भोपाल। मध्यप्रदेश की 1956 में स्थापना के बाद से अब तक प्रदेश में 27 मुख्यमंत्री रह चुके हैं. प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ला थे. इन 27 मुख्यमंत्रियों में से 14 अब इस दुनिया में नहीं हैं. प्रदेश को विकास की दिशा में आगे बढ़ाने वाले ऐसे मुख्यमंत्रियों से जनता रूबरू हो सके, इसके लिए राज्य मंत्रालय के वल्लभ भाई पटेल पार्क में इनका प्रतिमा लगाई जा रही हैं. लेकिन इससे पहले सतर्कता बरती जा रही है कि कहीं किसी परिजन को कोई आपत्ति न हो. क्योंकि इससे पहले एक बार दो मुख्यमंत्रियों के परिजनों ने आपत्ति जताई थी. एक के परिजनों ने मूंछों की साइज व चश्मे को लेकर आपत्ति जताई थी.
दिवंगत मुख्यमंत्रियों की प्रतिमाएं लगेंगी : जिन मुख्यमंत्रियों की प्रतिमा लगाई जानी हैं, उनमें पंडित रविशंकर शुक्ला, श्यामाचरण शुक्ला, सुंदरलाल पटवा, मोतीलाल बोरा, अर्जुन सिंह, बाबूलाल गौर, वीरेन्द्र सकलेचा, कैलाश जोशी, प्रकाशचंद्र सेठी, राजा नरेशचंद्र सिंह, गोविंद नारायण सिंह, द्वारका प्रसाद मिश्र, भगवंतराव मंडलोई, कैलाशनाथ काटूज के नाम शामिल हैं. विवाद से बचने के लिए परिजनों की सहमति इन प्रतिमाओं को स्थापित करने से पहले ली जा रही है. लोक निर्माण विभाग दिवंगत मुख्यमंत्रियों के परिवारों को इन प्रतिमाओं को दिखा रहा है.
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प्रतिमाओं की फोटो परिजनों को भेजी : विभाग ने प्रतिमाओं की फोटो खींचकर संबंधित पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिजनों को भेजी हैं. दरअसल, विभाग मूर्तियों को लेकर किसी भी तरह के विवाद से बचना चाहता है. मूर्ति के तैयार होने के बाद परिजनों द्वारा कोई आपत्ति न जताई जा सके, क्योंकि इस तरह की आपत्ति पूर्व में पंडित रविशंकर शुक्ला और मोतीलाल बोरा को लेकर जताई जा चुकी है. पंडित रविशंकर शुक्ला की मूंछों की साइज और बोरा के चश्मे को लेकर पहले आपत्ति जताई जा चुकी है. हालांकि परिजनों से पहले विधानसभा के वरिष्ठ विधायकों द्वारा इन प्रतिमाओं को अपनी सहमति दी जा चुकी है. पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई के मुताबिक परिजनों से सहमति मिलने के बाद इस प्रतिमाओं का सीएम द्वारा लोकार्पण किया जाएगा. (Consent of relatives before put statues) (Statues of former chief ministers MP)