भोपाल। देश पर आए कोरोना वायरस के महासंकट से निपटने के लिए हर कोई अपनी तरफ से कोशिश कर रहा है. केंद्र से लेकर राज्य सरकारें सख्त फैसले ले रही हैं, तो वहीं भारतीय सेना भी हर चुनौती से निपटने को पूरी तरह से तैयार है. रिटॉयर्ड कर्नल हरेंद्र सिंह से जानते हैं कि किन हालातों में सेना देश के अंदरूनी हिस्सों में काम कर सकती है.
सेना स्टेट में कब काम करती है ?
फौज का इस्तेमाल सीमाओं की हिफाजत के लिए होता है. देश के अंदरुनी हिस्सों तभी सेना लगाई जाती है, जब कोई आपदा आ जाए, कोई दंगा हो जाए. इन हालातों में सरकार के आदेश के बाद सेना मोर्चा संभालती है.
लॉकडाउन में सेना के अधिकार
लॉकडाउन में सेना के पास कोई विशेष अधिकार नहीं हैं. सेना केंद्र सरकार के निर्देश पर देश के हित में काम करती है.
पुलिस और सेना की कार्य प्रणाली में क्या अंतर है ?
पुलिस और सेना की कार्य प्रणाली में काफी अंतर है. पुलिस स्टेट्स में लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने का काम करती है. वहीं सेना की जिम्मेदारी देश की सीमाओं की हिफाजत करने की होती है.
संवेदनशील राज्यों में सेना की भूमिका
देश के राज्यों में कोरोना संक्रमण के चलते बिगड़ी स्थितियों पर सेना का लगाया जाने के बहुत कम चांस हैं. ये पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता है. जिससे निपटने के लिए वे पूरी तरह सक्षम हैं.
कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि सेना विपरीत परिस्थितियों में देश के भीतरी हिस्सों काम जरुर कर सकती है. लेकिन उसके लिए केंद्र सरकार का निर्देश जरुरी है