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'गाय' को राष्ट्रीय पशु घोषित करने से क्या बदलेगा

गौ संरक्षण के लिए लगातार मुखर रहने वाली बीजेपी ने देश को सांस्कृतिक एकता के सूत्र में बांधने के लिए गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के सुक्षाव का स्वागत किया है. वहीं कांग्रेस ने इसे बीजेपी का ढ़कोसला बताते हुए गाय को बीजेपी के लिए राजनीतिक पशु बताया है. राजनीतिक दलों से अलग राय रखते हुए पर्यावरण प्रेमियों की राय है कि सिर्फ कानून बनाने से नहीं जिम्मेदारी से गाय का संरक्षण हो सकता है, क्योंकि कानून तो देश में शेर और मोर के लिए भी हैं, लेकिन इनका शिकार जारी है.

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'गाय' को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने का मामला
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Published : Sep 3, 2021, 8:07 PM IST

Updated : Sep 4, 2021, 9:08 AM IST

भोपाल। इलाहबाद हाईकोर्ट के गाय (cow) को राष्ट्रीय पशु (national animal ) घोषित किए जाने के सुझाव को लेकर देश सहित मध्य प्रदेश (madhya predesh) में भी सियासत जोरों पर है. गायों के संरक्षण से जुड़े विश्व हिंदू परिषद (vhp) जैसे संगठनों ने भी होई कोर्ट (high court) के सुक्षाव का स्वागत करते हुए कहा है कि ऐसा होने से देश एकता के सूत्र में बंधेगा. राष्ट्रीय पशु (national animal )घोषित किए जाने से देशभर में गाय (cow) को लेकर एक तरह कानून होगा.ऐसा होने से गौवंश के अवैध परिवहन पर भी लगाम लगेगी. आपको बता दें कि बीजेपी (bjp) और कांग्रेस(congress) सहित तमाम दलों ने कोर्ट के इस सुझाव का स्वागत किया है.

'गाय' को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने का मामला

'देश को एकता के सूत्र में बांधेगी गाय'

गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने को लेकर की गई इलाहबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी का गायों के संरक्षण को लेकर सबसे आगे और उग्र रहने वाले संगठन विश्व हिंदू परिषद (vhp) ने भी स्वागत किया है. वीएचपी के मीडिया प्रभारी का कहना है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने से राष्ट्रीयता भी मजबूत होगी और देश सांस्कृतिक एकता के सूत्र में बंधेगा. राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने से गाय पर पूरे देश में एक ही कानून होगा. ऐसे होने से इनके अवैध परिवहन पर भी लगाम लगेगी और स्वस्थ्य पशुओं का कटान करने वाले बूचड़खानों के संचालकों को भी कानून का डर रहेगा. आपको बता दें कि वीएचपी (vhp) गौ तस्करी के कई मामलों को सामने ला चुकी है. इसके अलावा कई मामलों में तस्करी रोकने के दौरान संगठन के कार्यकर्ताओं ने काफी उग्रता भी दिखाई है.

'गाय' को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने का मामला
'गाय' को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने का मामला



लोगों को उठानी होगी जिम्मेदारी, सिर्फ कानून बनाने से नहीं होगा संरक्षण
पर्यावरण बचाओ अभियान से जुड़े शरद कुमरे का कहना है कि गाय (cow) का संरक्षण होना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही लोगों की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. कुमरे कहते हैं कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने से ज्यादा जरूरी है कि लोगों में गाय के संरक्षण को लेकर जागरुकता और जिम्मेदारी की भावना पैदा की जाए. कुमरे कहते हैं कि देश में राष्ट्रीय पशु शेर (lion) और राष्ट्रीय पक्षी मोर (peacock) के संरक्षण के लिए भी कानून मौजूद हैं बावजूद इसके देश भर में उनका शिकार किया जाता है. ऐसे में गायों (cow) को दुर्घटनाओं से बचाने, घायल गौवंश की मदद करने का जिम्मा लोगों को ही उठाना होगा. इसके साथ ही सरकार को भी लावारिस गायों के संरक्षण को लेकर इच्छाशक्ति दिखानी होगी, केवल कानून बनाने से कुछ नहीं होगा.

भाजपा के लिए गाय सिर्फ राजनीतिक पशु

कांग्रेस (congress) प्रवक्ता अब्बास हफीज ने भाजपा सरकार (bjp government ) की पोलते हुए दावा किया है कि भाजपा जब से सत्ता में आई है गौ माता की दशा ज्यादा खराब हुई है. हफीज ने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार सच्चे मन से गौ सेवा नहीं करती. हफीज ने कहा कि मध्यप्रदेश की विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों ने गायों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था, कमलनाथ सरकार ने मध्यप्रदेश में गौशालाओं का जाल बिछाने का काम किया था. 2019 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (digvijay singh) ने आवारा गायों की सड़क हादसों में होने वाली मौतों पर भी चिंता जताई थी. उन्होंने अपने टि्वटर हैंडल के जरिए इस मुद्दे पर गौ रक्षकों पर भी निशाना साधा था.



कांग्रेस ने हाईकोर्ट के सुक्षाव का स्वागत तो किया है, लेकिन गाय के संरक्षण को लेकर बीजेपी को घेरने से भी नहीं चूकी. कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि गाय उनके लिए सियासत का मुद्दा नहीं है, हमारी सरकार ने गायों के लिए 1000 गौशालाओं का निर्माण कराया जा रहा था और 3000 से ज्यादा गौशालाएं बनाने का लक्ष्य रखा गया था जिससे गौमाता के सड़कों पर बैठने और उनके साथ होनी वाली दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती थी, लेकिन बीजेपी की सरकार में ऐसा हो पाएगा इसे लेकर वे चिंतित हैं. उनका कहना है कि बीजेपी के लिए गाय राष्ट्रीय पशु से ज्यादा राजनीतिक पशु है जिसका बीजेपी सिर्फ इस्तेमाल करती है.

भोपाल। इलाहबाद हाईकोर्ट के गाय (cow) को राष्ट्रीय पशु (national animal ) घोषित किए जाने के सुझाव को लेकर देश सहित मध्य प्रदेश (madhya predesh) में भी सियासत जोरों पर है. गायों के संरक्षण से जुड़े विश्व हिंदू परिषद (vhp) जैसे संगठनों ने भी होई कोर्ट (high court) के सुक्षाव का स्वागत करते हुए कहा है कि ऐसा होने से देश एकता के सूत्र में बंधेगा. राष्ट्रीय पशु (national animal )घोषित किए जाने से देशभर में गाय (cow) को लेकर एक तरह कानून होगा.ऐसा होने से गौवंश के अवैध परिवहन पर भी लगाम लगेगी. आपको बता दें कि बीजेपी (bjp) और कांग्रेस(congress) सहित तमाम दलों ने कोर्ट के इस सुझाव का स्वागत किया है.

'गाय' को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने का मामला

'देश को एकता के सूत्र में बांधेगी गाय'

गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने को लेकर की गई इलाहबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी का गायों के संरक्षण को लेकर सबसे आगे और उग्र रहने वाले संगठन विश्व हिंदू परिषद (vhp) ने भी स्वागत किया है. वीएचपी के मीडिया प्रभारी का कहना है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने से राष्ट्रीयता भी मजबूत होगी और देश सांस्कृतिक एकता के सूत्र में बंधेगा. राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने से गाय पर पूरे देश में एक ही कानून होगा. ऐसे होने से इनके अवैध परिवहन पर भी लगाम लगेगी और स्वस्थ्य पशुओं का कटान करने वाले बूचड़खानों के संचालकों को भी कानून का डर रहेगा. आपको बता दें कि वीएचपी (vhp) गौ तस्करी के कई मामलों को सामने ला चुकी है. इसके अलावा कई मामलों में तस्करी रोकने के दौरान संगठन के कार्यकर्ताओं ने काफी उग्रता भी दिखाई है.

'गाय' को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने का मामला
'गाय' को राष्ट्रीय पशु घोषित किए जाने का मामला



लोगों को उठानी होगी जिम्मेदारी, सिर्फ कानून बनाने से नहीं होगा संरक्षण
पर्यावरण बचाओ अभियान से जुड़े शरद कुमरे का कहना है कि गाय (cow) का संरक्षण होना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही लोगों की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. कुमरे कहते हैं कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने से ज्यादा जरूरी है कि लोगों में गाय के संरक्षण को लेकर जागरुकता और जिम्मेदारी की भावना पैदा की जाए. कुमरे कहते हैं कि देश में राष्ट्रीय पशु शेर (lion) और राष्ट्रीय पक्षी मोर (peacock) के संरक्षण के लिए भी कानून मौजूद हैं बावजूद इसके देश भर में उनका शिकार किया जाता है. ऐसे में गायों (cow) को दुर्घटनाओं से बचाने, घायल गौवंश की मदद करने का जिम्मा लोगों को ही उठाना होगा. इसके साथ ही सरकार को भी लावारिस गायों के संरक्षण को लेकर इच्छाशक्ति दिखानी होगी, केवल कानून बनाने से कुछ नहीं होगा.

भाजपा के लिए गाय सिर्फ राजनीतिक पशु

कांग्रेस (congress) प्रवक्ता अब्बास हफीज ने भाजपा सरकार (bjp government ) की पोलते हुए दावा किया है कि भाजपा जब से सत्ता में आई है गौ माता की दशा ज्यादा खराब हुई है. हफीज ने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार सच्चे मन से गौ सेवा नहीं करती. हफीज ने कहा कि मध्यप्रदेश की विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों ने गायों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था, कमलनाथ सरकार ने मध्यप्रदेश में गौशालाओं का जाल बिछाने का काम किया था. 2019 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (digvijay singh) ने आवारा गायों की सड़क हादसों में होने वाली मौतों पर भी चिंता जताई थी. उन्होंने अपने टि्वटर हैंडल के जरिए इस मुद्दे पर गौ रक्षकों पर भी निशाना साधा था.



कांग्रेस ने हाईकोर्ट के सुक्षाव का स्वागत तो किया है, लेकिन गाय के संरक्षण को लेकर बीजेपी को घेरने से भी नहीं चूकी. कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि गाय उनके लिए सियासत का मुद्दा नहीं है, हमारी सरकार ने गायों के लिए 1000 गौशालाओं का निर्माण कराया जा रहा था और 3000 से ज्यादा गौशालाएं बनाने का लक्ष्य रखा गया था जिससे गौमाता के सड़कों पर बैठने और उनके साथ होनी वाली दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती थी, लेकिन बीजेपी की सरकार में ऐसा हो पाएगा इसे लेकर वे चिंतित हैं. उनका कहना है कि बीजेपी के लिए गाय राष्ट्रीय पशु से ज्यादा राजनीतिक पशु है जिसका बीजेपी सिर्फ इस्तेमाल करती है.

Last Updated : Sep 4, 2021, 9:08 AM IST
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