भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस संक्रमण ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है. पिछले 7 दिनों में संक्रमण के नए मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है. बढ़ते हुए संक्रमण के मामले अब स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय बन गए हैं. संक्रमण को रोकने के लिए अब नाइट कर्फ्यू भी लगाया गया है, लेकिन इसी रफ्तार से मामले बढ़ते रहे तो शहर के कोविड-19 सेंटरों में बिस्तरों को लेकर अव्यवस्था हो सकती है. यह स्थिति खास तौर पर शहर के 3 सरकारी और एक अनुबंधित अस्पताल में हो सकती है. हालांकि शहर में संक्रमण की बिगड़ती स्थिति से प्रशासन भी भलीभांति परिचित है और नई योजना बनाने में जुटा हुआ है.
पर्याप्त व्यवस्था को लेकर प्रशासान का दावा
शहर में बढ़ रहे कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए प्रशासन की क्या तैयारी है. इस बारे में भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया का कहना है कि शहर में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. हालांकि अस्पतालों ने बिस्तरों को लेकर हमारी स्थिति है वह ठीक है. प्रशासन की माने तो हमारे पास पर्याप्त बिस्तर है और हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी संक्रमितों को इलाज की सही व्यवस्था मिले, पर यह भी जरूरी है कि अब कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जाए. मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को सख्ती से पालन कराने के लिए काम किया जा रहा है.
शहर में कोविड सेंटर्स
क्या शहर में और भी कोविड सेंटर बनाएं जाएंगे. इस पर कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि यह हमारी सतत मॉनिटरिंग का हिस्सा है, हम लोग रोजाना ही अपनी क्षमता को असिस्ट करते हैं. अगर हमें यह लगता है कि बिस्तरों की हमारी क्षमता में कमी है तो उसके हिसाब से हम उसे बढ़ाएंगे. पहले हमारे पास ज्यादा क्षमता और सेंटर्स रहे हैं, इसलिए वह स्थान हमारे पास उपलब्ध हैं. अगर स्थिति बिगड़ती है तो उनका फिर से इस्तेमाल कर क्षमता बढ़ा सकते हैं. इसके साथ ही हमने व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक कर सभी शासकीय और निजी अस्पतालों को यह निर्देश दिए हैं कि वह कोरोना से आगे की लड़ाई के लिए तैयार रहे. आईसीयू, ऑक्सीजन सप्लाई और वेंटिलेटर की उचित व्यवस्था रखें.
शहर में कोरोना की स्थिति
राजधानी भोपाल में अब रोजाना ही 300 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. कल तक शहर में कुल 29,701 संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. जिनमें से 26,872 संक्रमित पूरी तरह ठीक हो चुके हैं. जबकि 506 संक्रमितों की मौत हो चुकी है. वहीं एम्स भोपाल, हमीदिया अस्पताल, जिला अस्पताल जेपी और चिरायु अस्पताल में कोविड 19 का इलाज मुफ्त में किया जा रहा है. इसके अलावा करीब 60 निजी अस्पतालों में भी इलाज की व्यवस्था है. जहां मरीज को शुल्क देना पड़ता है.