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हेल्थ, फिटनेस और स्टाइलिंग के लिए पहली पसंद बना साइकिल राइड

हेल्थ, फिटनेस और स्टाइलिंग के लिए लोगों की पहली पसंद साइकिलिंग बन गई है, लोग साइकिल चलाकर अपने फिटनेस का ख्याल रख रहे हैं.

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Published : Dec 31, 2020, 5:34 PM IST

Updated : Dec 31, 2020, 6:43 PM IST

Cycling is essential for fitness
फिटनेस के लिए साइकिलिंग जरुरी

भोपाल। शरीर को स्वस्थ रखने का सबसे बड़ा मूलमंत्र है फिट रहना और खुद को फिट रखने के लिए इंसान अलग-अलग तरह के प्रयास करता है जिससे वह फिट दिखे.

फिटनेस के लिए साइकिलिंग जरुरी

जिम, एरोबिक्स, रनिंग समेत कई तरह की एक्टिविटी है, जिससे स्वस्थ रहा जा सकता है, लेकिन आम इंसान को फिट दिखने के लिए सबसे ज्यादा आकर्षक करता है साइकिल, युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक साइकिलिंग कर खुद को स्वस्थ रखते हैं भोपाल में ऐसे कई ग्रुप हैं जो साइकिल चलाना पसंद करते हैं.

  • वर्क फ्रॉम होम ने लाइफ बदली

इंद्रपुरी में रहने वाले देव कहते हैं कि फिटनेस पहला मकसद है, वर्क फ्रॉम होम होने के चलते लाइफ स्टाइल पूरी तरह से बदल गई है. क्योंकि उन्हें अब ऑफिस नहीं, बल्कि घर से काम करना पड़ता हैं, इसलिए वो चल फिर भी नहीं पाते हैं, जिसके बाद फिटनेस को ध्यान में रखते हुए साइकिलिंग करते हैं, देव बताते हैं कि राइड पर जाने से पहले ग्रुप प्लानिंग करते हैं कि कहां आज राइड करना है, आज उनके ग्रुप में 10 लोग शामिल हैं, उन्होंने पहले दिन दो लोगों के साथ साइकिलिंग की शुरुआत की थी.

  • साइकिल में ब्रेक नहीं, फटे जूते

राहुल बताते हैं कि एक बार वह स्कूल से घर लौट रहे थे इस दौरान साइकिल में ब्रेक नहीं था और ढलान पर अचानक से साइकिल की स्पीड बढ़ गई, साइकिल की स्पीड कम करने के लिए जूते से रोकने की कोशिश की, लेकिन स्पीड काफी ज्यादा थी जूते खींचते हुए फट गए जिसके कारण माता-पिता से डांट भी पड़ी और उन्होंने साइकिल चलाने से मना कर दिया, लेकिन उसके बाद भी लगातार वह साइकिलिंग कर रहे हैं जब से वो साइकिल चला रहे हैं उसके बाद से स्टेमना भी बढ़ गया है और सुबह राइड करने से दिनभर फ्रेश भी महसूस होता है.

  • पुलिस से बचकर लॉकडाउन में चलाई साइकिल

अंकित बताते हैं कि वह पिछले 1 साल से जी पी आर ए ग्रुप से जुड़े हुए हैं जिसमें 100 से ज्यादा मेंबर हैं पूरी प्रोफेशनली सेफ्टी के साथ राइट करते हैं सबसे लंबी राइड 70 किलोमीटर की रही है जो कंकाली माता मंदिर तक थी ठंड में साइकिलिंग करना ज्यादा अच्छा लगता है, गर्मी में चलाने में दिक्कत आती है, पहली बार साइकिल चलाने के बाद से ही उन्हे साइकिल से प्रेम हो गया, अंकित के साइकिल प्रेम का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब कोरोना के करण लॉकडाउन लगाया गया था, तब पुलिस को चकमा देकर कई बार राइड की.

  • साइकिलिंग से मिलती है ताकत

जीपीबीआरएस ग्रुप के ही रवि बताते हैं कि जब से वह साइकिल चला रहे हैं उनके उसके बाद से इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ गया है, लॉक डाउन के दौरान जब राइड करने का मौका नहीं मिल रहा था, तो काफी वीकनेस महसूस होने लगी थी, लेकिन अब फिर से सब कुछ ठीक हैं, रवि की सबसे लंबी राइड 100 किलोमीटर की रही है, रवि पिछले 2 साल से रोज साइकिल चलाते हैं.

ऐसा नहीं है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बाद से ही लोगों में साइकिल प्रेम बढ़ा है, पहले से कई ऐसे ग्रुप हैं जो साइकिल राइड के जरिए खुद को फिट रखते हैं, क्योंकि फिट रहेंगे तो स्वस्थ रहेंगे.

भोपाल। शरीर को स्वस्थ रखने का सबसे बड़ा मूलमंत्र है फिट रहना और खुद को फिट रखने के लिए इंसान अलग-अलग तरह के प्रयास करता है जिससे वह फिट दिखे.

फिटनेस के लिए साइकिलिंग जरुरी

जिम, एरोबिक्स, रनिंग समेत कई तरह की एक्टिविटी है, जिससे स्वस्थ रहा जा सकता है, लेकिन आम इंसान को फिट दिखने के लिए सबसे ज्यादा आकर्षक करता है साइकिल, युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक साइकिलिंग कर खुद को स्वस्थ रखते हैं भोपाल में ऐसे कई ग्रुप हैं जो साइकिल चलाना पसंद करते हैं.

  • वर्क फ्रॉम होम ने लाइफ बदली

इंद्रपुरी में रहने वाले देव कहते हैं कि फिटनेस पहला मकसद है, वर्क फ्रॉम होम होने के चलते लाइफ स्टाइल पूरी तरह से बदल गई है. क्योंकि उन्हें अब ऑफिस नहीं, बल्कि घर से काम करना पड़ता हैं, इसलिए वो चल फिर भी नहीं पाते हैं, जिसके बाद फिटनेस को ध्यान में रखते हुए साइकिलिंग करते हैं, देव बताते हैं कि राइड पर जाने से पहले ग्रुप प्लानिंग करते हैं कि कहां आज राइड करना है, आज उनके ग्रुप में 10 लोग शामिल हैं, उन्होंने पहले दिन दो लोगों के साथ साइकिलिंग की शुरुआत की थी.

  • साइकिल में ब्रेक नहीं, फटे जूते

राहुल बताते हैं कि एक बार वह स्कूल से घर लौट रहे थे इस दौरान साइकिल में ब्रेक नहीं था और ढलान पर अचानक से साइकिल की स्पीड बढ़ गई, साइकिल की स्पीड कम करने के लिए जूते से रोकने की कोशिश की, लेकिन स्पीड काफी ज्यादा थी जूते खींचते हुए फट गए जिसके कारण माता-पिता से डांट भी पड़ी और उन्होंने साइकिल चलाने से मना कर दिया, लेकिन उसके बाद भी लगातार वह साइकिलिंग कर रहे हैं जब से वो साइकिल चला रहे हैं उसके बाद से स्टेमना भी बढ़ गया है और सुबह राइड करने से दिनभर फ्रेश भी महसूस होता है.

  • पुलिस से बचकर लॉकडाउन में चलाई साइकिल

अंकित बताते हैं कि वह पिछले 1 साल से जी पी आर ए ग्रुप से जुड़े हुए हैं जिसमें 100 से ज्यादा मेंबर हैं पूरी प्रोफेशनली सेफ्टी के साथ राइट करते हैं सबसे लंबी राइड 70 किलोमीटर की रही है जो कंकाली माता मंदिर तक थी ठंड में साइकिलिंग करना ज्यादा अच्छा लगता है, गर्मी में चलाने में दिक्कत आती है, पहली बार साइकिल चलाने के बाद से ही उन्हे साइकिल से प्रेम हो गया, अंकित के साइकिल प्रेम का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब कोरोना के करण लॉकडाउन लगाया गया था, तब पुलिस को चकमा देकर कई बार राइड की.

  • साइकिलिंग से मिलती है ताकत

जीपीबीआरएस ग्रुप के ही रवि बताते हैं कि जब से वह साइकिल चला रहे हैं उनके उसके बाद से इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ गया है, लॉक डाउन के दौरान जब राइड करने का मौका नहीं मिल रहा था, तो काफी वीकनेस महसूस होने लगी थी, लेकिन अब फिर से सब कुछ ठीक हैं, रवि की सबसे लंबी राइड 100 किलोमीटर की रही है, रवि पिछले 2 साल से रोज साइकिल चलाते हैं.

ऐसा नहीं है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बाद से ही लोगों में साइकिल प्रेम बढ़ा है, पहले से कई ऐसे ग्रुप हैं जो साइकिल राइड के जरिए खुद को फिट रखते हैं, क्योंकि फिट रहेंगे तो स्वस्थ रहेंगे.

Last Updated : Dec 31, 2020, 6:43 PM IST
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