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संविदा कर्मचारियों को जल्द मिल सकती है खुशखबरी, मिलेगी नियमितीकरण की सौगात

विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण की प्रक्रिया में जुट गए हैं.

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कमलनाथ के निर्देश पर संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण में जुटे कर्मचारी
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Published : Feb 5, 2020, 2:24 PM IST

Updated : Feb 5, 2020, 2:29 PM IST

भोपाल। मप्र के संविदा कर्मचारियों को जल्द खुशखबरी मिल सकती है. दरअसल विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण की प्रक्रिया में जुट गया है. दरअसल राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग का गठन होते ही तय किया गया था कि, कर्मचारियों से संबंधित सभी मामलों में राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग सरकार को सिफारिश करेगा और सरकार उसी के आधार पर निर्णय लेगी.

कमलनाथ के निर्देश पर संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण में जुटे कर्मचारी

संविदा कर्मचारियों को लेकर मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता को देखते हुए कर्मचारी कल्याण आयोग ने सभी विभागों से संविदा कर्मचारियों के मामले में जानकारी मांगी है और जानकारी प्राप्त होते ही नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी. जिन विभागों में संविदा कर्मचारी नियमित पद के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं, उनको नियमित किया जाएगा और जिन विभागों में पद खाली नहीं हैं उन्हें नियमित कर्मचारियों का 90 फ़ीसदी वेतन दिया जाएगा.

इस सिलसिले में मध्य प्रदेश संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि, जब आयोग का गठन हुआ उसी समय सबसे पहले मध्य प्रदेश संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग के अध्यक्ष अजय नाथ सिंह और सदस्य वीरेंद्र खोंगल से मिला था. उन्हें अवगत कराया गया कि पिछले कई सालों से संविदा कर्मचारी नियमित कर्मचारियों के समान और उनसे अधिक काम कर रहे हैं, हजारों कर्मचारी ऐसे हैं, जो नियमित पद के विरुद्ध काम कर रहे हैं और कई विभागों में हजारों पद खाली पड़े हुए हैं. सभी कर्मचारी संविदा चयन परीक्षा और पारदर्शी तरीके से नियुक्त किए गए हैं, जिसके बाद राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग ने सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया था.

इस मामले में राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग के सदस्य वीरेंद्र खोंगल का कहना है कि कमलनाथ जब से मुख्यमंत्री बने हैं. तब से वह संविदा कर्मचारी के बारे में बहुत ज्यादा चिंतित हैं. जिसके बाद उन्होंने सभी को निर्देश दिए हैं कि संविदा कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाया जाए. वहीं आयोग के अध्यक्ष अजय नाथ सिंह भी इस मामले में काफी संवेदनशील हैं उन्होंने पदभार ग्रहण करने के पहले ही मध्य प्रदेश के सभी विभागों में कितने संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं, कब से कार्यरत है और किस विभाग में कितने पद स्वीकृत हैं. सभी विभागों से 18 से 20 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है.

भोपाल। मप्र के संविदा कर्मचारियों को जल्द खुशखबरी मिल सकती है. दरअसल विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण की प्रक्रिया में जुट गया है. दरअसल राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग का गठन होते ही तय किया गया था कि, कर्मचारियों से संबंधित सभी मामलों में राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग सरकार को सिफारिश करेगा और सरकार उसी के आधार पर निर्णय लेगी.

कमलनाथ के निर्देश पर संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण में जुटे कर्मचारी

संविदा कर्मचारियों को लेकर मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता को देखते हुए कर्मचारी कल्याण आयोग ने सभी विभागों से संविदा कर्मचारियों के मामले में जानकारी मांगी है और जानकारी प्राप्त होते ही नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी. जिन विभागों में संविदा कर्मचारी नियमित पद के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं, उनको नियमित किया जाएगा और जिन विभागों में पद खाली नहीं हैं उन्हें नियमित कर्मचारियों का 90 फ़ीसदी वेतन दिया जाएगा.

इस सिलसिले में मध्य प्रदेश संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि, जब आयोग का गठन हुआ उसी समय सबसे पहले मध्य प्रदेश संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग के अध्यक्ष अजय नाथ सिंह और सदस्य वीरेंद्र खोंगल से मिला था. उन्हें अवगत कराया गया कि पिछले कई सालों से संविदा कर्मचारी नियमित कर्मचारियों के समान और उनसे अधिक काम कर रहे हैं, हजारों कर्मचारी ऐसे हैं, जो नियमित पद के विरुद्ध काम कर रहे हैं और कई विभागों में हजारों पद खाली पड़े हुए हैं. सभी कर्मचारी संविदा चयन परीक्षा और पारदर्शी तरीके से नियुक्त किए गए हैं, जिसके बाद राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग ने सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया था.

इस मामले में राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग के सदस्य वीरेंद्र खोंगल का कहना है कि कमलनाथ जब से मुख्यमंत्री बने हैं. तब से वह संविदा कर्मचारी के बारे में बहुत ज्यादा चिंतित हैं. जिसके बाद उन्होंने सभी को निर्देश दिए हैं कि संविदा कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाया जाए. वहीं आयोग के अध्यक्ष अजय नाथ सिंह भी इस मामले में काफी संवेदनशील हैं उन्होंने पदभार ग्रहण करने के पहले ही मध्य प्रदेश के सभी विभागों में कितने संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं, कब से कार्यरत है और किस विभाग में कितने पद स्वीकृत हैं. सभी विभागों से 18 से 20 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है.

Intro:भोपाल। मप्र के संविदा कर्मचारियों के लिए जल्द खुशखबरी मिल सकती है। दरअसल विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का वादा किया था। मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण की प्रक्रिया में जुट गया है। दरअसल राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग का गठन होते ही तय किया गया था कि कर्मचारियों से संबंधित सभी मामलों में राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग सरकार को सिफारिश करेगा और सरकार उसी के आधार पर निर्णय लेगी। संविदा कर्मचारियों को लेकर मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता को देखते हुए कर्मचारी कल्याण आयोग ने सभी विभागों से संविदा कर्मचारियों के मामले में जानकारी मांगी है। जानकारी प्राप्त होते ही नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। जिन विभागों में संविदा कर्मचारी नियमित पद के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं। उनको नियमित किया जाएगा और जिन विभागों में पद खाली नहीं है। उन्हें नियमित कर्मचारियों का 90 फ़ीसदी वेतन दिया जाएगा।


Body:दरअसल कमलनाथ सरकार ने जैसे ही राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग का गठन किया था। तो मध्य प्रदेश के संविदा अधिकारी कर्मचारियों का महासंघ कर्मचारी कल्याण आयोग के अध्यक्ष अजय नाथ सिंह से मिला और वचन पत्र के अनुसार संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग की थी।इस सिलसिले में मध्य प्रदेश संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि जब आयोग का गठन हुआ,उसी समय सबसे पहले मध्य प्रदेश संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग के अध्यक्ष अजय नाथ सिंह और सदस्य वीरेंद्र खोंगल से मिला था। उन्हें अवगत कराया गया कि पिछले कई सालों से संविदा कर्मचारी नियमित कर्मचारियों के समान और उनसे अधिक काम कर रहे हैं। हजारों कर्मचारी ऐसे हैं, जो नियमित पद के विरुद्ध काम कर रहे हैं।कई विभागों में हजारों पद खाली पड़े हुए हैं। सभी कर्मचारी संविदा चयन परीक्षा और पारदर्शी तरीके से नियुक्त किए गए हैं।तब राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग ने सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया था।


Conclusion:इस मामले में राज्य कर्मचारी कल्याण आयोग के सदस्य वीरेंद्र खोंगल का कहना है कि कमलनाथ जब से मुख्यमंत्री बने हैं।तब से वह संविदा कर्मचारी के बारे में बहुत ज्यादा चिंतित हैं। उन्होंने हमें भी निर्देश दिया है कि संविदा कर्मचारियों के बारे में संवेदनशील रवैया अपनाना चाहिए। आयोग के अध्यक्ष अजय नाथ सिंह इस मामले में काफी संवेदनशील है।उन्होंने पदभार ग्रहण करने के पहले ही मध्य प्रदेश के सभी विभागों में कितने संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं, कब से कार्यरत है और किस विभाग में कितने पद स्वीकृत हैं।सभी विभागों से 18 से 20 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि विभागों में पद रिक्त हैं और उन पदों के विरुद्ध संविदा कर्मचारी काम कर रहे हैं। तो उनकी सेवा नियमित की जाएगी।इसके अलावा जो बच जाएंगे, उन्हें राज्य सरकार की नीति के तहत नियमित कर्मचारियों का 90% वेतन दिया जाएगा।
Last Updated : Feb 5, 2020, 2:29 PM IST
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