ETV Bharat / state

ETV भारत Special : कर्ज में डूबी शिवराज सरकार फिर लेगी 52 हजार करोड़ का ऋण, फिजूलखर्ची ऐसी कि मूर्तियों में ही फुंक रहे करोड़ों

उधार का घी, सूंट-सूंटकर पी.. यह कहावत शिवराज सरकार पर लागू होती है. गले तक कर्ज में डूबी शिवराज सरकार धड़ाधड़ कर्ज ले रही है. करीब 19 साल पहले जब दिग्विजय सिंह से बीजेपी ने सत्ता हथियाई थी, तब से मध्यप्रदेश पर 16 गुना से ज्यादा कर्जा बढ़ गया है. अभी सरकार पर सवा तीन लाख करोड़ से ज्यादा कर्ज है. फिर से 52 हजार करोड़ रुपए कर्ज लेने की तैयारी है. इसके लिए सीएम शिवराज की बगैर सोचे-समझे की जा रही घोषणाओं को जिम्मेदार माना जा रहा है. फिजूलखर्ची भी बड़ी वजह है. करोड़ों रुपए प्रतिमाओं पर फूंके जा रहे हैं. (Debt ridden Shivraj government again) (Again take a loan of 52 thousand crores) (Wasteful expenditure crores in idols)

Debt ridden Shivraj government again
कर्ज में डूबी शिवराज सरकार फिर लेगी ऋण
author img

By

Published : Jul 7, 2022, 1:21 PM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दनादन घोषणाएं करने के लिए मशहूर हैं. इनमें से कितनी घोषणाएं धरातल पर उतरीं, ये बड़ा सवाल है. चुनावी माहौल के बीच एक बार फिर शिवराज सिंह ने भगवान श्रीराम और उनसे जुड़ी रामचरित मानस के प्रसंगों का संग्रहालय खोलने की घोषणा की है. मंत्रालय में पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिमाओं पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं तो वहीं ओंकारेश्वर में 108 फीट ऊंची जगद्गुरु आदि शंकराचार्य की प्रतिमा बन रही है, इस पर 2 हज़ार करोड़ शिवराज सरकार खर्च करेगी.

फिजूलखर्ची पर लगाम नहीं : हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भगवान परशुराम की मूर्ति का अनावरण किया. इसकी लागत ₹45 लाख आई है. अब भगवान श्रीराम और रामचरित मानस पर संग्रहालय बनाने का का ऐलान सीएम शिवराज ने किया है. सीएम ने कहा है कि संग्रहालय की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता भी सरकार देगी. फिल्म कश्मीर फाइल्स के बाद जब फिल्म के डायरेक्टर भोपाल आए तो मुख्यमंत्री ने सबके सामने एक और ऐलान कर दिया कि कश्मीर में हुए नरसंहार के बारे में लोग जानें, इसके लिए भी एक संग्रहालय बनाया जाएगा.

सवा तीन लाख करोड़ से ज्यादा कर्ज : शिवराज सरकार लगातार कर्ज ले रही है. फिलहाल तीन लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो चुका है. इसके बाद भी प्रतिमाओं -मूर्तियों पर सरकार करोड़ों खर्च करने जा रही है. कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी का कहना है की शिवराज सरकार लगातार कर्ज में है. तीन लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज है और ऐसे में मूर्तियों पर खर्च कर खुद की वाहवाही मुख्यमंत्री शिवराज लूटना चाहते हैं. प्रत्येक व्यक्ति पर ₹40,000 से ज्यादा का कर्ज हो चुका है. यह सरकार जनता की फिक्र नहीं कर रही है, बल्कि इनको यह चिंता है कि कैसे इनका नाम अमर रहे. वहीं, शिवराज सरकार में मंत्री भूपेन्द्र सिंह कहना है कि हम जो कर्ज ले रहे हैं, वो विकास के लिये है. हमारे कर्ज की लिमिट तय सीमा से बाहर नहीं है. एक भी दिन सरकार ओवरड्राफ्ट नहीं हुई है. कांग्रेस को तो सिर्फ बैठे-बैठे आरोप लगाना आता है. यदि ऐसा ही होता तो उनकी सरकार डेढ़ साल में नहीं जाती.

19 साल में बीजेपी सरकार ने ये किया : बता दें कि शिवराज सरकार का कर्ज दिग्विजय सिंह सरकार के वक्त से 16 गुना ज्यादा है. दिग्विजय सिंह के 10 साल के शासन के आखिरी साल में प्रदेश पर 20 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था. शिवराज सरकार में यह कर्ज बढ़कर 3 लाख 34 हज़ार करोड़ गया. पिछले 5 साल में मध्यप्रदेश में 72 हजार करोड़ का कर्ज चुकाया. 2022- 23 का बजट 2 लाख 79 हज़ार 237 करोड़ है और कर्ज 3 लाख 32 हज़ार करोड़.

... तो आने वाले दिन कंगाली के : अर्थशास्त्री राजेन्द्र कोठारी के मुताबिक शिवराज सरकार भले ही कह रही हो कि नियमों के तहत ही वह कर्ज ले रही है, लेकिन सरकार में बने रहने के लिए वह घोषणा करती है और जिसके लिए वह बिना सोचे- समझे कर्ज लेते हैं. यदि इसी तरह मुफ्त बांटने का काम चलता रहा तो एक दिन भविष्य में श्रीलंका जैसे हालात बन जायेंगे.

कर्ज में डूबी शिवराज सरकार बना रही नया प्लेन खरीदने का प्लान! 4 कंपनियों ने भेजे प्रस्ताव, कांग्रेस ने उठाए सवाल

कर्जदार होने के कारण कई सेक्टर प्रभावित : सरकार भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ोतरी की बात करती हो, लेकिन हेल्थ सर्विसेज में हम देश में बहुत पीछे हैं. मध्यप्रदेश में एक करोड़ 35 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार हैं. शिवराज सरकार लोगों को रोजगार दिलाने के बड़े-बड़े दावे करती है. एक लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया गया, जबकि राज्य में सालभर में 5.75 लाख बेरोजगार बढ़ गए, केंद्र सरकार का ई -श्रम पोर्टल बताता है कि मध्य प्रदेश में 1. 35 करोड़ बेरोजगार हैं. शिवराज सरकार ने 20-21 में लिया 52 हज़ार करोड़ का कर्ज लिया था. 2022- 23 के लिए मध्य प्रदेश सरकार करीब 52,000 करोड रुपए का कर्ज लेगी. इसके लिए 22 हज़ार करोड रुपए सिर्फ ब्याज के भुगतान करने होंगे. (Debt ridden Shivraj government again) (Again take a loan of 52 thousand crores) (Wasteful expenditure crores in idols)

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दनादन घोषणाएं करने के लिए मशहूर हैं. इनमें से कितनी घोषणाएं धरातल पर उतरीं, ये बड़ा सवाल है. चुनावी माहौल के बीच एक बार फिर शिवराज सिंह ने भगवान श्रीराम और उनसे जुड़ी रामचरित मानस के प्रसंगों का संग्रहालय खोलने की घोषणा की है. मंत्रालय में पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिमाओं पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं तो वहीं ओंकारेश्वर में 108 फीट ऊंची जगद्गुरु आदि शंकराचार्य की प्रतिमा बन रही है, इस पर 2 हज़ार करोड़ शिवराज सरकार खर्च करेगी.

फिजूलखर्ची पर लगाम नहीं : हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भगवान परशुराम की मूर्ति का अनावरण किया. इसकी लागत ₹45 लाख आई है. अब भगवान श्रीराम और रामचरित मानस पर संग्रहालय बनाने का का ऐलान सीएम शिवराज ने किया है. सीएम ने कहा है कि संग्रहालय की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता भी सरकार देगी. फिल्म कश्मीर फाइल्स के बाद जब फिल्म के डायरेक्टर भोपाल आए तो मुख्यमंत्री ने सबके सामने एक और ऐलान कर दिया कि कश्मीर में हुए नरसंहार के बारे में लोग जानें, इसके लिए भी एक संग्रहालय बनाया जाएगा.

सवा तीन लाख करोड़ से ज्यादा कर्ज : शिवराज सरकार लगातार कर्ज ले रही है. फिलहाल तीन लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो चुका है. इसके बाद भी प्रतिमाओं -मूर्तियों पर सरकार करोड़ों खर्च करने जा रही है. कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी का कहना है की शिवराज सरकार लगातार कर्ज में है. तीन लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज है और ऐसे में मूर्तियों पर खर्च कर खुद की वाहवाही मुख्यमंत्री शिवराज लूटना चाहते हैं. प्रत्येक व्यक्ति पर ₹40,000 से ज्यादा का कर्ज हो चुका है. यह सरकार जनता की फिक्र नहीं कर रही है, बल्कि इनको यह चिंता है कि कैसे इनका नाम अमर रहे. वहीं, शिवराज सरकार में मंत्री भूपेन्द्र सिंह कहना है कि हम जो कर्ज ले रहे हैं, वो विकास के लिये है. हमारे कर्ज की लिमिट तय सीमा से बाहर नहीं है. एक भी दिन सरकार ओवरड्राफ्ट नहीं हुई है. कांग्रेस को तो सिर्फ बैठे-बैठे आरोप लगाना आता है. यदि ऐसा ही होता तो उनकी सरकार डेढ़ साल में नहीं जाती.

19 साल में बीजेपी सरकार ने ये किया : बता दें कि शिवराज सरकार का कर्ज दिग्विजय सिंह सरकार के वक्त से 16 गुना ज्यादा है. दिग्विजय सिंह के 10 साल के शासन के आखिरी साल में प्रदेश पर 20 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था. शिवराज सरकार में यह कर्ज बढ़कर 3 लाख 34 हज़ार करोड़ गया. पिछले 5 साल में मध्यप्रदेश में 72 हजार करोड़ का कर्ज चुकाया. 2022- 23 का बजट 2 लाख 79 हज़ार 237 करोड़ है और कर्ज 3 लाख 32 हज़ार करोड़.

... तो आने वाले दिन कंगाली के : अर्थशास्त्री राजेन्द्र कोठारी के मुताबिक शिवराज सरकार भले ही कह रही हो कि नियमों के तहत ही वह कर्ज ले रही है, लेकिन सरकार में बने रहने के लिए वह घोषणा करती है और जिसके लिए वह बिना सोचे- समझे कर्ज लेते हैं. यदि इसी तरह मुफ्त बांटने का काम चलता रहा तो एक दिन भविष्य में श्रीलंका जैसे हालात बन जायेंगे.

कर्ज में डूबी शिवराज सरकार बना रही नया प्लेन खरीदने का प्लान! 4 कंपनियों ने भेजे प्रस्ताव, कांग्रेस ने उठाए सवाल

कर्जदार होने के कारण कई सेक्टर प्रभावित : सरकार भले ही स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ोतरी की बात करती हो, लेकिन हेल्थ सर्विसेज में हम देश में बहुत पीछे हैं. मध्यप्रदेश में एक करोड़ 35 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार हैं. शिवराज सरकार लोगों को रोजगार दिलाने के बड़े-बड़े दावे करती है. एक लाख लोगों को रोजगार देने का वादा किया गया, जबकि राज्य में सालभर में 5.75 लाख बेरोजगार बढ़ गए, केंद्र सरकार का ई -श्रम पोर्टल बताता है कि मध्य प्रदेश में 1. 35 करोड़ बेरोजगार हैं. शिवराज सरकार ने 20-21 में लिया 52 हज़ार करोड़ का कर्ज लिया था. 2022- 23 के लिए मध्य प्रदेश सरकार करीब 52,000 करोड रुपए का कर्ज लेगी. इसके लिए 22 हज़ार करोड रुपए सिर्फ ब्याज के भुगतान करने होंगे. (Debt ridden Shivraj government again) (Again take a loan of 52 thousand crores) (Wasteful expenditure crores in idols)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.