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MP में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने NHM मुख्यालय का किया घेराव, नियमितीकरण की मांग

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही विरोध प्रदर्शन की खबरें सामने आने लगती हैं. प्रदेश में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने राजधानी भोपाल में एनएचएम कार्यालय का घेराव किया. साथ ही मांगे पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी.

contract health workers strike
संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल
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Published : May 1, 2023, 7:04 PM IST

संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल

भोपाल। नियमितीकरण की मांग को लेकर एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने भोपाल स्थित एनएचएम कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान यह सभी एनएचएम के बाहर धरने पर बैठ गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे. इनका कहना है कि सरकार ने इन्हें नियमित करने का आश्वासन दिया था. बावजूद इसके अभी तक इन्हें नियमित नहीं किया गया है. ऐसे में अब यह आंदोलन सड़कों पर होगा.

सीएम ने किया था वादा: 18 अप्रैल से अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के 32000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं. 2013 से लगातार अपनी मुख्य मांगों को लेकर शासन प्रशासन से मांग कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी शासन का इनकी और ध्यान नहीं है. ऐसे में 1 मई मजदूर दिवस को प्रदेश भर से आए एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने एनएचएम मुख्यालय का घेराव कर दिया. इसमें महिला कर्मचारी भी बड़ी संख्या में शामिल रहीं. इनका कहना है कि 2018 में भी 42 दिन की हड़ताल की गई थी. उस दौरान मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया था की संविदा एक शोषण व अन्याय पूर्ण व्यवस्था है, इसे समाप्त किया जाएगा.

आंदोलन की चेतावनी: 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा एक नीति पारित की गई थी. रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष 90% वेतनमान दिया जाए, लेकिन एनएचएम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को उस नीति का लाभ आज दिनांक तक नहीं दिया गया है. वह सिर्फ घोषणा बनकर रह गई है. अभी कुछ माह पहले 15 दिसंबर से 3 जनवरी तक अनिश्चितकालीन हड़ताल की गई थी. उस दौरान भी स्वास्थ्य मंत्री ने 1 माह के भीतर मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन आज दिनांक तक पूरा नहीं किया गया. हर बार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ सरकार द्वारा वादाखिलाफी की जा रही है. वहीं महिला कर्मचारियों का कहना है कि एक और मुख्यमंत्री लाडली बहनों की बात करते हैं. वहीं दूसरी और उनकी लाडली बहना नियमितीकरण की मांग को लेकर सड़कों पर बैठे हुए हैं. यह सभी परिवार और बच्चों को छोड़कर यहां प्रदर्शन में हैं, ऐसे में इनकी सुनने वाला कौन है. प्रदेश के 32000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में लगातार आक्रोश बढ़ रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि अब भी शासन प्रशासन द्वारा मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तो आने वाले दिनों में मंत्रियों के बंगले पर जाकर अपनी बात रखेंगे. आमरण अनशन या भोपाल भरो आंदोलन किया जाएगा.

कुछ खबरें यहां पढ़ें

प्रमुख मांगे

  1. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए. अन्य कर्मचारियों को 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पारित की गई नीति रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष 90% वेतनमान तत्काल लागू किया जाए एवं सी एचओ कैडर को MLHP तहत नियमित किया जाए.
  2. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से हटाकर प्रथा सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों को पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए. विभाग में रिक्त पदों पर समायोजन किया जाए. निष्कासित कर्मचारियों को सत प्रतिशत वापस लिया जाए.
  3. 15 दिसंबर से 3 जनवरी तक की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान जिन कर्मचारियों पर पुलिस प्रकरण दर्ज किए गए हैं, उन्हें तत्काल वापस लिया जाए.

संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल

भोपाल। नियमितीकरण की मांग को लेकर एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने भोपाल स्थित एनएचएम कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान यह सभी एनएचएम के बाहर धरने पर बैठ गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे. इनका कहना है कि सरकार ने इन्हें नियमित करने का आश्वासन दिया था. बावजूद इसके अभी तक इन्हें नियमित नहीं किया गया है. ऐसे में अब यह आंदोलन सड़कों पर होगा.

सीएम ने किया था वादा: 18 अप्रैल से अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के 32000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं. 2013 से लगातार अपनी मुख्य मांगों को लेकर शासन प्रशासन से मांग कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी शासन का इनकी और ध्यान नहीं है. ऐसे में 1 मई मजदूर दिवस को प्रदेश भर से आए एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने एनएचएम मुख्यालय का घेराव कर दिया. इसमें महिला कर्मचारी भी बड़ी संख्या में शामिल रहीं. इनका कहना है कि 2018 में भी 42 दिन की हड़ताल की गई थी. उस दौरान मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया था की संविदा एक शोषण व अन्याय पूर्ण व्यवस्था है, इसे समाप्त किया जाएगा.

आंदोलन की चेतावनी: 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा एक नीति पारित की गई थी. रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष 90% वेतनमान दिया जाए, लेकिन एनएचएम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को उस नीति का लाभ आज दिनांक तक नहीं दिया गया है. वह सिर्फ घोषणा बनकर रह गई है. अभी कुछ माह पहले 15 दिसंबर से 3 जनवरी तक अनिश्चितकालीन हड़ताल की गई थी. उस दौरान भी स्वास्थ्य मंत्री ने 1 माह के भीतर मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन आज दिनांक तक पूरा नहीं किया गया. हर बार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ सरकार द्वारा वादाखिलाफी की जा रही है. वहीं महिला कर्मचारियों का कहना है कि एक और मुख्यमंत्री लाडली बहनों की बात करते हैं. वहीं दूसरी और उनकी लाडली बहना नियमितीकरण की मांग को लेकर सड़कों पर बैठे हुए हैं. यह सभी परिवार और बच्चों को छोड़कर यहां प्रदर्शन में हैं, ऐसे में इनकी सुनने वाला कौन है. प्रदेश के 32000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों में लगातार आक्रोश बढ़ रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि अब भी शासन प्रशासन द्वारा मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तो आने वाले दिनों में मंत्रियों के बंगले पर जाकर अपनी बात रखेंगे. आमरण अनशन या भोपाल भरो आंदोलन किया जाएगा.

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प्रमुख मांगे

  1. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए. अन्य कर्मचारियों को 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पारित की गई नीति रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष 90% वेतनमान तत्काल लागू किया जाए एवं सी एचओ कैडर को MLHP तहत नियमित किया जाए.
  2. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से हटाकर प्रथा सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों को पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए. विभाग में रिक्त पदों पर समायोजन किया जाए. निष्कासित कर्मचारियों को सत प्रतिशत वापस लिया जाए.
  3. 15 दिसंबर से 3 जनवरी तक की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान जिन कर्मचारियों पर पुलिस प्रकरण दर्ज किए गए हैं, उन्हें तत्काल वापस लिया जाए.
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