भोपाल। कोरोना संक्रमण के बीच देशभर में लॉकडाउन अब पूरी तरह से खत्म हो चुका है. प्रदेश के सभी बाजार पूरी तरह से खुल चुके हैं. ऐसे में लोगों की जिंदगी एक बार फिर से पटरी पर लौटती नजर आ रही है. भोपाल के चौक चौराहों में सामान्य दिनों की तरह भीड़ उमड़ने लगी है. लोग पहले की तरह खरीदारी करने बाजारों में निकल रहे हैं. इसके साथ ही स्ट्रीट फूड पर भी लोगों की भीड़ देखने को मिल रही है. राजधानी के प्रमुख बाजार में लोगों की रौनक एक बार फिर लौटने लगी है. हालांकि कोरोना संक्रमण का खतरा अभी भी बरकरार है. कोरोना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. कभी पहले 20 से 30 मामले कोरोना के आते थे लेकिन अब कोरोना के मामले हर दिन 200 से 300 की संख्या में सामने आ रहे हैं.
टला नहीं है कोरोना का खतरा
घर से बाहर निकलने पर लोगों का कहना है कि जब वे अपने घर से बाहर निकलते हैं. तो मास्क और सेनिटाइजर लेकर ही निकलते है. आम लोगों का कहना है कि कोरोना को लेकर डर तो है. इसलिए लोग यह भी मानते हैं कि जब किसी को कोई काम नहीं है तो बाजार निकलना ही क्यों है. घर में रहना ज्यादा सुरक्षित है. आम लोग मानते हैं कि यदि लोग नियमित मास्क लगाएं और जरुरत के हिसाब से बाहर निकले वो भी पूरी सुरक्षा के साथ तो एक दिन कोरोना खत्म हो जाएगा.
एक अन्य महिला ने कहा कि यदि लोग कोरोना के मामले को बेशक आसान ले रहे हो लेकिन अभी तक कोरोना का खतरा टला नहीं है. महिला का कहना है कि जब लॉकडाउन लगा था तो लोग सुरक्षा का ख्याल रखते थे लेकिन अनलॉक होते ही लोग कोरोना को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं.
जनप्रतिनिधि नहीं कोरोना को लेकर संजीदा
डॉक्टर केके पालीवाल ने कहा कि जनता तो कोरोना को लेकर सुरक्षा बरत रही है. लेकिन जनप्रतिनिधि कोरोना को लेकर जरा भी संजीदा दिखाई नहीं दे रहे हैं. डॉक्टर पालीवाल ने कहा कि कोई भी प्रतिष्ठ राजनेता बिना मास्क के बयान देगा तो इससे उनके समर्थकों में उसी प्रकार का संदेश जाएगा. क्योंकि वो उनके प्रशंसक होते हैं उनके फॉलोअर होते हैं. डॉक्टर ने घर से बाहर निकलने वालों को सलाह देते हुए कहा कि पर्याप्त स्वच्छता और सुरक्षा बनाए रखने के लिए आम लोग एक अच्छा मास्क पहने.
बेवजह घूमने वालों पर निगरानी
भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि गृह विभाग की ओर से जो गाइडलाइन जारी की गई है. उसके तहत ही जिला प्रसाशन ने आदेश जारी किए हैं. जिसके तहत शाम 8 बजे तक सभी दुकानें बंद करने के निर्देश हैं. इसके अलावा अगर किसी को बहुत ही जरुरी काम है तभी बाहर घर से बाहर निकले. इसके साथ ही अनावश्यक बाहर घूमने की अनुमति नहीं है साथ ही जो खाने-पीने की दुकानें हैं, उन्हें भी 8 बजे के बाद बंद करने के आदेश हैं ओर जो लोग आमजनों को रात 10:30 बजे के बाद बाहर घूमने की अनुमति नहीं है.
अब देखना है कि एक ओर तो आम लोग बेवजह घरों से बाहर निकलने पर आम राय रख रहे हैं कि काम होने पर घर से बाजार निकला जाए. दूसरी तरह डॉक्टर भी लोगों को अच्छे मास्क के प्रयोग पर जोर दे रहे हैं. ताकि बाहर निकलने पर अपने आप को कोरोना से सुरक्षित रखा जा सके. इसके साथ ही जिला प्रशासन बाहर घूम रहे लोगों पर कड़ी निगरानी रख रहा है ताकि बाहर घूमने वालों को समझाइश देकर उन्हें घर में रहने की सलाह दें सके.
नाकाफी हुए जागरूकता अभियान
राजधानी के शॉपिंग मॉल्स, होटल्स, कपड़ा बाजार, स्ट्रीट फूड, ट्रैफिक सिग्नल हर जगह सैकड़ों की संख्या में लोग दिखाई दे रहे हैं. कोरोना के शुरुआती दिनों में राजधानी में कोरोना से जागरूक करने के लिए तमाम अभियान चलाए गए, लोगों को घरों से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई है.
कई तरह के जागरूकता अभियान चलाए गए लेकिन अब जब कोरोना के मामले इतनी तेज़ी से बढ़ रहे हैं तब न तो कोई जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ओर ना ही अनावश्यक बाहर घूमने वाले लोगों पर कोई लगाम लगाई जा रही है.