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राजधानी में कोरोना हुआ कमजोर, सैंपल पेंडेंसी को लेकर सीएमएचओ ने दिया ये जवाब - भोपाल में कोरोना कमजोर

राजधानी भोपाल में कोरोना का कहर धीरे-धीरे कमजोर पड़ता जा रहा है, लेकिन इस बीच बड़ी संख्या में कोरोना सैंपल पेंडिंग होने की खबर आई थी, जिसको लेकर सीएमएचओ ने कहा कि, अब लंबित कोरोना रिपोर्ट न के बराबर हैं.

corona virus becoming weak
कोरोना संक्रमण पड़ रहा कमजोर
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Published : Oct 18, 2020, 12:15 PM IST

भोपाल। राजधानी में कोरोना संक्रमण के मामलों में अब धीरे-धीरे कमी नजर आ रही है. रोजाना आने वाले संक्रमितों की संख्या 200 से 250 के बीच सिमट कर रह गई है, जो प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग के लिए राहत भरी खबर है, लेकिन इसी बीच खबर आई थी कि कोरोना सैंपल बड़ी संख्या में पेंडिंग पाए जा रहे हैं, जिसकी वजह से लोगों को अपनी रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.

कोरोना संक्रमण पड़ रहा कमजोर

पढ़े: भोपाल में मिले 274 नए कोरोना पॉजिटिव, आंकड़ा 15 हजार के पार

इस बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर प्रभाकर तिवारी का कहना है कि, चूंकि शहर में 3 तरीके से कोरोना सैंपल की जांच की जा रही है, जिसमें रैपिड एंटीजन, सीबी नेट, ट्रू नेट और आरटी-पीसीआर शामिल है.

पढ़े: रतलाम में नहीं थम रहा कोरोना का कहर, 1200 के करीब पहुंचा संक्रमितों आंकड़ा


उन्होंने कहा कि, रैपिड एंटीजन से की जाने वाली जांच रिपोर्ट 20 मिनट में आ जाती है. वहीं ट्रू नेट और सीबी नेट की जांच रिपोर्ट 2 घंटे में आती है. हालांकि आधिकारिक लिस्ट बनाने में समय लगता है, जिसके चलते मरीज को 24 घंटे के अंदर पॉजिटिव या नेगेटिव होने की रिपोर्ट प्राप्त होती है. इसी तरह आरटी-पीसीआर की जांच रिपोर्ट देरी से होती है, क्योंकि शहर में कई स्थानों पर इसके सैंपल लिए जाते हैं, जिन्हें लैब्स में जांच के लिए भेजा जाता है, जिसके चलते रिपोर्ट आने में 24 से 30 घंटे का समय लग जाता है. वहीं अगर जांच में पेंडेंसी की बात करें, तो अभी लंबित रिपोर्ट न के बराबर है. उन्होंने कहा कि, स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार 11 अक्टूबर से लेकर 16 अक्टूबर 2020 तक कुल 8 सैम्पल की रिपोर्ट अपडेट की गई है.

भोपाल। राजधानी में कोरोना संक्रमण के मामलों में अब धीरे-धीरे कमी नजर आ रही है. रोजाना आने वाले संक्रमितों की संख्या 200 से 250 के बीच सिमट कर रह गई है, जो प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग के लिए राहत भरी खबर है, लेकिन इसी बीच खबर आई थी कि कोरोना सैंपल बड़ी संख्या में पेंडिंग पाए जा रहे हैं, जिसकी वजह से लोगों को अपनी रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.

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इस बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर प्रभाकर तिवारी का कहना है कि, चूंकि शहर में 3 तरीके से कोरोना सैंपल की जांच की जा रही है, जिसमें रैपिड एंटीजन, सीबी नेट, ट्रू नेट और आरटी-पीसीआर शामिल है.

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उन्होंने कहा कि, रैपिड एंटीजन से की जाने वाली जांच रिपोर्ट 20 मिनट में आ जाती है. वहीं ट्रू नेट और सीबी नेट की जांच रिपोर्ट 2 घंटे में आती है. हालांकि आधिकारिक लिस्ट बनाने में समय लगता है, जिसके चलते मरीज को 24 घंटे के अंदर पॉजिटिव या नेगेटिव होने की रिपोर्ट प्राप्त होती है. इसी तरह आरटी-पीसीआर की जांच रिपोर्ट देरी से होती है, क्योंकि शहर में कई स्थानों पर इसके सैंपल लिए जाते हैं, जिन्हें लैब्स में जांच के लिए भेजा जाता है, जिसके चलते रिपोर्ट आने में 24 से 30 घंटे का समय लग जाता है. वहीं अगर जांच में पेंडेंसी की बात करें, तो अभी लंबित रिपोर्ट न के बराबर है. उन्होंने कहा कि, स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार 11 अक्टूबर से लेकर 16 अक्टूबर 2020 तक कुल 8 सैम्पल की रिपोर्ट अपडेट की गई है.

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