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बारिश के बाद भोपाल की सड़कें खस्ताहाल, चलना भी हो रहा मुश्किल

भोपाल की सड़कों के रखरखाव के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं. बावजूद इसके शहर की सड़कों का हाल बारिश के बाद बदहाल है. जबकि इन सड़कों को सुधारने की दिशा में भी कोई काम नहीं किया जा रहा. आखिर हर साल बारिश के बाद ऐसी तस्वीरें सामने क्यों आती है. देखिये ईटीवी भारत की यह खास रिपोर्ट...

roads of the capital are in bad shape
राजधानी की सड़कें बदहाल
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Published : Oct 20, 2020, 1:44 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल की सड़कों के हाल हर साल बारिश में बेहाल हो जाते हैं. शहर की अधिकतर सड़कों पर बारिश के पानी के बाद गड्ढें हो जाते हैं. जिसके बाद सड़क के मरम्मत का काम किया जाता है लेकिन समस्या का हल नहीं निकाला जाता है. नगर निगम के आईएसबीटी दफ्तर के बाहर की सड़क भी जर्जर हो चली है. निगम दफ्तर के बाहर सड़क नजर ही नहीं आती, यहां पर सिर्फ धूल और गड्ढे दिखाई देते हैं. पांच महीने पहले यह सड़क 10 लाख की लागत से बनी थी. ऐसी ही तस्वीर कलेक्टर दफ्तर की ओर जाने वाली सड़क की भी है. एक साल पहले यहां क सड़क 30 लाख की लागत से बनी थी, लेकिन यहां भी ट्रैफिक जाम से जनता परेशान है.

राजधानी की सड़कें बदहाल

सड़क बदहाल होने के कारण

रोड सेफ्टी एक्सपर्ट सुयश कुलश्रेष्ठ का कहना है कि भोपाल में चार विभागों की सड़कें हैं. सड़कें बनाने से पहले कोई सर्वे नहीं किया जाता है, इसके साथ ही ये भी पता नहीं लगाया जाता है कि सड़क पर कौनसी ज्यादा गाड़ियां चलेगी. इसके अलावा सबसे बड़ी समस्या ड्रेनेज सिस्टम की है. रोड के पास जो नालियां बननी चाहिए वो नहीं बनती है, जहां बनती है उससे जनता भर देती है. ड्रेनेज सिस्टम खराब होने के चलते घरों से निकलने वाला पानी ड्रेनेज में जाने के बजाय सड़कों पर जमा हो जाता है और इसके बाद सड़कों पर छोटे-छोटे छेद से पानी सड़कों में चला जाता है. इसके बाद सड़क मे दरार पैदा होती है और सड़कें टूटने लग जाती है, इसलिए सड़क बनाने से पहले सर्वे करना चाहिए जो नहीं किया जाता है.

हर साल करोड़ों का टेंडर

नगर निगम हर साल सड़कों की मरम्मत के लिए करोड़ों का टेंडर जारी करता है. 2020 में नगर निगम ने शहर की सड़कों को दुरुस्त करने के लिए दो करोड़ का टेंडर जारी किया है. 2019 की बात की जाए तो पिछले साल दो करोड़ 33 लाख का टेंडर जारी किया गया था. वहीं 2018 में नगर निगम ने एक करोड़ 85 लाख का टेंडर सड़कों के पेच वर्क के लिए दिया था. नगर निगम का कहना है कि जल्द भोपाल की सड़कों की मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा.

नगर निगम के पास इतनी सड़कें

भोपाल की सड़कें चार विभाग के पास है जो शहर में सड़कों का काम देखती है. सबसे ज्यादा नगर निगम के पास है. शहर में 3879 किलोमीटर सड़क नगर निगम के पास है. इसके अलावा पीडब्ल्यूडी के पास 531 किलोमीटर, बीडीए के पास 200 किलोमीटर सड़कों की जिम्मेदारी है, इसके अलावा सीपीए है इस विभाग के पास भी 132 किलोमीटर की सड़कें हैं इन सबकी जिम्मेदारी है शहर की सड़कें सही रहे. लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा.

भोपाल। राजधानी भोपाल की सड़कों के हाल हर साल बारिश में बेहाल हो जाते हैं. शहर की अधिकतर सड़कों पर बारिश के पानी के बाद गड्ढें हो जाते हैं. जिसके बाद सड़क के मरम्मत का काम किया जाता है लेकिन समस्या का हल नहीं निकाला जाता है. नगर निगम के आईएसबीटी दफ्तर के बाहर की सड़क भी जर्जर हो चली है. निगम दफ्तर के बाहर सड़क नजर ही नहीं आती, यहां पर सिर्फ धूल और गड्ढे दिखाई देते हैं. पांच महीने पहले यह सड़क 10 लाख की लागत से बनी थी. ऐसी ही तस्वीर कलेक्टर दफ्तर की ओर जाने वाली सड़क की भी है. एक साल पहले यहां क सड़क 30 लाख की लागत से बनी थी, लेकिन यहां भी ट्रैफिक जाम से जनता परेशान है.

राजधानी की सड़कें बदहाल

सड़क बदहाल होने के कारण

रोड सेफ्टी एक्सपर्ट सुयश कुलश्रेष्ठ का कहना है कि भोपाल में चार विभागों की सड़कें हैं. सड़कें बनाने से पहले कोई सर्वे नहीं किया जाता है, इसके साथ ही ये भी पता नहीं लगाया जाता है कि सड़क पर कौनसी ज्यादा गाड़ियां चलेगी. इसके अलावा सबसे बड़ी समस्या ड्रेनेज सिस्टम की है. रोड के पास जो नालियां बननी चाहिए वो नहीं बनती है, जहां बनती है उससे जनता भर देती है. ड्रेनेज सिस्टम खराब होने के चलते घरों से निकलने वाला पानी ड्रेनेज में जाने के बजाय सड़कों पर जमा हो जाता है और इसके बाद सड़कों पर छोटे-छोटे छेद से पानी सड़कों में चला जाता है. इसके बाद सड़क मे दरार पैदा होती है और सड़कें टूटने लग जाती है, इसलिए सड़क बनाने से पहले सर्वे करना चाहिए जो नहीं किया जाता है.

हर साल करोड़ों का टेंडर

नगर निगम हर साल सड़कों की मरम्मत के लिए करोड़ों का टेंडर जारी करता है. 2020 में नगर निगम ने शहर की सड़कों को दुरुस्त करने के लिए दो करोड़ का टेंडर जारी किया है. 2019 की बात की जाए तो पिछले साल दो करोड़ 33 लाख का टेंडर जारी किया गया था. वहीं 2018 में नगर निगम ने एक करोड़ 85 लाख का टेंडर सड़कों के पेच वर्क के लिए दिया था. नगर निगम का कहना है कि जल्द भोपाल की सड़कों की मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा.

नगर निगम के पास इतनी सड़कें

भोपाल की सड़कें चार विभाग के पास है जो शहर में सड़कों का काम देखती है. सबसे ज्यादा नगर निगम के पास है. शहर में 3879 किलोमीटर सड़क नगर निगम के पास है. इसके अलावा पीडब्ल्यूडी के पास 531 किलोमीटर, बीडीए के पास 200 किलोमीटर सड़कों की जिम्मेदारी है, इसके अलावा सीपीए है इस विभाग के पास भी 132 किलोमीटर की सड़कें हैं इन सबकी जिम्मेदारी है शहर की सड़कें सही रहे. लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा.

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