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कहीं आप भी तो नहीं हो रहे ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार! साइबर क्राइम ने जारी की एडवाइजरी

लॉकडाउन में ऑनलाइन ठगी की वारदातें लगातार सामने आ रही हैं, साइबर क्राइम भोपाल ने इसको लेकर एक एडवाइजरी जारी की है, जो आपके लिए जानना जरूरी है.

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Published : May 16, 2020, 4:18 PM IST

भोपाल। कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है, ऐसी स्थिति में ज्यादातर प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद हैं. केवल दवाइयां और किराना की दुकानें ही खुल रही हैं, लोगों की आवाजाही भी सड़कों पर पूरी तरह से बंद है. ऐसी स्थिति में ठगी करने वाले सोशल मीडिया को हथियार बना लिए हैं, ऐसी विषम परिस्थितियों में ज्यादातर लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी करते हैं.

advisory regard online fraud
साइबर क्राइम भोपाल ने जारी की एडवाइजरी

यही वजह है कि इस तरह के आरोपी अब सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं, साइबर क्राइम भोपाल ने फोन कॉल पर परिचित बनकर धोखाधड़ी करने वालों के संबंध में एडवाइजरी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि लॉकडाउन के दौरान देखने में आ रहा है कि साइबर अपराधी लोगों की सोशल मीडिया प्रोफाइल से उनकी तथा परिचितों की जानकारी प्राप्त कर धोखाधड़ी कर रहे हैं.

online fraud
कहीं आप भी तो नहीं हो रहे ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार!

आरोपी पहले जानकारी प्राप्त करते हैं, उसके बाद परिचितों के नाम से फोन कॉल कर धोखाधड़ी करते हैं, सोशल मीडिया के माध्यम से इस तरह के आरोपी किसी भी प्रकार की परेशानी बता कर रुपए देने का अनुरोध करते हैं. इस दौरान इस तरह के ठग गूगल, फोन पे, पेटीएम में पैसा जमा करवाते हैं.

cybercrime bhopal
साइबर क्राइम भोपाल ने जारी की एडवाइजरी

ऐसे होती है ठगी

सोशल मीडिया के माध्यम से किसी भी परिचित को किसी अन्य व्यक्ति का हवाला देते हुए उसके एकाउंट में पैसे डालने का अनुरोध किया जाता है, जब तक व्यक्ति को पता चलता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है. साथ ही जिस व्यक्ति के अकाउंट के माध्यम से पैसा मांगा जाता है, लोग उसे वेरिफाई भी नहीं करते हैं और ठगों की बातों में आकर बताए हुए अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर देते हैं.

सोशल मीडिया पर कभी न करें ये गलतियां

साइबर क्राइम भोपाल ने बताया कि अनजान व्यक्ति के फोन पर की गई बातों पर तत्काल विश्वास न करें. अज्ञात नंबर से भेजी गई लिंक को कभी भी डाउनलोड न करें, ये आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है. अज्ञात नंबर से परिचित बन रुपए मांगे जाने पर पहले अन्य स्रोतों से भी इस बात की पुष्टि कर लें कि कहीं कोई आपको धोखा तो नहीं दे रहा है. सत्यापित किए बिना रुपए कभी भी ऑनलाइन ट्रांसफर न करें, यदि ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर के दौरान आपको कैशबैक, रिवॉर्ड पॉइंट मिलते हैं तो उसे रिडीम करने के लिए यूपीआई पिन देने की जरूरत नहीं होती है, यदि किसी के पास इस प्रकार का फोन या मैसेज आता भी है तो जरूरत पड़ने पर संबंधित व्यक्ति भोपाल पुलिस की हेल्पलाइन नंबर पर भी संपर्क कर सकता है.

मैसेंजर अकाउंट को किया जा रहा हैक

लॉकडाउन होने के बाद से ही ऑनलाइन पैसों की ठगी के मामले बढ़े हैं. लोग लगातार सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं और ऐसी स्थिति में ठगी करने वाले आरोपी किसी भी व्यक्ति के मैसेंजर अकाउंट को हैक कर उसके माध्यम से अन्य लोगों को मैसेज कर पैसे मांगते हैं, जो लोग इनके जाल में फंस जाते हैं, वे लोग उन्हें अपना ठगी का शिकार बना लेते हैं.

भोपाल। कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है, ऐसी स्थिति में ज्यादातर प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद हैं. केवल दवाइयां और किराना की दुकानें ही खुल रही हैं, लोगों की आवाजाही भी सड़कों पर पूरी तरह से बंद है. ऐसी स्थिति में ठगी करने वाले सोशल मीडिया को हथियार बना लिए हैं, ऐसी विषम परिस्थितियों में ज्यादातर लोग सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी करते हैं.

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साइबर क्राइम भोपाल ने जारी की एडवाइजरी

यही वजह है कि इस तरह के आरोपी अब सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं, साइबर क्राइम भोपाल ने फोन कॉल पर परिचित बनकर धोखाधड़ी करने वालों के संबंध में एडवाइजरी जारी की है, जिसमें बताया गया है कि लॉकडाउन के दौरान देखने में आ रहा है कि साइबर अपराधी लोगों की सोशल मीडिया प्रोफाइल से उनकी तथा परिचितों की जानकारी प्राप्त कर धोखाधड़ी कर रहे हैं.

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कहीं आप भी तो नहीं हो रहे ऑनलाइन धोखाधड़ी के शिकार!

आरोपी पहले जानकारी प्राप्त करते हैं, उसके बाद परिचितों के नाम से फोन कॉल कर धोखाधड़ी करते हैं, सोशल मीडिया के माध्यम से इस तरह के आरोपी किसी भी प्रकार की परेशानी बता कर रुपए देने का अनुरोध करते हैं. इस दौरान इस तरह के ठग गूगल, फोन पे, पेटीएम में पैसा जमा करवाते हैं.

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साइबर क्राइम भोपाल ने जारी की एडवाइजरी

ऐसे होती है ठगी

सोशल मीडिया के माध्यम से किसी भी परिचित को किसी अन्य व्यक्ति का हवाला देते हुए उसके एकाउंट में पैसे डालने का अनुरोध किया जाता है, जब तक व्यक्ति को पता चलता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है. साथ ही जिस व्यक्ति के अकाउंट के माध्यम से पैसा मांगा जाता है, लोग उसे वेरिफाई भी नहीं करते हैं और ठगों की बातों में आकर बताए हुए अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर देते हैं.

सोशल मीडिया पर कभी न करें ये गलतियां

साइबर क्राइम भोपाल ने बताया कि अनजान व्यक्ति के फोन पर की गई बातों पर तत्काल विश्वास न करें. अज्ञात नंबर से भेजी गई लिंक को कभी भी डाउनलोड न करें, ये आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है. अज्ञात नंबर से परिचित बन रुपए मांगे जाने पर पहले अन्य स्रोतों से भी इस बात की पुष्टि कर लें कि कहीं कोई आपको धोखा तो नहीं दे रहा है. सत्यापित किए बिना रुपए कभी भी ऑनलाइन ट्रांसफर न करें, यदि ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर के दौरान आपको कैशबैक, रिवॉर्ड पॉइंट मिलते हैं तो उसे रिडीम करने के लिए यूपीआई पिन देने की जरूरत नहीं होती है, यदि किसी के पास इस प्रकार का फोन या मैसेज आता भी है तो जरूरत पड़ने पर संबंधित व्यक्ति भोपाल पुलिस की हेल्पलाइन नंबर पर भी संपर्क कर सकता है.

मैसेंजर अकाउंट को किया जा रहा हैक

लॉकडाउन होने के बाद से ही ऑनलाइन पैसों की ठगी के मामले बढ़े हैं. लोग लगातार सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं और ऐसी स्थिति में ठगी करने वाले आरोपी किसी भी व्यक्ति के मैसेंजर अकाउंट को हैक कर उसके माध्यम से अन्य लोगों को मैसेज कर पैसे मांगते हैं, जो लोग इनके जाल में फंस जाते हैं, वे लोग उन्हें अपना ठगी का शिकार बना लेते हैं.

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