भोपाल। इन दिनों राजधानी भोपाल के सभी कोविड अस्पताल कोविड मरीजों के इलाज के कारण फुल हैं. वहीं गैस पीड़ितों के लिए समर्पित बीएमएचआरसी पूरी तरह से खाली होने के बाद भी बहुत ही कम मरीजों का इलाज हो पा रहा है. कोविड के अलावा अन्य बीमारियों के लिए भी पहुंचने वालों को इमरजेंसी सेवाएं तक नहीं मिल पा रही है. भोपाल गैस त्रासदी (1984) से प्रभावित लोगों के इलाज के लिए बनाए गए भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, गैस पीड़ित कोविड मरीजों के इलाज न होने को लेकर चर्चा में है.
अस्पताल प्रबंधक पर इलाज नहीं मिलने का मिलने का आरोप
करीब 350 से अधिक बैड वाले इस अस्पताल में सभी सुविधाएं होने के बाद भी गैस पीड़ित कोविड मरीजों का इलाज नहीं होने का आरोप गैस पीड़ित संगठन लगा रहे हैं. गैस पीड़ित संगठनों का आरोप है कि यहां विभिन्न बीमारियों के लिए मौजूद बड़ी तादाद में रूम और हाल मे से अधिकांश खाली हैं. संगठनों के मुताबिक इस अस्पताल से मरीजों को हमीदिया, एम्स और जेपी अस्पताल रेफर किया जा रहा है, जबकि इस अस्पताल में भी अच्छा इलाज हो सकता है.
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350 में केवल 60 ऑक्सीजन वाले बैड
गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाले संगठन भोपाल ग्रुप फार इंफार्मेशन एंड एक्शन की सदस्य रचना ढींगरा का कहना है कि कोरोना काल में गैस पीड़ितों की मौत ज्यादा हो रही है. 350 बैड के बीएमएचआरसी में 60 ऑक्सीजन बैड उपलब्ध हैं. संगठन की मांग है कि इस अस्पताल में अधिक से अधिक कोविड मरीजों का इलाज कराने की व्यवस्था होना चाहिए.
कोविड- नान कोविड दोनों तरह के मरीजों का इलाज
अस्पताल के जनसम्पर्क अधिकारी रीतेश पुरोहित का कहना है कि गैस पीड़ित संगठनों द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. अस्पताल में कोविड और नॉन कोविड दोनों ही तरह के मरीजों का इलाज किया जा रहा है. 35 कोविड मरीज इन दिनों अस्पताल में भर्ती हैं.