चंदा रे...ये एक फिल्मी गाने के शुरुआती बोल हैं. गाना हिट था. अब मध्यप्रदेश की राजनीति में यही गाना चंदा रे खूब बज रहा है. राजनीति की धुन में मस्त बड़े बड़े नेता इसी 'चंदा रे' का राग आलाप रहे हैं. छुटभैया नेता से लेकर राजनीति के सिंहासन पर बैठे राजा-मंत्री सब 'चंदा रे' की धुन पर नाच रहे हैं.
भव्य राम मंदिर के लिए 'चंदा रे'
अयोध्या के राजा रहे भगवान श्री राम अयोध्या में एक भव्य आशियाने के इंतजार में हैं. श्रीराम के भव्य घर यानि राम मंदिर के लिए देशभर में चंदा इकट्ठा किया जा रहा है. मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम मंदिर निर्माण ट्रस्ट ने एक अभियान चलाया है. 27 फऱवरी तक घर घर जाकर दान मांग रहे हैं. ताकि भगवान श्रीराम को रहने के लिए भव्य घर मिल सके.
दिन में चंदा, रात में मयखाना !
अनुमान है किअयोध्या में भव्य राम मंदिर के लिए अब तक करोड़ों का चंदा मिल चुका होगा. लेकिन सार्वजनिक रूप से ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई, कि अब तक चंदे के रूप में कितना धन आ चुका है. और ये धन अभी किसके पास है . कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया के मन में यही सवाल आया होगा. सो उन्होंने झट से ये सवाल पूछ लिया, लेकिन अंदाज अलग था. यूं भी सरल और सीधी भाषा में बिना घुमाए नेता अपनी बात कह दे, तो फिर वो नेता कैसा . बड़बोलापन आज-कल की नेतागिरी का महत्वपूर्ण आभूषण होता है. सो उन्होंने रौ में बहकर बीजेपी पर ही आरोप मढ़ दिया. कि कुछ लोग अपनी मनमर्जी से चंदे के नाम पर वसूली कर रहे हैं. दिन में चंदा इकट्ठा करते हैं, रात को नदी किनारे मयखाना बना लेते हैं.
चंदे पर सवाल उठाने वाले 'असुर' !
सत्ताधारियों पर तीखे जुबानी बाण चलें. और पलटवार ना हो, ऐसा हो नहीं सकता. इस बार भी राज्य की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे वहीं गृहमंत्री सामने आए, जो मुरैना शराब कांड के बाद राज्य में शराब की कम दुकानों का रोना रो रहे थे. पिछली बार शराब की कम दुकानों का बहाना उलटा पड़ गया था. लेकिन इस बार गृह मंत्री जुबान पैनी करके आए थे. बड़ा दिल दिखाया. कांग्रेस विधायक भूरिया को अपने हमलों से बख्श दिया. और जुबानी तीर का रुख 'दिग्गी राजा' की ओर कर दिया. गृह मंत्री बोले-भूरिया साहब की क्या गलती. वे तो 'दिग्गी राजा' के चेले हैं. जैसा 'राजा साहब' बोलते हैं. विधायक जी की जुबान भी उसी को रट लेती है. सवाल पूछने वालों को उन्होंने असुर तक की संज्ञा दे डाली.
किस खाते में चंदा, कोई तो बताए ..
बात दिग्गी राजा की चली है, तो सब जानते हैं कि वो बीजेपी की विचारधारा पर किस तरह टूट पड़ते हैं. राम मंदिर के लिए चंदा उन्होंने भी दिया, और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से ज्यादा चंदा देने का दावा भी किया. चंदा तो दिया, साथ ही बीजेपी को लपेट लिया . उन्होंने पूछा या यूं कहें कि आरोप लगाया..कि कुछ लोग फरसी, भाला, डंडा लेकर घर घर जाकर उगाही कर रहे हैं. वे लोग कौन हैं. किसी को पता नहीं. चंदा लोग भगवान राम के नाम पर दे रहे हैं. लेकिन पैसा किसके खाते में जा रहा है. कोई तो बताए.
सारंग का 'विश्वास'...नो चैलेंज
चंदा रे की धुन पर जब सभी दिग्गज डोल रहे हों, तो चिकित्सा शिक्षा मंत्री क्यों मौका चूकें. सारंग जी ने पूरे 'विश्वास' के साथ दावा किया कि कांग्रेसियों का तो इतिहास ही ऐसा है. मंत्री जी ने पुराने सभी किस्से और कहानियां सुना डाली. उनका कहने का भावार्थ यही था, कि चंदे पर सवाल पूछने वाले राम विरोधी हैं और हम राम के सबसे बड़े भक्त.हमें कोई कैसे चैलेज कर सकता है.
ऊपर वाला भी सब देख रहा है...
सूत्रों के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 लाख से ज्यादा गाांवों में 12 करोड़ से ज्यादा परिवारों से संपर्क साधा जाएगा. इतना बड़ा अभियान है. इतना बड़ा देश है. इतने सारे नेता हैं. बयानबाजी कैसे नहीं होगी. फिलहार चंदा रे की धुन पर नेताओं के अदले बदले सुर जनता के बीच खूब लोकप्रिय हो रहे हैं. कौन सच बोल रहा, कौन झूठ. ये फैसला जनता को करने दें. लेकिन, ऊपर वाला भी सब देख रहा है.