भोपाल। महाराष्ट्र के बाद अब मध्यप्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना पढ़ना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके लिए कमलनाथ सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया है. सर्कुलर में कहा गया है कि प्रदेश के समस्त शासकीय विद्यालयों में शनिवार के दिन संविधान की प्रस्तावना पढ़ना जरूरी होगा.
संविधान की उद्देशिका का वाचन प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में प्रार्थना के बाद किया जाएगा, जबकि हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य बाल सभा के दौरान संविधान की उद्देशिका का वाचन किया जाएगा. स्कूल शिक्षा विभाग ने इसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारियों का आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार सप्ताह में हर शनिवार को संविधान का उद्देशिक वाचन किया जाएगा. इसका मकसद है नई पीढ़ी में संविधान के बारे में जानकारी पहुंचे.
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मध्यप्रदेश: राज्य शासन द्वारा प्रदेश के समस्त शासकीय विद्यालयों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन प्रति सप्ताह शनिवार को कराए जाने के निर्देश जारी किए हैं। pic.twitter.com/jMFwzGB0oZ
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— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 22, 2020मध्यप्रदेश: राज्य शासन द्वारा प्रदेश के समस्त शासकीय विद्यालयों में संविधान की प्रस्तावना का वाचन प्रति सप्ताह शनिवार को कराए जाने के निर्देश जारी किए हैं। pic.twitter.com/jMFwzGB0oZ
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शिक्षा विभाग के इस फैसले पर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में आजादी की लड़ाई लड़ी और अंग्रेजों को भगाया. लेकिन संविधान से जिस तरीके से छेड़छाड़ की जा रही है सरकार द्वारा उसे रोकने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है. बच्चों को संविधान के बारे में पढ़ाया जाएगा तो उनके मन मस्तिष्क में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल के बेस्ट संविधान की जानकारी होगी तो कोई संविधान को हाथ नहीं लगा पाएगा.