भोपाल। साइबर ठगों के लिए अब मध्य प्रदेश नया ठिकाना बनता जा रहा है. प्रदेश के कुछ जिलों में आधा दर्जन से भी ज्यादा साइबर ठगों के गैंग सक्रिय है. जो कभी कैशबैक के नाम पर, तो कभी लुभावने ऑफर्स के नाम पर लोगों को लाखों का चूना लगा रहे हैं. आलम यह है कि साइबर पुलिस की लाख कोशिशों और बार-बार एडवाइजरी जारी करने के बाद भी ठगी का यह सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है.
गुना, शिवपुरी और श्योपुर में सक्रिय हैं गैंग
आधुनिक जमाने के साथ-साथ अब अपराधों का ट्रेंड भी तेजी से बदल रहा है. हजारों किलोमीटर दूर बैठकर भी साइबर ठग भोले भाले लोगों की जेब और बैंक अकाउंट मिनटों में खाली कर देते हैं. पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला था कि इस तरह के फर्जी कॉल सबसे ज्यादा झारखंड के जमतारा से आते हैं. लेकिन अब मध्यप्रदेश भी साइबर ठगों के लिए एक मुफीद अड्डा बनता जा रहा है. बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के गुना शिवपुरी और श्योपुर में साइबर ठगों के आधा दर्जन से ज्यादा गैंग सक्रिय हैं. इनमें से कुछ गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया था तो कुछ गिरोह की तलाश में पुलिस की अलग-अलग टीमें इन जिलों की खाक छान रही है.
पिछले दिनों पुलिस ने गुना शिवपुरी से पकड़ा था एक गैंग
करीब चार महीने पहले भोपाल साइबर पुलिस ने ऐसे ही एक गैंग का पर्दाफाश कर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों ने मध्य प्रदेश समेत दूसरे राज्यों में भी सस्ती दरों पर लोन के नाम पर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि साइबर ठग 600 से ज्यादा लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुके हैं. मध्य प्रदेश के विदिशा में तो ठग गिरोह ने 85 लाख रुपये की जालसाजी की है. इसके अलावा सीहोर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट और होशंगाबाद समेत सात जिलों के लोगों के साथ भी इस गैंग ने ठगी की है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक श्योपुर जिले में सबसे पहले इस गैंग ने ठगी का काम शुरू किया था. इसके बाद इसी गैंग के सदस्यों ने जालसाजी का तरीका सीख कर अपने-अपने अलग गैंग बना लिए हैं.
जालसाजों को करवाते हैं फर्जी सिम इश्यू
मध्य प्रदेश के गुना शिवपुरी जिले में ऐसे गैंग सक्रिय है. जो फर्जी दस्तावेज के आधार पर फर्जी सिम इश्यू करवाते हैं. यह फर्जी सिम देशभर के जालसाजो तक पहुंचाई जाती है. इन्ही फर्जी सिम के जरिये देशभर में जालसाजों ने करोड़ों रुपयों की ठगी की है. इस मामले में साइबर पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनमें से एक आरोपी सिमकार्ड का बड़ा रिटेलर था. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि अब तक वह 2 हजार से भी ज्यादा फर्जी सिम इश्यू कर चुके हैं. लेकिन जिन आरोपियों को यह सिम दी गई थी. वह अबतक भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है.
झारखंड मॉड्यूल की तर्ज पर करते हैं ठगी
झारखंड के जमतारा में इस तरह का गैंग सबसे ज्यादा है. अब मध्य प्रदेश में यह गैंग सक्रिय होकर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. साइबर सेल में भी लगातार ठगी की शिकायतें पहुंच रही है. जिसमें सबसे ज्यादा कैशबैक, ऑनलाइन पेमेंट ऐप के जरिए ठगी, सस्ती दरों में लोन देने के नाम पर और फेसबुक प्रोफाइल हैक करके गड़बड़ी करने के मामले शामिल हैं. साइबर पुलिस समय-समय पर इसके लिए एडवाइजरी भी जारी करती है और लोगों को सावधान रहने और किसी भी ऑफर के लालच में नहीं आने की अपील भी करती है. इसके बावजूद भी मध्यप्रदेश में साइबर ठगी के मामलों का ग्राफ आसमान छूता जा रहा है.