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भोपाल-इंदौर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर, बेपरवाही पड़ रही भारी

कोरोना से बचने के लिए दो गज की दूरी रखना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है मास्क लगाना और हाथों को सैनिटाइज करने के साथ-साथ किसी भी चीज को बार-बार छूने की आदत में सुधार लाना. पर आजकल यही लापरवाही राजधानी भोपाल और मिनी मुंबई में लोगों पर भारी पड़ रही है, जिसके चलते दिसंबर माह के शुरूआत से ही कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने लगा है.

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Published : Dec 8, 2020, 7:32 PM IST

Updated : Dec 8, 2020, 7:54 PM IST

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प्रतीकात्मक चित्र

भोपाल। कोरोना वायरस की दूसरी लहर का असर मध्यप्रदेश में साफ तौर पर देखने को मिल रहा है, नवंबर महीने के आखिर में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ना शुरू हुए, जिसका सिलसिला अब भी जारी है. प्रदेश के दो हॉटस्पाट शहर इंदौर और भोपाल में कोरोना संक्रमण कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी हालात काबू से बाहर है. इन दोनों शहरों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बाजारों को बंद करने का समय रात 8:00 बजे कर दिया गया था, फिर उसे बदलकर रात 10:00 बजे किया गया. अभी भी दोनों शहरों में नाइट कर्फ्यू जारी है, पर इन तमाम कोशिशों और सख्ती के बावजूद बढ़ते संक्रमण पर काबू नहीं पाया जा सका है.

कोरोना महामारी

दूसरी लहर में लोग ज्यादा बेपरवाह

प्रदेश में कोविड-19 की दूसरी लहर में हर दिन 1500 से 1700 मरीज सामने आ रहे हैं. प्रशासन लोगों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करने, मास्क पहनने के लिए लगातार अभियान चला रहा है, पर लोगों की लापरवाही इन सब कोशिशों पर भारी पड़ रही है. पहले त्योहार का सीजन और अब शादी के सीजन के कारण लोग भीड़भाड़ वाली जगहों पर ज्यादा जा रहे हैं और वहां भी बिना किसी सोशल डिसडेंटिंग का पालन किये बेपरवाही से काम कर रहे हैं, जो कोरोना वायरस फैलने की मुख्य वजह बन रहा है.

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प्रतीकात्मक चित्र

पिछले 7 दिनों के आंकड़े

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह बात सामने आती है कि दिसंबर महीने की शुरूआत से ही 1300 से 1500 के बीच मरीज मिलने लगे हैं. इंदौर में 500 से ऊपर ही संक्रमण के मामले दर्ज किए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर राजधानी भोपाल में भी 260 से लेकर 350 तक के केस दर्ज हो रहे हैं. प्रदेश में पिछले 7 दिनों में कुल 9684 मामले दर्ज किए गए हैं, साथ ही डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या में भी कमी आई है. नवंबर के आखिरी दिनों में संक्रमण से ठीक होकर डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या 12091 थी तो वहीं एक दिसम्बर से लेकर 7 दिसंबर तक केवल 10925 संक्रमित मरीज ही ठीक हुए हैं.

केवल मौत के आंकड़ों में आयी कमी

इन 7 दिनों में यदि राहत की कोई बात रही तो ये है कि इस बीच संक्रमण से होने वाली मौतों में कमी देखने को मिली है. नवम्बर महीने के आखिरी 10 दिनों में मौत का आंकड़ा 122 था तो वहीं इन 7 दिनों में 87 संक्रमितों की मौत हुई है, पर यह अब भी स्पष्ट तौर पर नहीं कह सकते कि मौत कम हुई है क्योंकि यह आंकड़ा घटता बढ़ता रहता है.

आने वाले दिनों के लिए सावधानी जरूरी

स्वास्थ्य विभाग को यह साफ तौर पर पता है कि आने वाले दिनों में कोविड-19 के मामले बढ़ सकते हैं, इसलिए वह तैयारियों में जुटा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी समीक्षा बैठक में यह कह चुके हैं कि मामले घटते बढ़ते रहेंगे, पर सावधानी रखना बेहद जरूरी है. वहीं विशेषज्ञों की मानें तो ठंड बढ़ने के साथ ही स्थिति बिगड़ सकती है, इसलिए सावधानी रखना बेहद जरूरी है.

भोपाल की स्थिति

राजधानी भोपाल में भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, पिछले 7 दिनों का ट्रेंड यही रहा कि शहर में 260 से लेकर 350 मामले सामने आए हैं. बढ़ते मामलों को लेकर क्या व्यवस्था है, इस बारे में कलेक्टर अविनाश लवानिया का कहना है कि हमारी 46 फीवर क्लीनिक संचालित हो रहे हैं, जहां पर कोई भी व्यक्ति जाकर कोविड 19 का टेस्ट करवा सकता है, साथ ही लगातार समीक्षा कर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे पास पर्याप्त बिस्तर उपलब्ध है या नहीं. हालांकि मामले बढ़ रहे हैं, पर यह सुनिश्चित कर रहे कि हर एक मरीज को पर्याप्त इलाज मिले.

भोपाल। कोरोना वायरस की दूसरी लहर का असर मध्यप्रदेश में साफ तौर पर देखने को मिल रहा है, नवंबर महीने के आखिर में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ना शुरू हुए, जिसका सिलसिला अब भी जारी है. प्रदेश के दो हॉटस्पाट शहर इंदौर और भोपाल में कोरोना संक्रमण कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है. प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी हालात काबू से बाहर है. इन दोनों शहरों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बाजारों को बंद करने का समय रात 8:00 बजे कर दिया गया था, फिर उसे बदलकर रात 10:00 बजे किया गया. अभी भी दोनों शहरों में नाइट कर्फ्यू जारी है, पर इन तमाम कोशिशों और सख्ती के बावजूद बढ़ते संक्रमण पर काबू नहीं पाया जा सका है.

कोरोना महामारी

दूसरी लहर में लोग ज्यादा बेपरवाह

प्रदेश में कोविड-19 की दूसरी लहर में हर दिन 1500 से 1700 मरीज सामने आ रहे हैं. प्रशासन लोगों को कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करने, मास्क पहनने के लिए लगातार अभियान चला रहा है, पर लोगों की लापरवाही इन सब कोशिशों पर भारी पड़ रही है. पहले त्योहार का सीजन और अब शादी के सीजन के कारण लोग भीड़भाड़ वाली जगहों पर ज्यादा जा रहे हैं और वहां भी बिना किसी सोशल डिसडेंटिंग का पालन किये बेपरवाही से काम कर रहे हैं, जो कोरोना वायरस फैलने की मुख्य वजह बन रहा है.

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पिछले 7 दिनों के आंकड़े

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह बात सामने आती है कि दिसंबर महीने की शुरूआत से ही 1300 से 1500 के बीच मरीज मिलने लगे हैं. इंदौर में 500 से ऊपर ही संक्रमण के मामले दर्ज किए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर राजधानी भोपाल में भी 260 से लेकर 350 तक के केस दर्ज हो रहे हैं. प्रदेश में पिछले 7 दिनों में कुल 9684 मामले दर्ज किए गए हैं, साथ ही डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या में भी कमी आई है. नवंबर के आखिरी दिनों में संक्रमण से ठीक होकर डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या 12091 थी तो वहीं एक दिसम्बर से लेकर 7 दिसंबर तक केवल 10925 संक्रमित मरीज ही ठीक हुए हैं.

केवल मौत के आंकड़ों में आयी कमी

इन 7 दिनों में यदि राहत की कोई बात रही तो ये है कि इस बीच संक्रमण से होने वाली मौतों में कमी देखने को मिली है. नवम्बर महीने के आखिरी 10 दिनों में मौत का आंकड़ा 122 था तो वहीं इन 7 दिनों में 87 संक्रमितों की मौत हुई है, पर यह अब भी स्पष्ट तौर पर नहीं कह सकते कि मौत कम हुई है क्योंकि यह आंकड़ा घटता बढ़ता रहता है.

आने वाले दिनों के लिए सावधानी जरूरी

स्वास्थ्य विभाग को यह साफ तौर पर पता है कि आने वाले दिनों में कोविड-19 के मामले बढ़ सकते हैं, इसलिए वह तैयारियों में जुटा है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी समीक्षा बैठक में यह कह चुके हैं कि मामले घटते बढ़ते रहेंगे, पर सावधानी रखना बेहद जरूरी है. वहीं विशेषज्ञों की मानें तो ठंड बढ़ने के साथ ही स्थिति बिगड़ सकती है, इसलिए सावधानी रखना बेहद जरूरी है.

भोपाल की स्थिति

राजधानी भोपाल में भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, पिछले 7 दिनों का ट्रेंड यही रहा कि शहर में 260 से लेकर 350 मामले सामने आए हैं. बढ़ते मामलों को लेकर क्या व्यवस्था है, इस बारे में कलेक्टर अविनाश लवानिया का कहना है कि हमारी 46 फीवर क्लीनिक संचालित हो रहे हैं, जहां पर कोई भी व्यक्ति जाकर कोविड 19 का टेस्ट करवा सकता है, साथ ही लगातार समीक्षा कर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे पास पर्याप्त बिस्तर उपलब्ध है या नहीं. हालांकि मामले बढ़ रहे हैं, पर यह सुनिश्चित कर रहे कि हर एक मरीज को पर्याप्त इलाज मिले.

Last Updated : Dec 8, 2020, 7:54 PM IST
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