलते फार्मा सेक्टर में 10 फीसदी से अधिक का उछाल (Demand in pharma sector increased due to third wave) आया है, जबकि कंपनियां आजकल ऑनलाइन बुकिंग और घर पहुंच सेवा पर फोकस (Companies focused on online booking and home delivery service) कर रही हैं, जिसके चलते व्यापारियों के डिस्काउंट में भी कटौती कर रही हैं.

Companies focused on online booking and home delivery service
एमपी में कोरोना की तीसरी लहर का असर!
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Published : Jan 17, 2022, 5:21 PM IST

भोपाल। कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के चलते उपभोक्ता घर से बाहर सामान खरीदने नहीं जाना चाहते हैं. ऐसे में कंपनियों ने भी ऑनलाइन बुकिंग और घर पहुंच सेवा पर ज्यादा फोकस (Companies focused on online booking and home delivery service) किया है. और तो और ट्रेडर्स को दिए जाने वाले डिस्काउंट को भी कम कर दिया है, जिससे एक बार फिर महंगाई बढ़ने के आसार नजर आने लगे हैं. कोरोना की तीसरी लहर के बीच एक बार फिर एफएमसीजी और फार्मा सेक्टर में डिमांड में 5 से 10 फीसदी का उछाल (Demand in pharma sector increased due to third wave) आया है. हालांकि, यह पिछले साल की अपेक्षा काफी कम है.

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ट्रेडर्स को मिल रहा कम डिस्काउंट

ट्रे़डर्स को कंपनियां कम डिस्काउंट दे रही हैं. डी मार्ट और बेस्ट प्राइज जैसे होल सेलर मॉल्स को तो कंपनियां अच्छा डिस्काउंट दे रही हैं, लेकिन डिस्ट्रीब्यूटर्स को कम डिस्काउंट दिया जा रहा है. कोविड की तीसरी लहर के चलते कंपनियों और होल सेलर ने भी डिस्काउंट स्कीम बंद करने की तैयारी कर ली है. यदि हालात बिगड़े तो डिस्काउंट स्कीम बंद कर दी जाएगी. होल सेलर और कंपनियां व्यापारियों को सामान की खरीद पर डिस्काउंट स्कीम देकर खरीददारी के लिए प्रोत्साहित करती हैं, इसमें 5 से 10 फीसदी और 10 से 20 फीसदी तक का डिस्काउंट बड़ी मात्रा में खरीदी पर दिया जाता है, लेकिन अब इस पर भी ब्रेक लग गया है. मध्यप्रदेश एफएमसीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी मनीष अग्रवाल का कहना है कि डिस्काउंट कम मिलने से डिस्ट्रीब्यूटर्स में नाराजगी है क्योंकि फुटकर में वे ज्यादा कीमत पर माल बेचने पर मजबूर हैं.

Companies focused on online booking and home delivery service
एमपी में कोरोना की तीसरी लहर का असर!

एफएमसीजी की मांग में उछाल

रोजमर्रा के जरूरत का सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) की मांग में उछाल आया है. पिछले दो हफ्तों के दौरान इन कंपनियों की मांग काफी तेजी से बढ़ी है. इन कंपनियनों ने सप्लाई प्रभावित होने से बचने के लिए स्टाकिस्टों को अधिक माल भेजना शुरु कर दिया है. साथ ही कोरोना की दूसरी लहर के चलते सख्त लाकडाउन की परिस्थितियों के मद्देनजर कारखानों में जरूरत से ज्यादा स्टाक रखा गया है. आशंका है कि सख्त लॉकडाउन लग सकता है.

हेल्थकेयर और फार्मा सेक्टर में बढ़ी डिमांड

कोरोना महामारी के दौरान पिछले साल हेल्थ केयर और फार्मा सेक्टर में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली थी, दवाओं के साथ हेल्थ सप्लीमेंट, फेस मास्क, सैनिटाइजर, इम्युनिटी बूस्टर दवाएं, हाइजीन से जुड़े प्रोडक्ट की डिमांड बढी थी, लेकिन अभी इन सबमें 5 से 10 फीसदी तक ही डिमांड बढ़ी है. हिंद फार्मा के एम़डी आरके गोस्वामी का कहना है कि पिछली बार से सबक लेते हुए इस सेक्टर में अच्छा स्टाक है, कहीं पर भी किसी चीज की कमी महसूस नहीं की गई है. कोरोना की तीसरी लहर में अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या बहुत कम है.

मप्र कोरोना संक्रमण दर 9.10 प्रतिशत

मप्र में कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमण की दर अब बढ़कर 9.10 प्रतिशत पर पहुंच गई है, साथ ही रिकवरी रेट 94.38 प्रतिशत है. मप्र में कोरोना संक्रमित एक्टिव मरीजों की संख्या 34973 है. पिछले 24 घंटे मप्र में 6970 नए मरीज मिले हैं, जबकि कोरोना की पहली औऱ दूसरी लहर की शुरुआत मार्च महीने से हुई थी, लेकिन तीसरी लहर ने जनवरी में ही दस्तक दे दी है.

भोपाल। कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के चलते उपभोक्ता घर से बाहर सामान खरीदने नहीं जाना चाहते हैं. ऐसे में कंपनियों ने भी ऑनलाइन बुकिंग और घर पहुंच सेवा पर ज्यादा फोकस (Companies focused on online booking and home delivery service) किया है. और तो और ट्रेडर्स को दिए जाने वाले डिस्काउंट को भी कम कर दिया है, जिससे एक बार फिर महंगाई बढ़ने के आसार नजर आने लगे हैं. कोरोना की तीसरी लहर के बीच एक बार फिर एफएमसीजी और फार्मा सेक्टर में डिमांड में 5 से 10 फीसदी का उछाल (Demand in pharma sector increased due to third wave) आया है. हालांकि, यह पिछले साल की अपेक्षा काफी कम है.

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ट्रेडर्स को मिल रहा कम डिस्काउंट

ट्रे़डर्स को कंपनियां कम डिस्काउंट दे रही हैं. डी मार्ट और बेस्ट प्राइज जैसे होल सेलर मॉल्स को तो कंपनियां अच्छा डिस्काउंट दे रही हैं, लेकिन डिस्ट्रीब्यूटर्स को कम डिस्काउंट दिया जा रहा है. कोविड की तीसरी लहर के चलते कंपनियों और होल सेलर ने भी डिस्काउंट स्कीम बंद करने की तैयारी कर ली है. यदि हालात बिगड़े तो डिस्काउंट स्कीम बंद कर दी जाएगी. होल सेलर और कंपनियां व्यापारियों को सामान की खरीद पर डिस्काउंट स्कीम देकर खरीददारी के लिए प्रोत्साहित करती हैं, इसमें 5 से 10 फीसदी और 10 से 20 फीसदी तक का डिस्काउंट बड़ी मात्रा में खरीदी पर दिया जाता है, लेकिन अब इस पर भी ब्रेक लग गया है. मध्यप्रदेश एफएमसीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी मनीष अग्रवाल का कहना है कि डिस्काउंट कम मिलने से डिस्ट्रीब्यूटर्स में नाराजगी है क्योंकि फुटकर में वे ज्यादा कीमत पर माल बेचने पर मजबूर हैं.

Companies focused on online booking and home delivery service
एमपी में कोरोना की तीसरी लहर का असर!

एफएमसीजी की मांग में उछाल

रोजमर्रा के जरूरत का सामान बनाने वाली कंपनियों (एफएमसीजी) की मांग में उछाल आया है. पिछले दो हफ्तों के दौरान इन कंपनियों की मांग काफी तेजी से बढ़ी है. इन कंपनियनों ने सप्लाई प्रभावित होने से बचने के लिए स्टाकिस्टों को अधिक माल भेजना शुरु कर दिया है. साथ ही कोरोना की दूसरी लहर के चलते सख्त लाकडाउन की परिस्थितियों के मद्देनजर कारखानों में जरूरत से ज्यादा स्टाक रखा गया है. आशंका है कि सख्त लॉकडाउन लग सकता है.

हेल्थकेयर और फार्मा सेक्टर में बढ़ी डिमांड

कोरोना महामारी के दौरान पिछले साल हेल्थ केयर और फार्मा सेक्टर में अच्छी ग्रोथ देखने को मिली थी, दवाओं के साथ हेल्थ सप्लीमेंट, फेस मास्क, सैनिटाइजर, इम्युनिटी बूस्टर दवाएं, हाइजीन से जुड़े प्रोडक्ट की डिमांड बढी थी, लेकिन अभी इन सबमें 5 से 10 फीसदी तक ही डिमांड बढ़ी है. हिंद फार्मा के एम़डी आरके गोस्वामी का कहना है कि पिछली बार से सबक लेते हुए इस सेक्टर में अच्छा स्टाक है, कहीं पर भी किसी चीज की कमी महसूस नहीं की गई है. कोरोना की तीसरी लहर में अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या बहुत कम है.

मप्र कोरोना संक्रमण दर 9.10 प्रतिशत

मप्र में कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमण की दर अब बढ़कर 9.10 प्रतिशत पर पहुंच गई है, साथ ही रिकवरी रेट 94.38 प्रतिशत है. मप्र में कोरोना संक्रमित एक्टिव मरीजों की संख्या 34973 है. पिछले 24 घंटे मप्र में 6970 नए मरीज मिले हैं, जबकि कोरोना की पहली औऱ दूसरी लहर की शुरुआत मार्च महीने से हुई थी, लेकिन तीसरी लहर ने जनवरी में ही दस्तक दे दी है.

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