भोपाल। एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा कोरोना डरा तो रहा ही है. इस बार फिक्र बच्चों की बढ़ गई है. कोरोना वायरस के नये वैरियंट XBB.1.16 के अलग तरह के लक्षण बच्चों में दिखाई दे रहे हैं. खास बात ये है कि इस बार कोरोना का ये नया वैरियंट आंखों पर अटैक कर रहा है. छोटे बच्चों की आंखों पर काफी बुरा असर डाल रहे इस वैरिएंट के लक्षणों में बच्चों की आंखे लाल हो जाने के साथ उनमें तेज जलन है. कई बार आंखों से पानी भी आता है और चिपचिपा पदार्थ भी.
कोरोना के ये लक्षण एकदम नए हैं: कोरोना में आमतौर पर अब तक खांसी, जुकाम, बुखार, सांस लेने में तकलीफ उल्टी दस्त की शिकायत ही हो रही थी, लेकिन नया वैरियंट अपने साथ नए लक्षण भी लाया है. खासतौर पर बच्चों पर ये लक्षण घातक साबित हो रहे हैं. बच्चों की आंखे लाल होना और तेज जलन देखा जा रहा है. आंखों से पानी या फिर चिपचिपा पदार्थ निकलना भी लक्षण हैं. फिक्र की बात ये है कि बच्चे ज्यादा एहतियात भी नहीं रखते और दूसरी तरफ ये वैरियंट ओमिक्रोन से ज्यादा संक्रामक है. फिक्र ये भी है कि अगर बच्चों में इसका फैलाव शुरु हुआ तो कहां तक जाएगा. बाकी इस वैरियंट में वयस्कों में बुखार, गले में दर्द, खांसी जुकाम के साथ उल्टी दस्त के लक्षण आम हैं.
बच्चों में संक्रमण क्यों बढ़ा: सांस रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लोकेन्द्र दवे के मुताबिक इन दिनों कोविड और वायरल बुखार के कारण बच्चों में लाल आंखों की शिकायत आ रही है. कोरोना की पिछली लहरों में भी ये लक्षण दिखाई तो दिए थे, लेकिन इनकी संख्या कम थी. इस बार बच्चों में सबसे ज्यादा आंखें लाल होने और जलन होने के मामले आ रहे हैं. आंखे लाल होने का मुख्य कारण कोविड और वायरल फीवर ही है. इसके लिए फ्लू को अगर मैनेज किया जाए, टेंपरेचर कम रखा जाए, समय पर दवाई दी जाए तो इसका समाधान हो सकता है.
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कोरोना में भी आंखे लाल होने के मामले: कोविड सलाहकार समिति के अध्यक्ष एसपी दुबे के मुताबिक बच्चों में आंखों का लाल होना, आंसू निकलना और कीचड़ जमने का एक कारण नाक से आंख तक पहुंचने वाली एक नस में सूजन का आना भी होता है. दरअसल जब हम रोते हैं तो नाक से भी पानी निकलता है, यह वही नस होती है. जो दोनों को जोड़ कर रखती है. इसलिए जब बच्चों को सर्दी जुकाम आदि होता है तो इस वजह से इस नस में सूजन आ जाती है. इस सूजन के कारण आंख से पानी आना, आंखों का लाल होना और आंखों में कीचड़ जमना मुख्य कारण है. फिलहाल कोविड में भी यह होता है, लेकिन जिन बच्चों को इनफ्लुएंजा, या मौसमी वायरल बुखार हो रहा है, उनमें भी सबसे ज्यादा इस तरह के केस आ रहे हैं. इसके इलाज के लिए कुछ टेबलेट आती है. जो नसों की सूजन को कम करती है. साथ ही नाक के लिए एक स्प्रे आता है. जो छोटे बच्चों को डालने से नाक की वह सूजन कम कर देता है और वह खुल जाती है.